यह कहा जाता है कि न तो आंख को देखकर तृप्ति मिलती है, न ही कान सुनकर संतुष्ट होता है। जीहां, हम इफ्फी का उत्सव मना रहे हैं, लेकिन हम जो देख रहे हैं, जो सुन रहे हैं महज उससे ही संतुष्ट नहीं हैं। हमारा कहने का मतलब यह है कि हमें अच्छी, शानदार और सुंदर चीजें सुनने और देखने को मिली हैं, लेकिन हम उतने से ही संतुष्ट नहीं हैं। हमारी आत्मा तृप्त नहीं हुई है। अनंत सिनेमाई प्रेरणा की हमारी ललक पूरी नहीं हुई है।
जीहां, ये दिल मांगे मोर मीम! अधिक रचनात्मक सामग्री। बड़ी संख्या में लोग न सिर्फ इफ्फी में प्रदर्शित की जा रही फिल्मों, बल्कि अन्य फिल्मों की सुंदरता के बारे में भी बातें कर रहे हैं। हममें से अधिकांश लोग इफ्फी के 53वें संस्करण में सम्मानित किए जा रहे फिल्म निर्माताओं के सपनों, संघर्षों और आकांक्षाओं से प्रेरित हो रहे हैं। हममें से कई लोग आश्चर्य, उत्साह, खुशी, अंतर्दृष्टि और इन सबसे बढ़कर इफ्फी से मिलने वाली प्रेरणा को साझा कर रहे हैं। लेकिन बातें सिर्फ इफ्फी तक ही सीमित नहीं है।
तो आइए हमारे साथ। पीआईबी में हम – पीआईबी आईएफएफआई कास्ट एंड क्रू – यहां एक मीम प्रतियोगिता शुरू कर रहे हैं जिसे हमने #NotJustIFFIMemeContest का नाम दिया है।
यहां प्रस्तुत मात्र नियम भर नहीं हैं:
तो, अब और इंतजार मत कीजिए। अब सोचना शुरू कीजिए! हम आपके द्वारा बनाए जाने वाले मीम को देखने के लिए और ज्यादा इंतजार नहीं कर सकते। शुरू कीजिए। अभी। तत्काल!
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एमजी/एएम/आर/एसके