थीम 1: ‘निर्धनता मुक्त और संवर्धित आजीविका ग्राम पंचायत’ पर विषयगत दृष्टिकोण अपनाने के माध्यम से ग्राम पंचायतों में सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण (एलएसडीजी) पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन कल कोच्चि में किया जाएगा

थीम 1: निर्धनता मुक्त और संवर्धित आजीविका ग्राम पंचायत पर विषयगत दृष्टिकोण अपनाने के माध्यम से ग्राम पंचायतों में सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण (एलएसडीजी) पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन 14-16 नवंबर, 2022 के दौरान केरल के कोच्चि के सीआईएएल सम्मेलन केन्द्र में किया जा रहा है। कार्यशाला का आयोजन भारत सरकार के पंचायत राज मंत्रालय द्वारा केरल सरकार के स्थानीय स्वशासन विभाग (एलएसजीडी) और केरल के त्रिशूर के केरल स्थानीय प्रशासन संस्थान (केआईएलए) के सहयोग से किया जा रहा है।

इस सु-संरचित कार्यशाला का उद्देश्य (1) सीमांतीकरण – समावेशन और मूलभूत सेवाओं तक पहुंच, सामाजिक सुरक्षा तंत्र और सुरक्षा प्रणालियों – पंचायतों के माध्यम से राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना  और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) का लाभ उठाते हुए (2) आजीविका – आय असमानता और निर्धनता को दूर करने में पंचायतों की भूमिका, अत्यधिक निर्धनता उन्मूलन और निर्धन, निर्बल और सीमांत वर्गों के लिए रोजगार के अवसरों में सुधार लाने और (3) आपदाओं और अत्यधिक जलवायु घटनाओं द्वारा उत्पन्न विषम परिस्थितियों के विरूद्ध निर्बल समुदायों की अनुकूलता के राष्ट्र स्तरीय महत्व पर जागरूकता का सृजन करना है।

प्रतिभागियों/प्रतिनिधियों के लिए राष्ट्रीय कार्यशाला के तीसरे दिन का प्रमुख आकर्षण प्रक्षेत्र दौरों के रूप में एक अच्छी तरह से डिजाइन की गई ‘अनुभव साझा करने और प्रक्षेत्र से सीख प्राप्त करने’ की प्रक्रिया होगी। राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन दिवस पूर्ण रूप से प्रक्षेत्र दौरों के लिए समर्पित है, जहां प्रतिभागियों को ग्राम पंचायतों में ले जाया जाएगा ताकि उन्हें  स्थानीय स्तर पर प्रमाणित केरल के भीतर निर्धनता में कमी और आजीविका संवर्धन के नीतिगत और प्रचालन आयामों की अंतर्दृष्टि प्राप्त हो सके और वे विभिन्न हितधारकों – निर्वाचित प्रतिनिधियों, अधिकारियों, भागीदारी विनियोजन संरचनाओं, सामुदायिक संगठनों और एसएचजी समूहों, स्वयंसेवकों और सीएसओ द्वारा निर्धनोन्मुखी विकास गाथाओं को आकार देने में उनके द्वारा निभाई गई भूमिकाओं का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त कर सकें।

विभिन्न तकनीकी सत्रों की अध्यक्षता पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री सुनील कुमार, ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव श्री नागेंद्र नाथ सिन्हा और भारत सरकार तथा राज्य सरकारों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित भारत सरकार के सचिवों द्वारा की जाएगी।

 

    

इस बीच, विभिन्न विकासात्मक/आजीविका/कौशल विकास योजनाओं और विषयगत क्षेत्रों में पंचायती राज संस्थानों की पहल और उपलब्धियों को प्रदर्शित करते हुए विभिन्न विषयगत स्टालों के साथ एक प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी।

यह भी पढ़ें :   MP जोशी ने गहलोत सरकार को बताया धार्मिक तुष्टिकरण करने वाली सरकार।

देश भर से और केरल राज्य से पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधि और पदाधिकारी राष्ट्रीय कार्यशाला में भाग लेंगे। विषयगत क्षेत्रों में पहल करने वाली पंचायतों को कार्यशाला में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। राष्ट्रीय कार्यशाला में लगभग 1500 प्रतिभागियों के भाग लेने की संभावना है। इनमें पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधि और पदाधिकारी, प्रमुख हितधारक, डोमेन विशेषज्ञ और एजेंसियां ​​शामिल होंगी जो निर्धनता उन्मूलन, रोजगार सृजन और कौशल/आजीविका बढ़ाने और ग्रामीण समुदायों को बेहतर आय सृजन के लिए अधिक संभावनाओं की खोज करने के लिए सक्षमकारी वातावरण की सुविधा प्रदान करने पर अनुकरणीय कार्य कर रही हैं। इसमें राज्य पंचायती राज और ग्रामीण विकास विभाग, योजना विभाग और अन्य लाइन विभागों, एनआईआरडी और पीआर, एसआईआरडी और पीआर, पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थानों, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों, गैर सरकारी संगठनों, एसएचजी के सभी राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे। विभिन्न स्तरों पर कुदुम्बश्री और मनरेगा के सदस्य भी राष्ट्रीय कार्यशाला में सहभागिता करेंगे।

