इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के चार्जिंग पोर्ट में समरूपता की जांच करने वाले केंद्रीय अंतर-मंत्रालयी टास्क फोर्स ने ईयर-बड्स और स्मार्ट घड़ियों जैसे धारण करने योग्य उपकरणों के लिए चार्जिंग पोर्ट की एकरूपता के लिए उप-समूह बनाया

उपभोक्ता कार्य विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा है कि उद्योग जगत को उपभोक्ताओं के कल्याण और टालने योग्य ई-कचरे की रोकथाम के लिए एकसमान चार्जिंग पोर्ट अपनाने में आलस्य को दूर करना चाहिए। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के चार्जिंग पोर्ट में समरूपता के मुद्दे पर तकनीकी जांच पड़ताल  के लिए गठित केंद्रीय अंतर-मंत्रालयी टास्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता के दौरान यह बात कही।

इस बैठक में एमएआईटी, फिक्की, सीआईआई जैसे उद्योग संघों, आईआईटी कानपुर, आईआईटी (बीएचयू),वाराणसी सहित शैक्षणिक संस्थानों और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय सहित केंद्र सरकार के अन्य मंत्रालयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

बैठक के दौरान, स्मार्टफोन, टैबलेट, लैपटॉप आदि जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के चार्जिंग पोर्ट के रूप में यूएसबी टाइप-सी को अपनाने पर हितधारकों के बीच एक व्यापक सहमति बनी। इसके अलावा, इस विषय पर भी विचार-विमर्श किया गया कि फीचर फोन के लिए एक अलग चार्जिंग पोर्ट को इस्तेमाल में लाया जा सकता है।

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विभाग ने धारण करने योग्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए यूनिफॉर्म चार्जिंग पोर्ट के औचित्य की जांच के लिए एक उप-समूह बनाने का भी निर्णय लिया है। उप-समूह में उद्योग निकायों, शैक्षणिक संस्थानों आदि के प्रतिनिधियों को शामिल किया जायेगा।

यह आवश्यकता भी महसूस की गई कि ई-कचरे के संबंध में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में यूनिफॉर्म चार्जिंग पोर्ट के संभावित प्रभाव का आकलन तथा जांच करने के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा एक प्रभावी अध्ययन किया जा सकता है।

हितधारक इस बात पर सहमत हुए कि सामान्य चार्जिंग पोर्ट को चरणबद्ध रूप से परिवर्तित कर अपनाया जा सकता है, ताकि इसे उद्योग जगत द्वारा लागू किया जा सके और उपभोक्ताओं द्वारा सामंजस्यपूर्ण ढंग से इसे स्वीकार किया जा सके।

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चार्जिंग पोर्ट में समरूपता लाना माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सीओपी-26 में शुरू किए गए लाइफ (लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट) मिशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो दुनिया भर के लोगों द्वारा ‘सचेत और व्यर्थ उपयोग’ के बजाय ‘सचेत और सावधानीपूर्वक इस्तेमाल’ का आह्वान करता है। लाइफ मिशन का उद्देश्य लोगों का एक ऐसा वैश्विक नेटवर्क बनाने और उसका पोषण करने का है, जिसका नाम है ‘प्रो-प्लैनेट पीपल’ (पी 3), और जिनके पास पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली को अपनाने एवं बढ़ावा देने के लिए साझा प्रतिबद्धता होगी।

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