दानदाता दरगाह कमेटी से एक लाख रुपए की राशि वापस मांगी – अजमेर

दानदाता दरगाह कमेटी से एक लाख रुपए की राशि वापस मांगी – अजमेर

20 लाख रुपए की चंदा वसूली के बाद केंद्र सरकार की दरगाह कमेटी ने अजमेर में ख्वाजा साहब के नाम पर बनने वाली यूनिवर्सिटी के प्रस्ताव को रद्द किया। यूनिवर्सिटी के भवन का शिलान्यास 6 मार्च 2019 को केंद्रीय मंत्री नकवी ने किया था।
चंदे की राशि को खर्च करने पर कमेटी के अध्यक्ष अमीन पठान ने सहायक नाजिम से स्पष्टीकरण मांगा।
दानदाता ने एक लाख रुपए की राशि वापस मांगी।
============
अजमेर स्थित कायड़ विश्राम स्थली की जिस 80 बीघा भूमि पर ख्वाजा गरीब नवाज यूनिवर्सिटी बननी थी, उस यूनिवर्सिटी के प्रस्ताव को अब केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाली दरगाह कमेटी ने रद्द कर दिया है। गंभीर बात यह है कि इस यूनिवर्सिटी के भवन का शिलान्यास 6 मार्च 2019 को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने किया था। पिछले दिनों अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के आंतरिक इंतजाम करने वाली दरगाह कमेटी की एक बैठक हुई। इस बैठक में जब कमेटी के सदस्य मिस्बाह उल इस्लाम ने यूनिवर्सिटी की प्रगति रिपोर्ट जाननी चाही तो कमेटी के अध्यक्ष अमीन पठान ने कहा कि केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री नकवी अब ख्वाजा गरीब नवाज यूनिवर्सिटी के पक्ष में नहीं है।
नकवी चाहते हैं कि यूनिवर्सिटी के बजाए ख्वाजा गरीब नवाज एज्युकेशन इंस्टीट्यूट फॉर एक्सीलेंस की स्थापना की जाए। ताकि शिक्षा के दायरे को ज्यादा बड़ा किया जा सके। इसी बैठक में दरगाह नाजिम की ओर से यह भी जानकारी दी गई कि अब कायड़ विश्राम स्थली पर ख्वाजा गरीब नवाज कॉलेज की शुरुआत प्राइवेट स्तर पर की जाएगी। कमेटी के इस प्रस्ताव से जाहिर है कि यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव रद्द हो गया है।
यह तब हुआ है, जब यूनिवर्सिटी के नाम पर दरगाह कमेटी ने एक सोसायटी बनाकर 20 लाख रुपए से ज्यादा की चंदा वसूली की है। इतना ही नहीं यूनिवर्सिटी के भवन निर्माण के लिए 6 करोड़ रुपए के टेंडर भी जारी किए।
सवाल उठता है कि जब ख्वाजा साहब के नाम पर यूनिवर्सिटी बनानी ही नहीं थी तो फिर केंद्रीय मंत्री से यूनिवर्सिटी के भवन का शिलान्यास क्यों करवाया गया? दरगाह कमेटी के अध्यक्ष अमीन पठान और सदस्यों ने दिल्ली-मुंबई में बैठकें कर धनराशि एकत्रित की। दरगाह कमेटी के नियमों के अनुसार सोसायटी बनाकर किसी भी प्रकार से धन संग्रह नहीं किया जा सकता है। लेकिन कमेटी के नियमों की अवहेलना कर देशभर से चंदा वसूली की गई। गंभीर बात तो यह भी है कि ख्वाजा साहब के नाम पर बनने वाली यूनिवर्सिटी के लिए जो चंदा वसूली की गई, उसके खर्च को लेकर भी अनेक शिकायतें हो रही हैं। इस संबंध में कमेटी के अध्यक्ष पठान ने सहायक नाजिम मोहम्मद आदिल से स्पष्टीकरण भी मांगा है।
पठान ने जानना चाहा है कि इस राशि को किसके आदेश से खर्च किया गया। इस स्पष्टीकरण से भी प्रतीत होता है कि जो धनराशि एकत्रित की गई उसे भी नियमों के विरुद्ध खर्च कर दिया गया। यही वजह है कि अब एक दान दाता अतीक अहमद ने अपनी एक लाख रुपए की राशि दरगाह कमेटी से वापस मांगी है। अतीक अहमद जोधपुर स्थित मारवाड़ एज्युकेशन सोसायटी के अध्यक्ष है। 6 मार्च 2019 को यूनिवर्सिटी के शिलान्यास समारोह के दौरान केंद्रीय मंत्री नकवी ने मीडिया से जो संवाद किया था

G News Portal G News Portal
13 0

0 Comments

No comments yet. Be the first to comment!

Leave a comment

Please Login to comment.

© G News Portal. All Rights Reserved.