हेमंत सोरेन के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भी गिरफ्तारी संभव। यूपी में सपा ने भी कांग्रेस को झटका दिया।
हेमंत सोरेन के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भी गिरफ्तारी संभव। यूपी में सपा ने भी कांग्रेस को झटका दिया।

हेमंत सोरेन के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भी गिरफ्तारी संभव। यूपी में सपा ने भी कांग्रेस को झटका दिया।

हेमंत सोरेन के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भी गिरफ्तारी संभव।
यूपी में सपा ने भी कांग्रेस को झटका दिया।
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देश के लोकतांत्रिक इतिहास में 31 जनवरी को पहला अवसर रहा जब किसी राज्य के मुख्यमंत्री को जांच एजेंसियों ने हिरासत में लिया और फिर उनका इस्तीफा करवाया गया। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 31 जनवरी की रात को राज्यपाल राधाकृष्णन को इस्तीफा दिया, तब भी वे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में थे। इस्तीफा मंजूर होते ही सोरेन को गिरफ्तार कर लिया गया। यह भी पहला अवसर होगा जब किसी राज्य का कोई मुख्यमंत्री न हो और न ही राज्यपाल ने कोई कामचलाऊ व्यवस्था निर्धारित की हो। सोरेन के इस्तीफे के बाद झारखंड में मुख्यमंत्री का पदभार किसी के पास भी नहीं है। हालांकि सोरेन की पार्टी जेएमएम ने सरकार बनाने का दावा प्रस्तुत किया है। सोरेन पर सेना की जमीन को खुदबुद करने के गंभीर आरोप है। भ्रष्टाचार के आरोप में ही हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन को भी सजा हुई है। 31 जनवरी को जिस तरह हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी हुई उसी तरह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी भी संभव है। ईडी ने शराब घोटाले में पांचवीं बार केजरीवाल को समन जारी किया है। इस समन के अनुसार केजरीवाल को 2 फरवरी को पूछताछ के लिए उपस्थित होना है। माना जा रहा है कि पूर्व के चार समनों की तरह केजरीवाल 5वें समन को भी दरकिनार कर देंगे। केजरीवाल का दावा है कि ईडी को उनके विरुद्ध समन जारी करने का अधिकार नहीं है। यहां यह उल्लेखनीय है कि हेमंत सोरेन ने भी 9 बार ईडी के समन को दरकिनार कर दिया था। 10वें समन पर जब ईडीने गिरफ्तारी की योजना बनाई जो हेमंत सोरेन को समर्पण करना पड़ा। इस समर्पण की वजह से ही सोरेन मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए गिरफ्तारी से बच गए। देखना होगा कि ईडी कितने समन के बाद केजरीवाल को गिरफ्तार करने की योजना बनाती है। शराब घोटाले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित जितने भी व्यक्ति गिरफ्तार हुए हैं, उन्हें लाख कोशिश के बाद भी हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से जमानत नहीं मिली है।
यूपी में भी कांग्रेस को झटका:
बंगाल में ममता बनर्जी, बिहार में नीतीश कुमार, पंजाब में भगवंत मान द्वारा झटका दिए जाने के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी सपा के अखिलेश यादव ने कांग्रेस को झटका दे दिया है। 31 जनवरी को सपा ने लोकसभा चुनाव के लिए 16 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने इसे सपा की एकतरफा कार्यवाही बताया है। रमेश ने कहा कि जब सपा को यूपी में अकेले ही चुनाव लड़ना है तो फिर इंडी एलायंस में शामिल क्यों है? कांग्रेस भी अपने दम पर चुनाव लड़ने के लिए सक्षम है। सपा के उम्मीदवारों की घोषणा से इंडी एलायंस और बिखर गया है।