प्रसार भारती के नये प्रतीक का शुभारंभ

 

भारत के पब्लिक ब्रॉडकास्टर प्रसार भारती ने 11 जुलाई, 2022 को नये प्रतीक (लोगो) का अनावरण किया और इस तरह अपने गौरवशाली इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा।

नये लोगो का शुभारंभ सूचना एवं प्रसारण सचिव श्री अपूर्व चंद्रा ने किया। उस अवसर पर प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री मयंक कुमार अग्रवाल; प्रसार भारती के सदस्य (वित्त) श्री डीपीएस नेगी तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और प्रसार भारती के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

प्रसार भारती का नया लोगो गहरे अर्थों से ओतप्रोत है। याद रहे कि प्रसार भारती, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्तशासी संस्था है। उसके नये लोगो के बीच के घेरे में जो तत्त्व और भारत का मानचित्र अंकित है, वह आम लोगों के लिये विश्वास, सुरक्षा और आदर्श सेवा का प्रतीक है। अतीत में संगठन की शुरूआत आकाशवाणी (ऑल इंडिया रेडियो) के रूप में हुई थी। उसके बाद दूरदर्शन (डीडी) अस्तित्व में आया, ताकि टेलीविजन सेवाओं की पूर्ति की जा सके। आगे चलकर अंततः वह संसद में पारित एक अधिनियम के जरिये प्रसार भारती (बीबी) के रूप में सामने आया। इस प्रतीक को इस तरह चाक्षुष बनाया गया है, जैसे प्रसार भारती केंद्र से उभरा और उसका क्रमिक विकास होता गया।

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मध्य घेरे में प्रस्तुत तत्त्व और भारत का मानचित्र विश्वास, सुरक्षा और आदर्श का संदेश पूरे देश को देता है, उसी तरह ‘गहरे और हल्के नीले रंग’ की आभा आकाश और समुद्र का प्रतीक है, जो खुले-पन, मुक्ति, पूर्वाभास, कल्पना, प्रेरणा और संवेदनशीलता का द्योतक हैं। नीला रंग गहराई, विश्वास, निष्ठा, ईमानदारी, बुद्धि, आत्मविश्वास, स्थिरता, आस्था और मेधा को भी दर्शाता है। नीला रंग भारत की अस्मिता और परंपराओं का अभिनंदन भी है, जिनके साथ धार्मिक प्रतीक और पौराणिक चरित्र भी जुड़े हैं, जो भारत की लघु चित्रकारी में नजर आते हैं।

नये लोगो के अनावरण के अवसर पर प्रसार भारती के सदस्य (कार्मिक) श्री डीपीएस नेगी ने कहा कि पहले वाले फार्मेट में, प्रसार भारती का कार्पोरेट कार्यालय, आकाशवाणी और दूरदर्शन, दोनों के लोगो का इस्तेमाल करता था, जिसके दो तरफ ‘प्रसार भारती’ अंकित होता था। साथ ही, इसके मध्य में भारतीय प्रतीक होता था। आकाशवाणी और दूरदर्शन, दोनों की अस्मिता से प्रेरित होकर प्रसार भारती का नये लोगो में आकाशवाणी व दूरदर्शन, दोनों की अस्मिताओं को मिलाकर प्रतीक बनाया गया है। इसमें न केवल उनकी चाक्षुष अस्मिता के तत्त्वों को शामिल किया गया है, बल्कि उनके रंग संयोजन को भी अपनाया गया है, ताकि पब्लिक ब्रॉडकास्टर के रूप में प्रसार भारती की अस्मिता पूर्णता को प्राप्त हो सके।

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प्रसार भारती का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है और उसे संसद में पारित अधिनियम के जरिये एक वैधानिक स्वायत्तशासी संस्था के रूप में स्थापित किया गया है। इसमें दूरदर्शन टेलीविजन नेटवर्क और आकाशवाणी का समावेश किया गया है, जो पहले सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की मीडिया इकाइयां हुआ करती थीं।

 

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