भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने स्वच्छ भारत मिशन – ग्रामीण और जल जीवन मिशन के कार्यक्रम में भाग लिया और पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने स्वच्छता की प्रेरणा और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनाने के लिए पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस), जल शक्ति मंत्रालय के स्वच्छ भारत दिवस-2022 कार्यक्रम की अध्यक्षता की। माननीय राष्ट्रपति ने इस वर्ष, ओडीएफ प्लस और हर घर जल को गति देने और व्यापक स्वच्छता के लिए लोगों के आंदोलन-जन आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के प्रयासों को प्रोत्साहित करने और उनकी सराहना करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन – ग्रामीण (एसबीएम-जी) और जल जीवन मिशन (जेजेएम) दोनों के लिए पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया। केन्‍द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्‍द्र  सिंह शेखावत के साथ केन्द्रीय ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह, जल शक्ति और जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्री बिश्वेश्वर टुडू और जल शक्ति और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (एसएसजी) 2022, स्वच्छता ही सेवा 2022, सुजलाम 1.0 और 2.0, जेजेएम कार्यात्मकता मूल्यांकन, हर घर जल प्रमाणन के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और नवीन प्रौद्योगिकी के लिए स्टार्ट-अप ग्रैंड चैलेंज में ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एसएलडब्ल्यूएम) के विजेताओं, ओडीएफ प्लस के विभिन्न पहलुओं पर ग्राम पंचायतों के लिए राष्ट्रीय फिल्म प्रतियोगिता, एसबीएम (जी) पर राष्ट्रीय वॉल पेंटिंग प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कार प्रदान किए। माननीय राष्ट्रपति को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्‍द्र सिंह शेखावत द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 और जेजेएम कार्यात्मकता मूल्यांकन 2022 रिपोर्ट की पहली प्रतियां भेंट की गईं।

माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने तेलंगाना, हरियाणा और तमिलनाडु को बड़े राज्यों की श्रेणी के तहत स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2022 पुरस्कार दिए; छोटे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की श्रेणी के तहत अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादरा एवं नगर हवेली और दमन और दीव और सिक्किम को इसी क्रम में, साथ ही भिवानी (हरियाणा) को समग्र रूप से शीर्ष प्रदर्शन करने वाले जिले के रूप में पुरस्कार प्रदान किया।  इसके बाद राष्ट्रपति ने जल जीवन मिशन कार्यात्मकता मूल्यांकन के लिए पुरस्कार प्रदान किए। 60 प्रतिशत से अधिक को नल से जल प्रदान करने वालों की श्रेणी में पुडुचेरी और गोवा को सम्मानित किया गया; 60 प्रतिशत से कम को नल से जल प्रदान करने वालों की श्रेणी में तमिलनाडु और मेघालय ने पहला और दूसरा स्थान हासिल किया। श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने जिला बुरहानपुर, मध्‍य प्रदेश को देश का पहला ‘हर घर जल’ प्रमाणित जिला होने का पुरस्कार भी दिया, जहां ग्राम सभाओं के माध्यम से सभी गांवों ने खुद को ‘हर घर जल’ घोषित किया है।

यह भी पढ़ें :   लोक सेवाओं और सुविधाओं की उपलब्धता के भरपूर प्रयास जारी - अल्पसंख्यक मामलात मंत्री

 

माननीय राष्ट्रपति ने अपने भाषण में गांधी जी को याद किया और कहा कि उनके विचार शाश्वत हैं। सत्य और अहिंसा की तरह उन्होंने भी स्वच्छता पर जोर दिया। उनके जन्मदिन को ‘स्वच्छ भारत दिवस’ के रूप में मनाना उनके प्रति एक सच्ची श्रद्धांजलि है। गांधी जी का विचार था कि यदि हम शुरू से ही बच्चों में स्वच्छता की आदत डालें, तो वे जीवन भर स्वच्छता के प्रति जागरूक रहेंगे। सदियों से स्वच्छता भारतीय संस्कृति और जीवन शैली का अभिन्न अंग रहा है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के शुभारंभ के बाद से, ग्यारह करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया है, और लगभग 60 करोड़ लोगों ने खुले में शौच की अपनी आदत को बदल दिया है। उन्होंने आगे कहा कि 2015 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्य 6 (एसडीजी-6) को इस मिशन के माध्यम से भारत ने 2030 की समय सीमा से 11 साल पहले ही  हासिल कर लिया है।

कोविड -19 की वैश्विक महामारी के दौरान, सभी ने महसूस किया कि अलग शौचालय, साबुन से हाथ धोने की आदत और घर में नल के माध्यम से पानी की आपूर्ति की सुविधा ने आपदा के दौरान एक ढाल के रूप में काम किया।

