दूरसंचार विभाग ने ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के अवसर पर जनजातीय समुदायों के विकास के प्रति अपनी वचनबद्धता दोहराई

दूरसंचार विभाग (डॉट) ने 15.11.2022 को मनाए जा रहे ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के अवसर पर आदिवासी समुदायों के विकास के प्रति अपनी वचनबद्धता को दोहराया है। दूरसंचार विभाग देश में जनजातीय आबादी को दूरसंचार सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए लगातार कार्य कर रहा है। विभाग की ऐसी कई योजनाएं हैं, जिनके माध्यम से बड़ी संख्या में जनजातीय आबादी वाले इलाकों में दूरसंचार का बुनियादी ढांचा और कनेक्टिविटी प्रदान किया जा  रहा है।

लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिस्म -I योजना के अंतर्गत आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के जनजातीय बाहुल्य इलाकों में 2343 मोबाइल टावर लगाए गए हैं। इसके अलावा अन्य 2542 मोबाइल टावर भी लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिस्म-II योजना के तहत स्थापित किए जा रहे हैं।

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विस्तारित दूरसंचार विकास योजना (सीटीडीपी) के जरिये पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए अर्थात असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा में अब तक संचार सुविधा से वंचित रहे गांवों के लिए 1358 टावर लगाकर मोबाइल कनेक्टिविटी प्रदान की जा रही है। इसके अतिरिक्त, बांग्लादेश की सबमरीन केबल कंपनी लिमिटेड (बीएससीसीएल) के माध्यम कॉक्स बाजार/कुआकाता से अगरतला तक इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए 20 जीबीपीएस अंतर्राष्ट्रीय बैंडविड्थ को चालू किया गया है।

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दूरसंचार विभाग ने एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स स्कीम के तहत 7789 नए गांवों को जोड़ने की योजना बनाई गई है।

सैचुरेशन योजना के अंतर्गत 24680 गांवों में 4जी मोबाइल सेवाएं प्रदान करने के लिए बीएसएनएल द्वारा एक विशेष परियोजना को क्रियान्वित किया जा रहा है। इस योजना से लाभान्वित होने वाले कई गांव दूरस्थ, ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों में स्थित हैं। परियोजना के दिसंबर, 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है।

इन सभी योजनाओं से लक्षित क्षेत्रों में रहने वाली बड़ी संख्या में जनजातीय आबादी लाभान्वित होगी।

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एमजी/एएम/एनके