अत्यंत शीतल तापमान के अंतर्गत किसी चुंबकीय क्षेत्र में आवेशित कणों के व्यवहार पर नया अध्ययन क्वांटम प्रौद्योगिकी में शोर को नियंत्रित करने में सहायता कर सकता है

बेंगलुरु स्थित वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक नए अध्ययन ने इस बात पर नवीनतम प्रकाश डाला है कि किसी चुंबकीय क्षेत्र की उपस्थिति में पर्यावरण के संपर्क में अत्यंत शीतल (अल्ट्रा–कोल्ड) तापमान के अंतर्गत कोई आवेशित कण कैसे व्यवहार कर सकता है? 

इस अध्ययन में शामिल वैज्ञानिकों ने कहा है कि नवीनतम निष्कर्ष वर्तमान में उपलब्ध ज्ञान को और गहरा कर सकने के साथ–साथ क्वांटम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शोर को नियंत्रित करने के उपायों का भी पता लगा सकते हैं।

क्वांटम प्रौद्योगिकी पर्यावरण में ऐसी गड़बड़ी के प्रति बहुत संवेदनशील है जो क्वांटम कंप्यूटरों में संग्रहीत जानकारी को दूषित करती है। इस प्रकार क्वांटम प्रौद्योगिकी में शोर की भूमिका को समझना और इसे नियंत्रित करने के तरीके खोजना लंबे समय से वैज्ञानिकों के लिए एक चुनौती रही है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, सरकार द्वारा वित्त पोषित एक स्वायत्त संस्थान -रमन शोध संस्थान (रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट–आरआरआई) तथा टाटा इंस्टीटयूट ऑफ़ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर) के सैद्धांतिक विज्ञान के लिए अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (आईसीटीएस) के भौतिक विज्ञानियों ने क्वांटम प्रौद्योगिकी में शोर की भूमिका और क्वांटम ब्राउनियन गति नामक विकसित क्षेत्र की जांच की। उन्होंने हाल ही में जर्नल फिजिका ए में प्रकाशित शोध के अनुसार  पाया कि क्वांटम डोमेन) में शोर किसी चुंबकीय क्षेत्र में आवेशित कण को ​​​​प्रभावित कर सकता है, साथ ही उन्होंने एक चुंबकीय क्षेत्र में आवेशित कण के संदर्भ में अत्यंत शीतल तापमान पर सहसंबंधों के क्षय में क्वांटम शोर की भूमिका का भी पता लगाया।

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ब्राउनियन गति, तरल पदार्थ में निलंबित होने पर कणों की यादृच्छिक (रैंडम) गति, भौतिकी के आधारभूत स्तंभों में से एक बनाती है, इस क्षेत्र में अल्बर्ट आइंस्टीन के मौलिक कार्य के लिए उन्हें धन्यवाद। क्वांटम ब्राउनियन गति- एक खुली मात्रा और स्वतंत्रता की निरंतर डिग्री के लिए संभावित गतिकी का एक वर्ग है।

अतीत में, शोधकर्ताओं ने इसी तरह के संदर्भ में एक तटस्थ के ब्राउनियन कण के व्यवहार का अध्ययन किया है। हालांकि, शोधकर्ताओं ने कहा कि अत्यंत शीतल (अल्ट्रा-कोल्ड) तापमान पर लागू किसी एक चुंबकीय क्षेत्र में आवेशित किए गए ब्राउनियन कण की मंद गति से समय प्रवाह  को शामिल करने वाला यह पहला सैद्धांतिक अध्ययन है।

यह अध्ययन कारकों के क्षय की प्रकृति के बारे में पूर्वानुमान करता है जिसे अत्यंत–शीतल (अल्ट्रा-कोल्ड) आणविक प्रयोगों के माध्यम से सुलभ क्वांटम डोमेन में स्थिति सहसंबंध के होने की प्रकिया, स्थिति-वेग सहसंबंध प्रक्रिया और वेग स्वचालित सहसंबंध प्रक्रिया कहा जाता है। एक चिपचिपे वातावरण की अनुकृति करने वाले प्रकाशिक शीरे (ऑप्टिकल मोलासेस) में कुछ नैनो केल्विन तापमान के क्रम में अत्यंत–शीतल (अल्ट्रा-कोल्ड) तापमान पर किसी एक चुंबकीय क्षेत्र में आवेशित कण पर विचार करके इन पूर्वानुमानों का परीक्षण किया जा सकता है।

‘लॉन्ग-टाइम टेल्स इन क्वांटम ब्राउनियन मोशन ऑफ़ ए चार्ज्ड पार्टिकल इन ए मैग्नेटिक फील्ड’ शोध पत्र के सह- लेखकों में से एक और सैद्धांतिक भौतिकी में संकाय सदस्य प्रोफेसर सुपूर्णा सिन्हा ने कहा कि  “उच्च तापमान के वर्गीकृत डोमेन में लंबे समय में सहसंबंध बहुत तेजी से घटते हैं। इसके विपरीत, कम तापमान वाले डोमेन में, सहसंबंधों का क्षय काफी धीमा हो जाता है। हम अध्ययन करते हैं कि कैसे चुंबकीय क्षेत्र और हार्मोनिक ऑसिलेटर ट्रैप कण को ​​​​सीमित करने के साथ ही कम तापमान क्वांटम डोमेन में सहसंबंधों के क्षय को भी प्रभावित करते हैं।’’

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रमन शोध संस्थान (आरआरआई) में पोस्टडॉक्टरल फेलो और पेपर के प्रमुख लेखक सुरका भट्टाचार्जी ने कहा कि “वहीं दूसरी ओर चुंबकीय क्षेत्र की क्षमता इस क्षय के आयाम को प्रभावित करती है और यह क्षय तब धीमा हो जाता है जब तापीय उतार-चढ़ाव पर क्वांटम उतार-चढ़ाव हावी हो जाता है।

यह कार्य रमन शोध संस्थान (आरआरआई) में अंतर- विषयी (इंटर-थीम) अनुसंधान का एक उत्कृष्ट उदाहरण है तथा इस मामले में क्वांटम मिश्रण प्रयोगशाला में सिद्धांतकारों और प्रयोगकर्ताओं के बीच, आरआरआई में क्वांटम प्रयोगशालाओं के समूह का एक हिस्सा भी है।

इसी तरह के सैद्धांतिक कार्य जारी रखने में, यह समूह वर्तमान में एक फिरकी  (स्पिन) वाले  क्वांटम ब्राउनियन कण के उस व्यवहार को समझने की कोशिश कर रहा है, जिसका कि अभी  अध्ययन चल रहा है।

प्रकाशन लिंक :

https://www.sciencedirect.com/science/article/abs/pii/S037843712200824X?via%3Dihub

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