जल जीवन मिशन के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा कि 2019 में मिशन की घोषणा के समय, देश में केवल 3.23 करोड़ ग्रामीण परिवारों के पास पानी के लिए नल का कनेक्शन था जो अब पिछले 3 वर्षों में बढ़कर 10.27 करोड़ हो गया है। घरों में जल आपूर्ति की सुविधा से जल जनित रोगों में उल्लेखनीय कमी आई है। उन्होंने आगे कहा कि हमें जल प्रबंधन और स्वच्छता के क्षेत्र में दुनिया के सामने एक मिसाल कायम करनी है।

स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2022 और जल जीवन मिशन कार्यक्षमता मूल्यांकन दोनों के लिए शेष पुरस्कार केंद्रीय जल मंत्री श्री गजेन्‍द्र सिंह शेखावत के साथ जल शक्ति राज्य मंत्री श्री बिश्वेश्वर टुडू और श्री प्रहलाद सिंह पटेल के द्वारा दिए गए। मंत्रियों के पैनल ने अन्य श्रेणियों के विजेताओं को भी पुरस्कार दिए। विभिन्न श्रेणियों में सभी विजेताओं की पूरी सूची यहां उपलब्ध है (पुरस्कार विजेताओं की सूची के लिए लिंक)।

अपने संबोधन में केन्‍द्रीय मंत्री श्री गजेन्‍द्र  सिंह शेखावत ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान एक सरकारी कार्यक्रम से आगे बढ़कर लोगों का एक अभियान – एक जन आंदोलन बन गया है जिसने ग्रामीण भारत की तस्वीर को पूरी तरह से बदल दिया है। श्री शेखावत ने स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस) 2022 पखवाड़ा अभियान में लोगों को उनकी भागीदारी और ‘श्रमदान’ के लिए भी धन्यवाद दिया; और एसएचएस 2022 में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों को बधाई दी। जल जीवन मिशन (जेजेएम) की बात करते हुए, उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य न केवल नल का पानी उपलब्ध कराना है, बल्कि उचित गुणवत्ता और पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित करना भी है। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों की सराहना करते हुए, उन्होंने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को पहला स्वजल और स्वच्छ प्रदेश बनने के लिए बधाई दी, यानी केंद्र शासित प्रदेश के सभी गांव अब ‘हर घर जल’ प्रमाणित और ओडीएफ प्लस सत्यापित हैं। उन्होंने किसी भी कार्यक्रम को सफल बनाने के प्रधानमंत्री के “4-पी मंत्र” को दोहराया यानी राजनीतिक इच्छाशक्ति, सार्वजनिक वित्त पोषण, लोगों की भागीदारी और साझेदारी।

यह भी पढ़ें :   प्रदेश की दो विधानसभा छेत्रों के लिए मतदान 30 अक्टूबर को स्वतंत्र-निष्पक्ष-शांतिपूर्ण के साथ ‘सुरक्षित‘ मतदान की सभी तैयारियां पूर्ण बिना मास्क मतदान केंद्र में प्रवेश नहीं मतदाताओं को मतदान के लिए दिए जाएंगे ग्लव्स

इस अवसर पर मौजूद केन्द्रीय ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी के सपने को साकार करने के लिए हमारे दूरदर्शी प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन, उज्ज्वला योजना और जल जीवन मिशन जैसी विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं, जिससे ग्रामीण भारत के लोगों को लाभ हुआ है और यह जन आंदोलन भी बन गया है।

जल शक्ति और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने अपने भाषण में लोगों से स्वच्छता को अपने जीवन का संकल्प और लक्ष्य बनाने का आह्वान किया। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में भूजल प्रबंधन के महत्व पर जोर दिया।

जल शक्ति और जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्री बिश्वेश्वर टुडू ने अपने भाषण में विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों के तहत किए जा रहे अच्छे कार्यों की सराहना की। उन्होंने योजनाओं को सफल बनाने के लिए समाज की भागीदारी और विभिन्न हितधारकों के बीच बेहतर समन्वय पर जोर दिया।

कार्यक्रम में निम्नलिखित श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किए गए।

इस अवसर पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (एसएसजी) 2022 रिपोर्ट और जेजेएम कार्यात्मकता मूल्यांकन 2022 रिपोर्ट जारी की और इन रिपोर्टों की पहली प्रतियां भारत के राष्ट्रपति को सौंपी।

इस आयोजन के दौरान केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (एसएसजी) 2023 और जल जीवन सर्वेक्षण (जेजेएस) 2023 की भी घोषणा की। इसके अलावा, विभाग ने इस अवसर पर निम्नलिखित अभियान भी शुरू किए:

इस कार्यक्रम में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया जिसमें मंत्री, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकार के अधिकारी और केंद्र सरकार के अधिकारी, विकास भागीदार, आदि शामिल थे।

***

एमजी/एएम/एसएस/एसएस