ऑक्सीजन की जमाखोरी करने वालों के खिलाफ राज्य कठोर कार्रवाई करें

जलवायु परिवर्तन लाखों लोगों के लिए एक जीवंत वास्तविकता है : जलवायु पर नेताओं के शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने शिखर सम्मेलन में कहा कि जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए हमें तेज गति से, बड़े पैमाने पर और वैश्विक संभावना के साथ ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए मानवता को ठोस कार्रवाई करने की आवश्‍यकता है और इस तरह की कार्रवाई बहुत तेजी से, बड़े पैमाने पर और विश्‍व स्‍तर पर होनी जरूरी है

मानवता वैश्विक महामारी से जूझ रही है और यह कार्यक्रम इस मौके पर हमें याद दिलाता है कि जलवायु परिवर्तन की गंभीर चुनौतियां अभी खत्म नहीं हुई हैं। यह दुनियाभर के लाखों लोगों के लिए एक जीवंत वास्तविकता है

कोविड बाद के समय में अपनी आर्थिक रणनीति तय करने का आधार सतत जीवनचर्या और अपने मूल में लौटने के दर्शन पर आधारित होना चाहिए

भारत 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के जरिए 450 गीगावाट बिजली का उत्‍पादन करने को वचनबद्ध है

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विकास की चुनौतियों के बावजूद भारत ने प्रदूषण रहित स्‍वच्‍छ ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, वृक्षारोपण और जैव विविधता के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

मानवता के लिए जलवायु परिवर्तन से निपटने को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। हमें तेज गति से, बड़े पैमाने पर और वैश्विक स्तर पर ऐसे कदम उठाने की जरूरत है। भारत में, हम तेजी से इस दिशा में काम कर रहे हैं। साल 2030 तक 450 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का महत्वाकांक्षी लक्ष्य हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

विकास से जुड़ी चुनौतियों के बावजूद, हमने स्वच्छ ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, वनीकरण और जैव-विविधता से संबंधित कई साहसिक कदम उठाए हैं। यही वजह है कि हम उन कुछ देशों में से हैं जहां राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) 2-डिग्री सेल्सियस के अनुरूप है।

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हमने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन, लीडआईटी और आपदा रोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन जैसी वैश्विक पहलों को भी प्रोत्साहित किया है।

जलवायु के प्रति एक जिम्मेदार विकासशील देश के रूप में, भारत सतत विकास का खाका तैयार करने के लिए भागीदारों का स्वागत करता है। ये अन्य विकासशील देशों की भी मदद कर सकते हैं जिन्हें ग्रीन फाइनेंस और स्वच्छ प्रौद्योगिकियों के लिए सस्ती पहुंच की जरूरत है।

ऐसे में राष्ट्रपति बाइडेन और मैं मिलकर “भारत-अमेरिका जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 भागीदारी” की शुरुआत कर रहे हैं। एक साथ मिलकर हम निवेश जुटाने में मदद करने, स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी को विकसित करने और हरित भागीदारी को सक्षम बना सकते हैं।

आज, जैसा कि हम वैश्विक जलवायु कार्रवाई पर चर्चा कर रहे हैं, मैं आपके साथ एक विचार साझा करना चाहता हूं। भारत का प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन वैश्विक औसत से 60 प्रतिशत कम है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारी जीवन शैली अब भी पारंपरिक प्रथाओं में निहित है।

इसलिए आज, मैं जलवायु परिवर्तन से संबंधित कदम उठाने में जीवन शैली में बदलाव के महत्व पर जोर देना चाहता हूं। सतत जीवन शैली और “मूल की ओर लौटो” का मार्गदर्शक दर्शन कोविड के बाद के समय में हमारी आर्थिक रणनीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ होना चाहिए।

मैं महान भारतीय संत स्वामी विवेकानंद के शब्दों को दोहराना चाहता हूं। उन्होंने हमसे कहा था “उठो,जागो और तब तक न रुको जब तक

कि लक्ष्य को हासिल न कर लो”। आइए मिलकर इस दशक में जलवायु परिवर्तन के खिलाफ ठोस कदम उठाएं।

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प्रधानमंत्री मोदी ने ऑक्सीजन संकट के बीच उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, अधिकारियों से उत्पादन बढ़ाने को कहा

उच्चस्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री ने ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने, उसके वितरण की गति तेज करने और स्वास्थ्य सुविधाओं तक उसकी पहुंच सुनिश्चित करने के लिए तेज गति से काम करने की आवश्यकता पर बल दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों को निर्बाध और बगैर किसी परेशानी के ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए।

प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कहा कि ऑक्सीजन की जमाखोरी करने वालों के खिलाफ राज्य कठोर कार्रवाई करें।

कोविड-19 : प्रधानमंत्री मोदी  मुख्यमंत्रियों और ऑक्सीजन निर्माताओं से मुलाकात करेंगे

प्रधानमंत्री देश के शीर्ष ऑक्सीजन निर्माताओं के साथ चर्चा समेत कुल 3 महत्वपूर्ण बैठकों के जरिए महामारी की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करेंगे।

प्रधानमंत्री कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद करेंगे और महामारी की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करेंगे।

गुरुवार को प्रधानमंत्री ने राज्यों को निर्बाध और बगैर किसी परेशानी के ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए।

ऑक्सीजन सप्लाई में मदद करने के लिए भारतीय रेलवे और भारतीय वायु सेना आगे आई

भारतीय रेलवे : देशभर में ऑक्सीजन के आसान और सुगम परिवहन की सुविधा के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया जा रहा है।

कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में वायु सेना का परिवहन बेड़ा सहयोग कर रहा है। देशभर में चिकित्सा सुविधाओं को पहुंचाने और कोविड अस्पतालों के निर्माण के लिए वह चिकित्साकर्मियों, उपकरणों व दवाओं को एयरलिफ्ट कर रहा है।

भारतीय रेलवे ने इसे और अधिक तेजी से और तेजी से रोगियों को मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति में मदद करने के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस की शुरुआत की है।