केरल के मुख्यमंत्री श्री पिनाराई विजयन 14 नवंबर, 2022 को वर्चुअल तरीके से राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन करेंगे। उद्घाटन सत्र ‘पंचायतों में एसडीजी स्थानीयकरण पर केरल राज्य रोडमैप’ और पुस्तक’ सहभागी अत्यधिक निर्धनता आकलन: केरल से अनुभव’ पुस्तक का विमोचन किया जाएगा।

प्रदर्शनी का उद्घाटन उसी दिन केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल, केंद्रीय विदेश और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री श्री वी. मुरलीधरन, स्थानीय स्वशासन विभाग (एलएसजीडी) के मंत्री श्री एम.बी. राजेश, केरल सरकार और अन्य गणमान्य व्यक्ति द्वारा किया जाएगा।

कार्यक्रम के दौरान उपस्थित रहने वाले अन्य गणमान्य व्यक्तियों में पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री सुनील कुमार, ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव श्री नागेंद्र नाथ सिन्हा, भारत सरकार और केरल सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।

 

कार्यशाला के बारे में

राष्ट्रीय कार्यशाला निम्नलिखित उद्देश्यों को प्राप्त करने का प्रयास करती है:

राष्ट्रीय कार्यशाला ग्राम पंचायतों के लिए विचार-विमर्श संबंधित कार्रवाई और अनुभवजन्य सीख के लिए एक उपयुक्त मंच के रूप में काम करेगी। यह सहभागी और अन्वेषणपूर्ण होगा जो तीन गुना प्रक्रिया का अनुपालन करेगा:

थीम1: के विजन में कहा गया है, “निर्धनता मुक्त पंचायत, यह सुनिश्चित करती है कि सामाजिक सुरक्षा हो ताकि कोई भी पुनः निर्धन न हो जाए। एक ऐसा गांव जहां सभी के लिए बढ़ी हुई आजीविका के साथ विकास और समृद्धि हो।” निर्धनता बहुआयामी और विभिन्न कारणों से उत्पन्न होती है बहुकारणीय है जिसका जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रभाव पड़ता है। रोजगार के अवसर, सामाजिक सुरक्षा, आवास, स्वास्थ्य, शिक्षा सहित मूलभूत सेवाओं तक पहुंच, मितव्ययिता और ऋण के लिए सक्षमकारी वातावरण, भूमि उत्पादकता में सुधार और निर्धनों तथा विभिन्न आपदा से निर्बल लोगों की अनुकूलता इस थीम का केंद्रित क्षेत्र है।

यह भी पढ़ें :   प्रधानमंत्री 7 अगस्त को नीति आयोग के शासी परिषद (गवर्निंग काउंसिल) की सातवीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे

इस विजन को साकार करने के लिए स्थानीय लक्ष्यों और टारगेटों को निर्धारित करने और मानव संसाधनों के संयोजन के साथ एक व्यापक योजना तैयार करने तथा मनरेगा, एनआरएलएम, एनएसएपी, ई-श्रम और पंचायत के लिए उपलब्ध अन्य संसाधनों जैसी विभिन्न प्रमुख योजनाओं को तैयार करने में ग्राम पंचायत की महत्वपूर्ण भूमिका है।

पृष्ठभूमि:

संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनाए गए सतत विकास लक्ष्य 1 जनवरी, 2016 से प्रभावी हुए। भारत सरकार के पंचायत राज मंत्रालय ने एसडीजी के लिए विषयगत दृष्टिकोण अपनाया है – यह ‘वैश्विक योजना’ अर्जित करने के लिए ‘स्थानीय कार्रवाई’ सुनिश्चित करने का दृष्टिकोण है। इस दृष्टिकोण का उद्देश्य पीआरआई, विशेष रूप से ग्राम पंचायतों के माध्यम से 17 ‘लक्ष्यों’ को ‘9 थीम’ में शामिल कर ग्रामीण क्षेत्रों में एसडीजी का स्थानीयकरण करना है। उपयुक्त नीतिगत निर्णयों और संशोधनों के परिणामस्वरूप राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) और ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) के दिशानिर्देशों में सुधार हुआ है, जो ग्राम पंचायतों में सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) के स्थानीयकरण की प्रक्रिया को सुगम बनाता है।

पंचायतों में सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण के एजेंडे के अनुसरण में, भारत सरकार का पंचायती राज मंत्रालय नौ थीमों पर विभिन्न स्थानों पर राज संस्थाओं (पीआरआई), पंचायती राज के राज्य/संघ शासित प्रदेशों के विभागों, ग्रामीण विकास और पंचायती राज के राज्य संस्थानों (एसआईआरडी और पीआर), संबंधित मंत्रालयों/विभागों और अन्य हितधारकों के घनिष्ठ सहयोग से सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) के स्थानीयकरण पर विषयगत कार्यशालाओं/सम्मेलनों की एक श्रृंखला आयोजित कर रहा है। एलएसडीजी का प्रभावी और प्रभावशाली कार्यान्वयन तभी हो सकता है जब तीन स्तरीय पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) द्वारा अवधारणा और इसकी प्रक्रिया को समुचित रूप से समझा, आत्मसात और कार्यान्वित किया जाता है, जिससे कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विकास प्रक्रिया में कोई भी पीछे न छूट जाए।

*******

एमजी/एएम/एसकेजे/एमएस