जेलों में बढ़ी कैदियों की संख्या, SC ने कहा- शर्तों के साथ रिहाई पर विचार करे सरकार

जेलों में बढ़ी कैदियों की संख्या, SC ने कहा- शर्तों के साथ रिहाई पर विचार करे सरकार

देश की अदालतों में मुकदमों का बोझ लगातार बढ़ रहा है तो वहीं जेलों में कैदियों की तादाद. जेल में कैदियों के लगातार बढ़ रहे बोझ को कम करने की गरज से सुप्रीम कोर्ट ने कैदियों की सजा में सशर्त कटौती के निर्देश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अपराधियों को उनके लिए तय की गई सजा अवधि में आधे से ज्यादा समय सलाखों के पीछे गुजारने के बाद रिहा करने पर विचार किया जाए.

यह भी पढ़ें :   नागरिक उड्डयन मंत्रालय 24 से 27 मार्च, 2022 तक हैदराबाद में 'विंग्स इंडिया 2022' कार्यक्रम आयोजित कर रहा है

सुप्रीम कोर्ट ने 3 साल, 5 साल, 7 साल और 10 साल के साथ ही उम्र कैद की सजा पर भी अदालतों और सरकारों को अपने विवेक से विचार करने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के मुताबिक आधी से ज्यादा सजा काटने के बाद अपराधी को कुछ शर्तों के साथ रिहा किया जा सकता है. इस दिशानिर्देश की बारीकियां भी अदालत ने स्पष्ट कर दी हैं.

यह भी पढ़ें :   मॉयल का शुद्ध लाभ 305 प्रतिशत बढ़ा, परिचालन राजस्व में 33 प्रतिशत का इजाफा; कंपनी ने उत्पादन में 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की

सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि ऐसे कैदी अगर लिखित में अदालत को ये आश्वासन देते हैं कि उन्होंने जो अपराध किया है उसके लिए उन्हें पछतावा है. कानून ने जो भी सजा उन्हें दी है, वह सही है तो सरकार ऐसे कैदियों की शेष बची सजा माफ करने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है.