आयुष्मान भारत (एबी) – पीएमजेएवाई की चौथी वर्षगांठ पर डॉ. मनसुख मांडविया ने देशभर के लाभार्थियों के साथ बातचीत की, लाभार्थियों ने स्वास्थ्य देखभाल व्यय के अपने दर्द और एबी- पीएमजेएवाई से प्राप्त खुशियों को साझा किया

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने उन लाभार्थियों और उनके परिवारों के दर्द व पीड़ा को साझा किया जिन्होंने गंभीर स्वास्थ्य संकट के अपने अनुभव और स्वास्थ्य देखभाल पर खर्च को खुद पूरा करने में अपनी असमर्थता के बारे में जानकारी दी थी। इन लाभार्थियों ने आयुष्मान भारत- पीएम- जेएवाई के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त करने पर अपनी प्रसन्नता के बारे में बताया, जिससे उन्हें पीएम- जेएवाई सूचीबद्ध अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण उपचार प्राप्त करने में सहायता प्राप्त हुई।

 

 

डॉ. मांडाविया ने इस योजना की विभिन्न विशेषताओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, “आयुष्मान भारत ने सभी के लिए स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के सरकार के मिशन को मजबूत किया है।” उन्होंने आगे उन राज्यों से इस योजना में शामिल होने का अनुरोध किया, जिनका नागरिक कल्याण के उद्देश्य से सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के इस राष्ट्रीय मिशन में अभी भी जुड़ना बाकी है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “आयुष्मान कार्डों की सह-ब्रांडिंग के साथ हम जल्द ही सभी पात्र लाभार्थियों को कार्ड प्रदान करेंगे।” अब तक 19 करोड़ से अधिक एबी-पीएमजेएवाई कार्ड बनाए जा चुके हैं और 3.8 करोड़ से अधिक लाभार्थियों ने योजना के तहत नि:शुल्क इलाज का लाभ उठाया है।

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आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) की मुख्य विशेषताओं को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि एबीएचए हेल्थ आईडी स्वास्थ्य क्षेत्र में गेम चेंजर साबित होगी। वहीं, कुछ लाभार्थियों ने स्वास्थ्य आईडी बनाने में आसानी और अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को एक मंच पर उपलब्ध होने के लाभों के बारे में बताया। उन्होंने सूचित किया कि स्वास्थ्य खाते अकाउंट बिना किसी परेशानी या शुल्क के किसी के स्वास्थ्य रिकॉर्ड की पहचान करने, प्रमाणित करने और आसानी से पहुंच बनाने में अत्यधिक सहायक होते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने उन लाभार्थियों की सराहना की, जिन्होंने अपना ऑनलाइन खाता बनाया है। उन्होंने कहा कि युवा सरकार की योजनाओं के दूत हैं और इस तरह के डिजिटल पहलों के लाभों तक पहुंचने में वरिष्ठ नागरिकों की सहायता कर सकते हैं।

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वहीं, डॉ. भारती प्रविण पवार ने इस बात को रेखांकित किया कि इस योजना ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में बड़े बदलाव किए हैं और इसे गरीब परिवारों के लिए सुलभ बना दिया है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत- पीएमजेएवाई उन लाभार्थियों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में सफल रहा है, जो कमजोर वित्तीय पृष्ठभूमि से आते हैं और संभवत: महंगे इलाज का खर्च उठाने में सक्षम नहीं हैं। डॉ. पवार ने आगे कहा कि जरूरतमंदों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के अलावा यह योजना लाभार्थियों को उनके स्वास्थ्य संबंधी अधिकारों के बारे में भी शिक्षित कर रही है। उन्होंने योजना के कवरेज को बढ़ाकर मजबूत भौतिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे की इस नींव पर निर्माण करने का आह्वाहन किया।

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