पेंशनरों द्वारा डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (लाइफ सर्टिफिकेट) जमा करने के लिए पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) का राष्ट्रव्यापी अभियान देश भर में सफलतापूर्वक चल रहा है

उत्तर में श्रीनगर से लेकर दक्षिण में नागरकोइल (कन्याकुमारी जिले) तक और पूर्वोत्तर  में गुवाहाटी से पश्चिम में अहमदाबाद तक 1 से 15 नवंबर तक पूरे भारत के विभिन्न शहरों में विशेष जागरूकता शिविर आयोजित किए गए हैं।

अगले दो सप्ताह में यह विभाग देश के विभिन्न भागों में 22 और डीएलसी जागरूकता शिविर आयोजित करेगा

पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू), कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय , भारत सरकार ने केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (लाइफ सर्टिफिकेट) को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है। चेहरा प्रमाणीकरण तकनीकी ( फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी ) को कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री ( पीपी ) डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा प्रारम्भ किया गया था। सभी पंजीकृत पेंशनर्स संघों, पेंशन वितरण बैंकों, भारत सरकार के मंत्रालयों और केन्द्रीय सरकार स्वास्थ्य सेवा योजना ( सीजीएचएस ) केंद्रों को निर्देश दिया गया है कि वे पेंशनभोगियों के ‘जीवन में सुगमता ( ईज ऑफ लिविंग )’ के लिए विशेष शिविरों का आयोजन कर जीवन प्रमाण पत्र देने के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट / फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक को बढ़ावा दें।

1-15 नवंबर, 2022 की अवधि में उत्तर में श्रीनगर से दक्षिण में नागरकोइल ( कन्याकुमारी जिला ) और पूर्वोतर  मे गुवाहाटी से पश्चिम में अहमदाबाद तक पूरे भारत के विभिन्न शहरों में विशेष जागरूकता शिविर आयोजित किए गए हैं। अब तक कवर किए गए विशिष्ट शहर दिल्ली, नोएडा, चंडीगढ़, मोहाली, जम्मू, श्रीनगर, नागपुर, पुणे, इलाहाबाद, जालंधर, ग्वालियर, त्रिसूर, मदुरै, नागरकोइल, वरोदरा और अहमदाबाद हैं। भारतीय स्टेट बैंक ( एसबीआई ) और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी ) जिन्होंने अभियान स्थलों को प्रायोजित किया था, की मदद से डीओपीपीडब्ल्यू के अधिकारियों द्वारा राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया गया। इस अभियान में हर शहर में पंजीकृत केंद्र सरकार के पेंशनभोगी संघों, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ( आईपीपीबी ), भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण ( यूआईडीएआई ), राष्ट्रीय सूचना केंद्र ( एनआईसी ) के साथ-साथ रक्षा लेखा महानियंत्रक लेखा परीक्षक ( सीजीडीए ) के प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी देखी गई।

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इस उद्देश्य के लिए विकसित किए गए चेहरा प्रमाणीकरण ( फेस ऑथेंटिकेशन ) ऐप से प्राप्त फीडबैक के आधार पर, एनआईसी ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और उसे शामिल किया। उदाहरण के लिए लाइव सर्टिफिकेट ओटीपी प्राप्त करने और उसे डाउनलोड करने के बाद ऐप में खोला जा सकता है। लेकिन पेंशनभोगियों से प्राप्त फीडबैक के कारण ओटीपी प्राप्त होने पर तुरंत जीवन प्रमाण पत्र प्राप्त किया जा सकता है। एसबीआई सभी स्थानों पर अभियान को बढ़ावा देने के लिए पूरी ताकत से सामने आया और उनके अधिकारी छुट्टियों के दिन भी उत्साह से भाग लेते देखे गए।

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देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले पेंशनभोगियों ने इस अभियान की व्यापक रूप से सराहना की है। इस अभियान को पूरे देश में समाचार पत्रों और दूरदर्शन द्वारा व्यापक रूप से प्रचारित और कवर किया गया था। 1-15 नवंबर, 2022 के दौरान, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने इस अवधि के दौरान अपने ट्विटर खाते से 214 ट्वीट प्रसारित किए हैं। इसके अलावा, इस अभियान के अन्य हितधारकों ने इस अवधि के दौरान 316 ट्वीट्स को री-ट्वीट किया है। विभाग द्वारा अपने यूट्यूब पेज पर पांच वीडियो भी अपलोड किए गए थे ।

बढ़ती जागरूकता के कारण चेहरा प्रमाणीकरण ( फेस ऑथेंटिकेशन ) बहुत अधिक लोकप्रिय हो गया है और डीएलसी प्रक्रिया को व्यापक रूप से स्वीकार किया जा रहा है। 15 नवंबर, 2022 तक केंद्र सरकार के कुल 21.01 लाख पेंशनभोगियों द्वारा सफलतापूर्वक डीएलसी का उपयोग किया गया है, जिसमें फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से 1.83 लाख डीएलसी बनाए गए हैं।

अगले दो सप्ताह में यह विभाग देश के विभिन्न हिस्सों में 22 और डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट ( डीएलसी ) जागरूकता शिविर आयोजित करेगा।

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