श्री पीयूष गोयल ने निर्यात संवर्धन परिषदों और उद्योग संघों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की और निर्यात को बढ़ाने के लिए ‘संपूर्ण सरकार’ के दृष्टिकोण पर जोर दिया

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में निर्यात संवर्धन परिषदों (ईपीसी) और उद्योग संघों के प्रतिनिधियों के साथ निर्यात स्थिति की समीक्षा की।

श्री गोयल ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए ‘संपूर्ण सरकार’ के दृष्टिकोण पर जोर दिया। मंत्री ने कहा कि इसके लिए निर्यातकों, ईपीसी, सरकारी एजेंसियों और विदेश में भारतीय मिशनों को एक साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता होगी।

ईपीसी और उद्योग की अहम भूमिका को स्वीकार करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि ईपीसी और उद्योग संघ ‘लोकल गोज ग्लोबल: इंडिया मेक फॉर द वर्ल्ड’ को साकार करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

ईपीसी और उद्योग प्रतिनिधियों से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि गेंद हमारे पाले में है और हमें वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए सरकार भारतीय निर्यातकों को विभिन्न माध्यमों से हरसंभव सहयोग कर रही है। उठाए गए पहलों का जिक्र करते हुए, उन्होंने कहा कि गति शक्ति के साथ, सरकार कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक्स में भी सुधार कर रही है। सरकार महत्वपूर्ण व्यापार साझीदारों के साथ और अधिक एफटीए पर हस्ताक्षर करने के लिए भी बातचीत कर रही है। उन्होंने कहा कि इसका अंतरराष्ट्रीय बाजारों में समान अवसर हासिल करने में असर पड़ेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि वैश्विक व्यापार के मामले में भारत की वास्तविक क्षमता हासिल करने के लिए सभी को कड़ी मेहनत करनी होगी।

यह विश्वास व्यक्त करते हुए कि हम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए सही दिशा में बढ़ रहे हैं, श्री गोयल ने कहा कि देश ने 422 अरब डॉलर के सर्वाधिक व्यापारिक निर्यात और 667 अरब डॉलर के कुल निर्यात के आंकड़े को छुआ है, यह वित्तवर्ष 2021 की तुलना में 34.5 फीसदी की वृद्धि को दर्शाता है। जुलाई 2022 तक निर्यात 156 अरब डॉलर (19 फीसदी ज्यादा)- इंजीनियरिंग सामान का निर्यात 38 अरब डॉलर (8 फीसदी ज्यादा), रेडीमेड कपड़े (22 फीसदी अधिक) रहा। चावल, समुद्री उत्पादों और चीनी के कारण जुलाई 2022 तक कृषि निर्यात में लगभग 20 फीसदी की वृद्धि हुई।

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सरकार दुनियाभर के देशों से भागीदारी बढ़ा रही है, यह कहते हुए मंत्री ने मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) के महत्व को रेखांकित किया। इस संदर्भ में उन्होंने उद्योग के प्रतिनिधियों से एफटीए का अध्ययन करने और प्रतिस्पर्धी रूप से फायदे वाले क्षेत्रों की पहचान करने का आग्रह किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि इसी साल यूके के साथ बहुआयामी साझेदारी पर समझौता हो जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने उद्योग के प्रतिनिधियों से अन्य विनिर्माण क्षेत्र को लेकर निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार के लिए पीएम गति शक्ति, पीएलआई, एनएसडब्लूएस, ईओडीबी सुधारों का लाभ उठाने की अपील की।

हर घर तिरंगा अभियान-

वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने निर्यात इकोसिस्टम के सभी हितधारकों से हर घर तिरंगा के संदेश को देश के कोने-कोने तक पहुंचाने का आग्रह किया। उन्होंने उद्योग जगत से एकजुट होकर इस अभियान को सफल और शानदार बनाने का आग्रह किया। वस्त्र सचिव श्री यूपी सिंह ने बताया कि राज्य सरकारों और डाक विभाग को 12 अगस्त तक 6 करोड़ झंडे की आपूर्ति करने के लिए मंत्रालय कुछ निजी कंपनियों के साथ भी काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि 5.12 करोड़ झंडे पहले ही तैयार किए जा चुके हैं।

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एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी)

आज की बातचीत के दौरान, केंद्रीय मंत्री ने 300 से अधिक उत्पादों की ओडीओपी सूची का शुभारंभ किया। उन्होंने लोगों से ओडीओपी पोर्टल का इस्तेमाल करने और वहां से उत्पाद खरीदने की अपील की है। यह सीधे तौर पर भारतीय कारीगरों और उनके परिवारों की मदद करेगा और भारत की लुप्त होती कलाओं को पुनर्जीवित करने में भी मदद करेगा। उन्होंने कहा कि पीएम ने कई बार इन ओडीओपी उत्पादों को त्योहार के उपहार, कॉर्पोरेट गिफ्ट के तौर पर उपयोग में लाने के लिए कहा है और पीएम खुद उपहार के रूप में इन उत्पादों का उपयोग करते हैं।

सभी संघों/ईपीसी का मास्टर डेटाबेस – श्री गोयल ने सभी हितधारकों से अपने सदस्यों, कर्मचारियों और अन्य बुनियादी जानकारियों के साथ देशभर में उद्योग संघों/ईपीसी का एक डेटाबेस तैयार करने को कहा है।

राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली पर प्रजेंटेशन दिया गया। व्यापार करने में आसानी के लिए यह योजना वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही है। पिछले साल इसकी शुरुआत के बाद से, इसके तहत 10 हजार मंजूरी पहले ही दी जा चुकी हैं।

अपने प्रजेंटेशन में वाणिज्य सचिव श्री बी वी आर सुब्रमण्यम ने कहा कि निर्यात पारिस्थितिकी तंत्र (इकोसिस्टम) में सभी हितधारकों ने पिछले साल कड़ी मेहनत की और साल के अंत से 9 दिन पहले ही लक्ष्य हासिल कर लिया। उन्होंने कहा कि उस रफ्तार को बनाए रखने के लिए सभी को अपना योगदान देना होगा।

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