नीति आयोग और बीएमजेड ने विकास सहयोग पर नीति- बीएमजेड संवाद का शुभारंभ किया

नीति आयोग और जर्मन संघीय आर्थिक सहयोग और विकास मंत्रालय (बीएमजेड) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विकास सहयोग के नीति-बीएमजेड संवाद का शुभारंभ किया।

2 मई, 2022 को, भारत और जर्मनी ने हरित और सतत विकास (जीएसडीपी) के लिए साझेदारी के आशय की एक संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर किए थे। जून 2022 में श्लॉस एल्मौ में पिछले जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान, भारत और जी-7 ने जस्ट एनर्जी ट्रांजिशन पार्टनरशिप (जेईटीपी) की दिशा में कार्य करने पर भी सहमति व्यक्त की थी।

आज की वार्ता ने विशेष रूप से एजेंडा 2030 के लक्ष्यों के साथ जलवायु परिवर्तन से निपटने की अनिवार्यता के लिए सामजस्य स्थापित करने हेतु दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग को मजबूत बनाने का मार्ग प्रशस्त किया।

नीति-बीएमजेड संवाद सहयोग के पांच प्रमुख क्षेत्रों सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी), जलवायु कार्रवाई, ऊर्जा पारेषण, उभरती हुई प्रौद्योगिकियां और कृषि-पारिस्थितिकी पर केंद्रित था। दोनों पक्षों ने वर्तमान में जारी संबंधों पर विचार-विमर्श किया और उन क्षेत्रों में संभावित सहयोग की पहचान की जो भारत और जर्मनी के लिए ठोस परिणाम और शिक्षण प्रदान कर सकते हैं।

भारत की आगामी जी-20 अध्यक्षता इस संबंध में विशेष रूप से प्रासंगिक है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी ने पर्यावरण के लिए अपनी जीवन शैली (एलआईएफई) पहल में सन्निहित स्थायी व्यवहार के लिए व्यक्तिगत दायित्व पर प्रधानमंत्री के ध्यान आकर्षित करने पर जोर दिया। हरित और सतत विकास साझेदारी के समर्थन में, जर्मन संघीय मंत्री शुल्ज़ ने आज विशेष रूप से भारतीय राज्यों के स्तर पर एसडीजी और जलवायु कार्रवाई के कार्यान्वयन को मजबूत करने के लिए 35 लाख यूरो के अतिरिक्त वित्त पोषण की घोषणा की।

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संघीय मंत्री स्वेंजा शुल्ज़ ने कहा कि जर्मनी, यूरोपीय संघ और जी-7 के लिए भारत एक वैश्विक भागीदार है। उन्होंने कहा कि वह पेरिस जलवायु लक्ष्यों, एसडीजी और विशेष रूप से भारत में एक न्यायसंगत ऊर्जा पारेषण को प्राप्त करने के लिए भारत के साथ वास्तविक दीर्घकालिक सहयोग के प्रति बहुत गंभीर हैं। उन्होंने कहा कि दीर्घकालिक जीएसडीपी के लिए एक महत्वपूर्ण आधार चाहे वह ऊर्जा पारेषण, दीर्घकालिक गतिशीलता, जलवायु लचीलापन या कृषि-पारिस्थितिक परिवर्तन हो अथवा परिवर्तनकारी अवधारणाओं और नीतियों पर चर्चा करना और इन पर सहमत होना है। उन्होंने कहा कि इसलिए उन्होंने आज श्री सुमन बेरी और उनकी टीम से वार्तालाप किया। उन्होंने कहा कि वह 2023 में भारत की अध्यक्षता में जी-20 के प्रति बेहद आशान्वित हैं और जलवायु कार्रवाई और सतत विकास पर एक मजबूत एजेंडे के लिए भारत का समर्थन करने के लिए तैयार हैं।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी ने कहा कि जर्मनी भारत के सबसे महत्वपूर्ण भागीदारों में से एक है। एक जटिल दुनिया में भारत-जर्मन साझेदारी सफलता का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। उन्होंने कहा कि विकास सहयोग में नीति-बीएमजेड वार्ता हमारे दोनों देशों को एसडीजी, ऊर्जा, उभरती प्रौद्योगिकियों और कृषि-पारिस्थितिकी में जलवायु कार्रवाई करने में प्रोत्साहन देने के मामले में हमारी क्षमता का अनुभव करने में सहायता प्रदान करेगी।

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नीति और बीएमजेड ने नगर स्तर पर एसडीजी स्थानीयकरण को मजबूत करने और राज्य स्तर पर जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में एसडीजी कार्यान्वयन को बढ़ाने के लिए क्षमता निर्माण और कार्यान्वयन के लिए प्रोत्साहन प्रणालियों के साथ सहयोग करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

चर्चा के दौरान, दोनों पक्षों ने कृषि पारिस्थितिकी और प्राकृतिक संसाधनों पर महत्वपूर्ण सहयोग पर जुड़ाव को और मजबूत करने और (i) भारत में प्राकृतिक खेती को बढ़ाने (ii) प्राकृतिक कृषि परंपराओं के लिए विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों में अनुसंधान को मजबूत करने पर सहयोग करने की आवश्यकता (iii) निर्यात की सुविधा के लिए प्राकृतिक कृषि उत्पादों के मानकों और प्रमाणन की दिशा में काम करने और (iv) जलवायु परिवर्तन को कम करने और जलवायु जोखिमों के अनुकूल होने के लिए प्राकृतिक खेती के प्रभाव का मूल्यांकन करने पर भी प्रकाश डाला।

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एमजी/एएम/एसएस