सरकार ने भारत के अनुसंधान और विकास इकोसिस्टम पर किसी भी तरह के अनुचित नियंत्रण के होने को खारिज किया

सरकार ने आज भारत के अनुसंधान और विकास इकोसिस्टम पर किसी भी तरह के अनुचित नियंत्रण के होने को खारिज किया है।

लोक सभा में एक प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सभी वैज्ञानिक विभाग भारत सरकार के अन्य विभागों के साथ आपसी समन्वय में एक एकीकृत दृष्टिकोण के साथ काम कर रहे हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि सरकार ने डिजिटल तकनीकों को नियोजित करके अनुसंधान प्रस्तावों के प्रसंस्करण में परिवर्तनकारी बदलाव लाने के लिए कुछ प्रमुख पहल की हैं। इनमें अनुसंधान अनुदानों की समीक्षा व अनुमोदन और डिजिटल हस्तांतरण के प्रस्तावों की ऑनलाइन प्राप्ति व ऑनलाइन प्रोसेसिंग शामिल हैं। इसने कार्यान्वयन को लेकर पारदर्शिता में सुधार किया है और प्रोसेसिंग के औसत समय को पहले के नौ महीनों से घटाकर लगभग साढ़े चार महीने कर दिया है। वहीं, सरकार ने वैज्ञानिक समुदाय सहित नागरिकों की चिंताओं को दूर करने के लिए एक प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र भी शुरू किया है। इसके अलावा नई विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति के निर्माण के तहत देश में ‘अनुसंधान करने में सुगमता’ के मसौदे में कई सिफारिशों को शामिल किया गया है।

यह भी पढ़ें :   आंतरिक और बाह्य सुरक्षा के बीच की खाई को पाटने के लिए, साइबर हमलों और सूचना युद्ध जैसे उभरते खतरों का मुकाबला करने के लिए समन्वित अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों की आवश्यकता : रक्षा मंत्री ने नई दिल्ली में 60वें राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज पाठ्यक्रम के स्नातक अधिकारियों से कहा

डॉ. सिंह ने बताया कि सरकार ने विश्व के अग्रणी नवाचार समर्थित देशों में वैज्ञानिक प्रशासन और शासन संरचना का अध्ययन किया है। विश्व में अधिकांश विज्ञान और प्रौद्योगिकी नवाचार नेतृत्व वाली अर्थव्यवस्थाएं ‘व्यापार करने में सुगमता’ की अवधारणा के अनुरूप अपने ‘अनुसंधान करने में आसानी’ को बेहतर बनाने की दिशा में प्रयास कर रही हैं। कुछ वैश्विक रैंकिंग हैं, जो इस पहलू पर रिपोर्ट कर रहे हैं। इनमें वैश्विक नवाचार सूचकांक और वैश्विक प्रतिस्पर्धा सूचकांक शामिल हैं। ये तुलनात्मक विश्लेषण विज्ञान और प्रौद्योगिकी शासन व प्रशासन से जुड़ी प्रमुख विशेषताओं को सामने लाते हैं। हालिया वर्षों में भारत ने अधिकांश वैश्विक सूचकांकों में अपनी रैंकिंग के मामले में काफी प्रगति की है।

यह भी पढ़ें :   रक्षा मंत्रालय ने भारतीय नौसेना के लिए हथियारों की खरीद हेतु अमेरिका के साथ 423 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए

एमजी/एएम/एचकेपी/वाईबी