राष्ट्रीय उद्यमशीलता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (निस्बड) ने उद्यमशीलता कौशल विकसित करने और आजीविका के निरंतर अवसर पैदा करने के लिए हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के साथ हाथ मिलाया

युवाओं के बीच नवाचार, कल्पना और सक्रियता की संस्कृति को विकसित करने के एक प्रयास के तहत, राष्ट्रीय उद्यमशीलता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (निस्बड) और हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) ने युवाओं के बीच उद्यमशीलता कौशल विकसित करने और आपसी सहयोग के अन्य पहलुओं की पहचान करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। यह गठबंधन रोजगार सृजन की प्रक्रिया को गति देगा और देश में अति सूक्ष्म एवं सूक्ष्म स्तर पर उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए आजीविका के निरंतर अवसर पैदा करेगा।  

इस समझौता ज्ञापन पर निस्बड की निदेशक डॉ. पूनम सिन्हा और श्रीमती कनिका पाल, दक्षिण एशिया प्रमुख – सामुदायिक निवेश एवं स्थिरता कार्यक्रम द्वारा कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के सचिव श्री राजेश अग्रवाल, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) में संयुक्त सचिव श्रीमती अनुराधा वेमुरी, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) में संयुक्त सचिव तथा निस्बड के महानिदेशक श्री कृष्ण कुमार द्विवेदी और एचयूएल में मानव संसाधन विभाग की कार्यकारी निदेशक श्रीमती अनुराधा राजदान की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।

इस साझेदारी के तहत, दोनों संस्थाएं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने, पाठ्यक्रम विकसित करने, क्लस्टर विकास गतिविधियों को शुरू करने, कार्यशालाओं का आयोजन करने और इन्क्यूबेशन सहायता प्रदान करने, उद्योग के साथ लिंकेज प्रदान करने, उपयुक्त वेतन वाले रोजगार के साथ जुड़ने में प्रशिक्षुओं की सहायता करने आदि के लिए आपस में सहयोग करेंगी।

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इस साझेदारी की सराहना करते हुए, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के सचिव श्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि भारत, विश्व की कौशल राजधानी के रूप में बदलते हुए अपने युवाओं के लिए नए अवसरों का एक क्षितिज खोल रहा है। आज, उद्यमियों को राष्ट्रीय संपत्ति माना जाता है और सही कौशल के प्रशिक्षण संबंधी सहायता के जरिए  वे न केवल व्यवसाय में नवाचार ला सकते हैं और विश्वस्तरीय सेवाएं प्रदान कर सकते हैं, बल्कि आर्थिक विकास, नवाचार, प्रतिस्पर्धात्मकता को प्रोत्साहित कर सकते हैं और गरीबी को कम कर सकते हैं। इसलिए अब जबकि हम कोविड-19 महामारी से उबर रहे हैं, एक ऐसी दुनिया बनाने में उन्हें सशक्त एवं समर्थ बनाने की तत्काल आवश्यकता है जहां हमारे पास नौकरी चाहने वालों की तुलना में नौकरी प्रदान करने वालों की संख्या अधिक हों। उन्होंने कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह साझेदारी रोजगार, विकास एवं उद्यमशीलता के लिए एक रोडमैप प्रदान करेगी।

श्रीमती अनुराधा राजदान, कार्यकारी निदेशक, मानव संसाधन ने कहा कि कौशल विकास एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है और हम एचयूएल में इस अभियान का हार्दिक समर्थन करते हैं। एक कंपनी के रूप में, हमने 2030 तक भारत में 15 लाख से अधिक युवाओं के रोजगार की संभावना बढ़ाने के उद्देश्य से उनके कौशल को उन्नत करने और उन्हें कौशल से दोबारा लैस करने की सामाजिक प्रतिबद्धता निर्धारित की है। हम अपने श्रमशक्ति को भविष्य के अनुकूल बनाने के लिए उनके कौशल को भी उन्नत करेंगे। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर के रूप में, हमने निस्बड और कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के साथ एक साझेदारी पर हस्ताक्षर किए हैं, जहां एचयूएल कौशल निर्माण को बढ़ावा देने और युवाओं में उद्यमशीलता की मानसिकता पैदा करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि हम दीर्घकालिक अवधि में एक लंबी और सार्थक जुड़ाव की उम्मीद करते हैं।

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एचयूएल आजीविका संवर्धन के लिए कौशल अधिग्रहण और ज्ञान जागरूकता (संकल्प) परियोजना को सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से निस्बड को 63,00,000 रुपये का योगदान भी दे रहा है, जिसका उद्देश्य उद्यमशीलता से जुड़े इकोसिस्टम को मजबूत करना, बेहतर बाजार कनेक्टिविटी लाना और समाज के हाशिए के वर्गों का समावेशन करना है।   

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