जनजातीय छात्रों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा सोसायटी (एनईएसटीएस) और 1एम1बी फाउंडेशन ने एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) के शिक्षकों और छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

·         यह कार्यक्रम ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) और वर्चुअल रियलिटी (वीआर) कौशल के क्षेत्र में प्रशिक्षित करेगा।

·         यह कार्यक्रम पायलट चरण में समझौता ज्ञपान कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में दो राज्यों- राजस्थान और उत्तराखंड के ईएमआरएस में लागू किया जा रहा है।

जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत स्थापित एक स्वायत्त संगठन जनजातीय छात्रों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा सोसायटी (एनईएसटीएस) और 1एम1बी फाउंडेशन के मध्य समझौता ज्ञापन पर 7 नवंबर 2022 को (1एम1बी) एनईएसटीएस मुख्यालय नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए। इस समझौता ज्ञापन पर एनईएसटीएस आयुक्त श्री असित गोपाल और 1एम1बी के प्रबंध निदेशक श्री मानव सुबोध ने 1एम1बी और एनईएसटीएस की टीम की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।

यह कार्यक्रम सीबीएसई द्वारा शुरू किए गए एआर-वीआर कौशल पाठ्यक्रम का उपयोग करते हुए ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) और वर्चुअल रियलिटी (वीआर) कौशल वाले शिक्षकों और छात्रों को सक्षम बनाएगा। इस कार्यक्रम के उद्देश्यों में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) के शिक्षकों और छात्रों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम शामिल हैं। पायलट चरण में इस समझौता ज्ञापन हिस्से के रूप में यह कार्यक्रम दो राज्यों- राजस्थान और उत्तराखंड में लागू किया जा रहा है।

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1 मिलियन फॉर 1 बिलियन (1एम1बी), संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) के लिए विशेष परामर्शदात्री स्थिति के साथ संयुक्त राष्ट्र संगठन से मान्यता प्राप्त बेंगलुरू स्थित एक ‘नॉट फॉर प्रॉफिट’ कंपनी है जो संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक संचार विभाग से जुड़ी है और यह नीति आयोग के एनपीओ दर्पण पोर्टल के साथ एक पंजीकृत विश्वसनीय संगठन है। यह एक सामाजिक नवाचार और भविष्य की कौशल पहल है जो संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) से भी जुड़ी है।

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कार्यान्वयन एजेंसी की साझेदारी में एनईएसईटीएस, 1एम1बी का उद्देश्य शिक्षकों और छात्रों को उभरती हुई प्रौद्योगिकियों द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली संभावनाओं की दुनिया को समझने और ऑगमेंटेड रियलिटी (एआऱ) और वर्चुअल रियलिटी (वीआर) का उपयोग करते हुए एक निर्माता बनाने में सक्षम बनाकर ईएमआरएस के छात्रों को राष्ट्र-निर्माण में शामिल करना और भारत के मेटावर्स का निर्माण करना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप यह विश्वास किया जाता है कि यह सहयोग ईएमआरएस के छात्रों को लम्बे समय तक व्यापक विज़ुअल और प्रयोगात्मक शिक्षा प्रदान करेगा जिससे राष्ट्र के लिए मानव बुनियादी ढांचा संसाधन में वृद्धि होगी।

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