भारत ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत उच्च रक्तचाप के खिलाफ बड़े पैमाने पर शुरू की गई पहल के लिए संयुक्त राष्ट्र (यूएन) पुरस्कार जीता

भारत ने उच्च रक्तचाप (ब्लडप्रेशर) के खिलाफ किए गए प्रयासों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि और मान्यता प्राप्त की है। देश ने अपने “भारत उच्च रक्तचाप नियंत्रण पहल (आईएचसीआई)” के लिए संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार जीता है। यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत बड़े पैमाने पर उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए की गई पहल है। आईएचसीआई को भारत की मौजूदा प्राथमिक स्वास्थ्य प्रणाली के भीतर अपने असाधारण कार्य के लिए सम्मानित किया गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने स्वास्थ्य देखभाल से संबंधित इस पहल की सराहना की। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “आईएचसीआई ने सभी के लिए स्वास्थ्य और कल्याण सुनिश्चित करने के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मिशन को सुदृढ़ किया है।” स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा, “हम एक स्वस्थ और फिट भारत के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

India wins an @UN award for “India Hypertension Control Initiative (IHCI)” – a large scale hypertension intervention within existing primary healthcare system under National Health Mission.IHCI has strengthened PM @NarendraModi Ji’s mission to ensure health & wellness for all.

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), राज्य सरकारों व विश्व स्वास्थ्य संगठन-भारत की एक सहयोगी पहल के रूप में आईएचसीआई ने 21 सितंबर, 2022 को अमेरिका के न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में ‘2022 यूएन इंटरएजेंसी टास्क फोर्स और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल पर डब्ल्यूएचओ स्पेशल प्रोग्राम पुरस्कार’ जीता है। यह पुरस्कार (i) गैर-संक्रमणकारी रोगों (एनसीडी) को रोकने व नियंत्रित करने और (ii) एकीकृत जन-केंद्रित प्राथमिक देखभाल प्रदान करने के क्षेत्र में भारत की उत्कृष्ट प्रतिबद्धता और कार्रवाई को मान्यता देता है। संयुक्त राष्ट्र कार्य बल ने ऐसे संगठन की पहचान की है, जिसके पास एनसीडी की रोकथाम व नियंत्रण में बहुक्षेत्रीय दृष्टिकोण है। इसके अलावा एनसीडी की रोकथाम व नियंत्रण के लिए प्राथमिक देखभाल और इससे संबंधित सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) में प्रदर्शित परिणामों के साथ बहुक्षेत्रीय कार्रवाई है।

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इस पहल के महत्व का अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि भारत में हर चार वयस्कों में से एक को उच्च रक्तचाप है। प्राथमिक देखभाल प्रणाली के स्तर पर उच्च रक्तचाप का नियंत्रण हार्ट अटैक, स्ट्रोक और गुर्दे (किडनी) के काम न करने के कारण होने वाली मौतों को कम करने में अपना योगदान देगा।

आईएचसीआई, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत मौजूदा स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली, उच्च रक्तचाप नियंत्रण हस्तक्षेपों का लाभ उठाने व इसे सुदृढ़ करने और स्वास्थ्य देखभाल के साथ जनसंख्या-आधारित परीक्षण पहल के बीच संबंधों में सुधार करने में सक्षम रहा है। इस पहल की शुरुआत 2017 में की गई थी और 23 राज्यों के 130 से अधिक जिलों को इसके दायरे में लाने के लिए चरणबद्ध तरीके से इसका विस्तार किया गया। इस पहल के तहत आयुष्मान भारत स्वास्थ्य कल्याण केंद्र (एचडब्ल्यूसी) सहित सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में उच्च रक्तचाप के 34 लाख से अधिक रोगी अपना उपचार करवा रहे हैं। स्वास्थ्य प्रणाली के अंतर्गत परियोजना रणनीतियों को आसानी से आगे बढ़ाया जा सकता है। इन रणनीतियों में शामिल है:- एक साधारण दवा-खुराक-विशिष्ट मानक उपचार प्रोटोकॉल, प्रोटोकॉल दवाओं की पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित करना, स्वास्थ्य कल्याण केंद्रों पर फॉलो-अप व दवाओं की रिफिल के साथ देखभाल का विकेंद्रीकरण, सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों व एक शक्तिशाली रीयल-टाइम सूचना प्रणाली को शामिल करते हुए कार्य साझा करना, जो फॉलो-अप और रक्तचाप नियंत्रण के लिए हर एक रोगी की निगरानी कर सकता है। आईएचसीआई के तहत जिन लोगों का इलाज किया गया, उनमें से लगभग आधे का रक्तचाप नियंत्रण में था।

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आईएचसीआई, भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक (एनपीसीडीसीएस) की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम का पूरक है। आईएचसीआई देखभाल की निरंतरता सुनिश्चित करके और मौजूदा “आयुष्मान भारत” कार्यक्रम को बढ़ावा देकर भारत सरकार के लक्ष्यों की उपलब्धि में तेजी लाता है।

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