सीएसआईआर की लोकप्रिय विज्ञान पत्रिका ‘विज्ञान प्रगति’ को ‘राजभाषा कीर्ति पुरस्कार’

सीएसआईआर की लोकप्रिय विज्ञान पत्रिका “विज्ञान प्रगति” ने एक नया इतिहास रच दिया है। इस पत्रिका को राष्ट्रीय राजभाषा कीर्ति पुरस्कार (प्रथम स्थान) प्राप्त हुआ है और यह पुरस्कार पंडित दीन दयाल उपाध्याय इंडोर स्टेडियम, सूरत  में 14-15 सितंबर 2022 के दौरान आयोजित दूसरे अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन में प्रदान किया गया। राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने इस भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जिसे लगभग 9000 दर्शकों ने देखा।

सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर की निदेशक प्रो. रंजना अग्रवाल ने सूरत राजभाषा सम्मेलन में राजभाषा कीर्ति पुरस्कार ग्रहण किया

सूरत राजभाषा सम्मेलन में, सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर) की निदेशक, प्रो. रंजना अग्रवाल ने केन्‍द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की उपस्थिति में यह प्रतिष्ठित कीर्ति पुरस्कार ग्रहण किया। गुजरात के मुख्‍यमंत्री श्री भूपेन्‍द्रभाई पटेल और गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री अजय कुमार मिश्रा और श्री निसिथ प्रमाणिक ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

यह भी पढ़ें :   श्री प्रल्हाद जोशी ने शिवानी मीणा को सीसीएल की रजरप्पा परियोजना में उत्खनन इंजीनियर बनने पर बधाई दी

पत्रिका में प्रकाशित सामग्री का उद्देश्य युवाओं में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा जगाना

‘विज्ञान प्रगति’ (हिंदी में एक लोकप्रिय विज्ञान पत्रिका) भारत की सबसे लोकप्रिय विज्ञान पत्रिकाओं में से एक है। यह बच्चों, शिक्षकों, शोधकर्ताओं और भारत के साथ-साथ दुनिया भर की जनता के बीच लोकप्रिय है। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर)  ने 1952 में इस पत्रिका को प्रकाशित करना शुरू किया। इसमें सात दशकों की विरासत है और इन वर्षों में, इस पत्रिका के पाठक इसमें प्रकाशित सामग्री से प्रेरित हुए हैं। हिन्‍दी के इस मासिक प्रकाशन में हाल के राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित विकास, खोज, आविष्कार, लेख, फीचर, विज्ञान कथा, विज्ञान कविता, प्रश्नोत्तरी, साइंटून (विज्ञान कार्टून) और डॉक्यूड्रामा के रूप में तकनीकी प्रगति के बारे में जानकारी दी जाती है।

विज्ञान प्रगति का उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी को सरल भाषा में जन-जन तक पहुँचाना है। पत्रिका की विषयवस्तु का उद्देश्य युवाओं में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा को जगाना और विज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए उनमें रुचि विकसित करने का प्रयास करना है। जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगे हुए हैं, वे विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बारे में प्रामाणिक जानकारी के स्रोत के रूप में इस पत्रिका का उपयोग करें।

यह भी पढ़ें :   वैज्ञानिकों ने कोविड-19 से निपटने के लिए स्व-कीटाणुनाशक और जैविक रूप से नष्ट होने वाले फेस मास्क को विकसित किया

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 ए [एच] ने जोर दिया और कहा कि प्रत्येक नागरिक का मौलिक कर्तव्य है कि वह वैज्ञानिक स्वभाव, अनुसंधान की भावना, मानवतावाद और सुधार के बारे में जानकारी का विस्‍तार करे। विज्ञान पत्रिकाएं आम आदमी को विज्ञान और प्रौद्योगिकी की जानकारी देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और उनमें वैज्ञानिक स्वभाव का विकास करती हैं।

इस महान अवसर पर सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान की निदेशक प्रो. रंजना अग्रवाल ने कहा कि ‘विज्ञान प्रगति’ को राजभाषा राष्ट्रीय कीर्ति पुरस्कार सीएसआईआर के साथ-साथ इसके सभी पाठकों, लेखकों और संपादकों का सम्मान है।

एमजी/एएम/केपी/वाईबी