संस्कृति मंत्रालय ने आज इंडिया गेट पर वंदे भारतम के तहत दिल्ली के लिए राज्य स्तरीय फाइनल प्रतियोगिता का आयोजन किया

 

खास बातें

 

विदेश एवं संस्कृति राज्य मंत्री, श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने आज सेंट्रल विस्टा, इंडिया गेट पर कथाकार के 15वें संस्करण और वंदे भारतम के दिल्ली राज्य स्तरीय फाइनल की शोभा बढ़ाई।

इस वर्ष कथाकार ने आजादी का अमृत महोत्सव के तहत संस्कृति मंत्रालय के साथ भागीदारी की और यह आयोजन एम्फीथिएटर सेंट्रल विस्टा इंडिया गेट पर शाम 4 बजे से 7:30 बजे तक कलांजलि के रूप में हुआ।

कथाकार महोत्सव ने भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय कहानीकारों जिसमें यूनाइटेड किंगडम; ऑस्ट्रेलिया; मंगोलिया; सिएरा लियोन और भारत शामिल थे, के द्वारा  प्राचीन दौर से चली आ रही कहानी सुनाने की उनकी अपनी कला में अद्भुत कहानियों और संगीत का प्रत्यक्ष प्रदर्शन किया।

 

  

दिल्ली के लिए वंदे भारतम राज्य स्तरीय फाइनल में आज सीधे शामिल हुए 25 प्रतिभागियों सहित 165 प्रतिभागियों ने भाग लिया। वंदे भारतम नृत्य उत्सव-2023 के राज्य स्तरीय चयन में दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ के कलाकार आए थे। प्रतिभागियों में 18  नृत्य समूह और एकल प्रदर्शन में 19 प्रतिभागी थे। बड़ी संख्या में दर्शकों ने इस प्रतियोगिता को देखा और प्रदर्शन की सराहना की।

इस अवसर पर श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने कहा कि गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय समारोह के लिए नृत्य समूहों के चयन की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और व्यापक बनाया गया है, जिसमें जनभागीदारी शामिल है, जो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सोच है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व होना चाहिए और कहानी कहना भारतीय परंपरा का हिस्सा है और कथाकार इस परंपरा का उत्सव मनाता है। उन्होंने कहा कि सबका साथ और सबका प्रयास भारत को एक विकसित देश बनाएगा और वंदे भारतम का उद्देश्य जन भागीदारी को बढ़ाना है।

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‘वंदे भारतम’ गणतंत्र दिवस समारोह-2023 के तत्वावधान में रक्षा मंत्रालय की तरफ से संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित की जाने वाली नृत्य प्रतियोगिता है।

रक्षा मंत्रालय के परामर्श के बाद यह निर्णय लिया गया है कि 26 जनवरी, 2023 को कर्तव्य पथ, नई दिल्ली में प्रदर्शित होने वाले वंदे भारतम कार्यक्रम का विषय ‘नारी शक्ति’ होगा, जो गणतंत्र दिवस परेड- 2023 के विषयों में से एक है। संस्कृति मंत्रालय द्वारा देश भर से लगभग 500 प्रतिभागियों का चयन करने के लिए वंदे भारतम नृत्य उत्सव का आयोजन किया जा रहा है, जो इस विषय पर गणतंत्र दिवस समारोह, 2023 के दौरान पेश की जाने वाली विशेष रूप तैयार की गई प्रस्तुति का हिस्सा होंगे।

भाग लेने वाले व्यक्तियों/समूहों द्वारा प्रविष्टियां जमा करने के लिए तिथियां 15 अक्टूबर से 10 नवंबर, 2022 के बीच निर्धारित की गई थीं। प्रविष्टियों को MyGov.in पोर्टल पर 17 से 30 वर्ष के आयु समूह में लोक कला/जनजातीय, शास्त्रीय और समकालीन फ्यूजन ऑर्ट शैलियों में जमा करना आवश्यक था। निर्धारित अवधि के दौरान कुल 1201 प्रविष्टियां (कुल 4112 समूहों /व्यक्तिगत कलाकारों को मिलाकर) प्राप्त हुई हैं। राज्यों के फाइनल में प्रतिभागियों को सीधे प्रवेश की अनुमति देने का भी फैसला किया गया है।

त्रिपुरा ; बिहार और झारखंड; मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए राज्य स्तरीय फाइनल हो चुके हैं। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लिए राज्य स्तरीय फाइनल कल हैदराबाद में आयोजित किया जाएगा जिसमें आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों के 197 प्रतिभागी प्रदर्शन करेंगे। केंद्रीय संस्कृति मंत्री श्री जी.के. रेड्डी इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।

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भारत में कहानी कहने की कला के कई रूप हैं और यह कई माध्यमों का उपयोग करती है। वातावरण, शैलियों, या संस्कृतियों में अंतर के बावजूद, सभी कहानियों का लक्ष्य अंततः कुछ ऐसा संदेश देना होता है जो व्यापक हो। वे दर्शकों की शिक्षा और मनोरंजन दोनों से जुड़े उद्देश्य पूरा करते हैं। यह स्पष्ट है कि भारत की संस्कृति के विभिन्न वर्गों का कहानी कहने का अपना अलग दृष्टिकोण है। इसमें कठपुतलियों, नृत्य,  यहां तक ​​कि संगीत वाद्ययंत्रों की मदद ली जाती है जिससे कथावाचक अपने द्वारा सुनाई जा रही कहानी को और अधिक प्रभावशाली बना सके। इसलिए, भारत की कहानी सुनाने की समृद्ध परंपरा का एकमात्र उत्सव कथाकार को घुम्मक्कड़ नारायण ट्रैवलिंग लिटरेचर फेस्टिवल की छत्रछाया में 2010 में लॉन्च किया गया ।

कथाकार 2022 – एक ऐसी दुनिया में जहां हाईटेक उपकरण और गैजेट्स जीवन पर हावी हैं, कहानी सुनाने की पारंपरिक शैली को पुनर्जीवित करने का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जो देश और विदेश के पेशेवर और जोशीले कहानीकार को पेश करेगा, और वे इस तथ्य को साबित करने के लिए अपनी मंत्रमुग्ध कर देने वाली कलाओं का प्रदर्शन करेंगे कि सुनाई जाने वाली कहानियां भाषा और संस्कृति की सभी सीमाओं को खत्म करती हैं।

अपनी स्थापना के बाद से, इस महोत्सव को अब तक प्रमुख हस्तियों ने संबोधित किया है, जिनमें पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, सद्गुरु जग्गी वासुदेव, डॉ. शशि थरूर, मनोज बाजपेयी, विशाल भारद्वाज, पंकज त्रिपाठी, शांतनु मोइत्रा, इम्तियाज अली, मार्गरेट अल्वा, सुनील शास्त्री, नंदिता दास, सुषमा सेठ और अन्य गणमान्य लोग शामिल हैं।

 

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