बाल अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ शिकायतों के निवारण के लिए ऑनलाइन पोर्टल “ई-बाल निदान” को नया रूप दिया गया

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) और राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एससीपीसीआर) के समन्वित कामकाज और बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम, 2005 की धारा 13(2) के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणियों को ध्यान में रखते हुए, एनसीपीसीआर “ई-बाल निदान” पोर्टल पर सभी एससीपीसीआर तक पहुंच प्रदान करेगा। एनसीपीसीआर राज्य आयोगों को यूजर आईडी और पासवर्ड उपलब्ध कराएगा ताकि वे पोर्टल पर दर्ज शिकायतों को देख सकें और आवश्यक कार्रवाई कर सकें। इसके अलावा, पोर्टल के पास एनसीपीसीआर से पंजीकृत शिकायतों को संबंधित राज्य आयोग को स्थानांतरित करने का विकल्प होगा, यदि राज्य आयोग पहले ही मामले का संज्ञान ले चुका है। यदि वे शिकायत समाधान में एनसीपीसीआर की भागीदारी चाहते हैं तो राज्य आयोगों को संयुक्त जांच का विकल्प भी प्रदान किया जाएगा।

आयोग ने 2022 में नई सुविधाओं को शामिल करने के लिए इस पोर्टल को नया रूप दिया है, जो शिकायतों से निपटने के दौरान शिकायतकर्ताओं के साथ-साथ आयोग के लिए भी फायदेमंद होगा। कुछ नई विशेषताओं में यंत्रीकृत और समयबद्ध तरीके से शिकायत की प्रकृति के आधार पर बाल अपराध न्याय, पॉक्सो, श्रम, शिक्षा आदि जैसे विषयों में शिकायतों का विभाजन, आयोग में आंतरिक निगरानी और शिकायतों का हस्तांतरण, हर स्तर पर शिकायतों की अधिक से अधिक ट्रैकिंग शामिल है।

यह भी पढ़ें :   नशीले पदार्थों के दुरुपयोग के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर नशा मुक्त भारत अभियान चलाया गया

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) (इसके बाद आयोग के रूप में संदर्भित) बाल अधिकारों और देश में अन्य संबंधित मामलों में बचाव के लिए बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम, 2005 की धारा 3 के तहत गठित एक वैधानिक निकाय है। आयोग को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम, 2012 के उचित और प्रभावी कार्यान्वयन की निगरानी करना भी अनिवार्य है; बाल अपराध न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 और नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009, सीपीसीआर अधिनियम, 2005 की धारा 13 के तहत निर्धारित कार्यों में से एक में आयोग को सौंपा गया है। यह बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए वर्तमान में लागू किसी कानून द्वारा या उसके तहत प्रदान किए गए सुरक्षा उपायों की जांच और समीक्षा करने और उनके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए उपायों की सिफारिश करने का कार्य करता है।

आयोग ने सीपीसीआर अधिनियम, 2005 की धारा 13 के तहत अपने शासनादेश और कार्यों को पूरा करने के लिए 2015 में एक ऑनलाइन शिकायत प्रणाली “ई-बाल निदान” विकसित किया था। यह वेब पते के साथ एक ऑनलाइन पोर्टल www.ebaalnidan.nic.in है, जिसमें कोई भी व्यक्ति किसी बच्चे के खिलाफ किए गए किसी भी उल्लंघन के बारे में शिकायत दर्ज करा सकता है और इस तरह के पंजीकरण के बाद शिकायतकर्ता को शिकायत पंजीकरण संख्या मिल जाएगी। इस नंबर के माध्यम से शिकायतकर्ता द्वारा आयोग में शिकायत के निवारण की प्रगति का पता लगाया जा सकता है। पंजीकरण फॉर्म इस तरह से तैयार किया गया है कि शिकायत के सभी पहलुओं का उल्लेख किया जा सके और शिकायतकर्ता द्वारा विवरण प्रदान किया जा सके। प्रपत्र में घटना की तारीख, घटना का स्थान, पीड़ित के बारे में जानकारी, प्राधिकरण, शिकायत की प्रकृति और श्रेणी, क्या कार्रवाई शुरू की गई, आदि विवरण शामिल है। आयोग के साथ पंजीकृत शिकायतों की प्रक्रिया चलाई जाती है और आयोग को प्राप्त किसी अन्य शिकायत की तरह ही इसका भी निपटारा किया जाता है। रिपोर्टिंग का यह ऑनलाइन तंत्र यह सुनिश्चित करता है कि शिकायतकर्ता को बिना किसी लागत के ऑनलाइन मोड के माध्यम से आयोग को शिकायत करने में आसानी हो। यह शिकायतकर्ता के लिए शिकायतों के निवारण की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाता है और आयोग द्वारा मामलों के समय पर निपटान में मदद करता है।

यह भी पढ़ें :   रोज़गार मेले के लॉंच और 75000 प्रत्याशियों को नियुक्ति पत्र प्रदान करने के अवसर पर प्रधानमंत्री के भाषण का मूलपाठ

****

एमजी/ एएम/ एसकेएस/डीए