केंद्रीय मंत्री रविशंकर ने कहा: भ्रामक जानकारी के मुद्दे पर ट्विटर कर रहा मनमानी

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को ट्विटर के नए आईटी नियमों के अनुपालन को लेकर आनाकानी करने के रवैये पर सोशल मीडिया वेबसाइट को लताड़ लगाई है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर कानूनों के अनुपालन से कन्नी काटने की कोशिश करता है तो इस तरह के प्रयास गलत साबित होंगे।
केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट कहा है कि ट्विटर 26 मई से लागू नए आईटी नियमों के अनुपालन में विफल रहा है। ट्विटर को कई मौके दिए गए, लेकिन वह जान-बूझकर अनुपालन से कन्नी काटता रहा। उनका यह बयान इस तरह के प्रश्नों पर सामने आया है, जिसमें पूछा जा रहा है कि क्या ट्विटर को संवाद माध्यम के तौर पर मिला संरक्षण जारी है।
उल्लेखनीय है कि कल गाजियाबाद में ट्विट, समाचार वेबसाइट द वायर, पत्रकार राना अय्यूब व कुछ अन्य टि्वटर उपयोगकर्ताओं पर भ्रामक समाचार फैलाने को लेकर मामला दर्ज हुआ है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो को लेकर कल इन लोगों ने ट्वीट किया था।
इस वीडियो में एक मुस्लिम व्यक्ति की दाढ़ी काटते हुए दिखाया गया था। वीडियो में दिख रहे शख्स ने आरोप लगाया कि उसे जबरन जय श्रीराम बुलवाया गया और उसकी दाढ़ी काटी गई।
हालांकि पुलिस का कहना था कि ताबीज के गलत नतीजे मिलने पर कुछ लोगों ने उसके साथ ऐसा व्यवहार किया था। इन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
इसी विषय पर रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट कर बताया कि भारत एक बड़े क्षेत्र में फैला सांस्कृतिक रूप से विविध देश है। ऐसे में विशेष परिस्थितियों में सोशल मीडिया पर लगाई गई छोटी सी चिंगारी झूठे समाचार को बड़े विवाद में बदल सकती है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि खुद को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का झंडाबरदार बताने वाला ट्विटर कानून के तहत बनाए गई शिकायत निवारण व्यवस्था को लागू नहीं करना चाह रहा। बावजूद इसके उसने स्वयं मैनिपुलेटेड मीडिया तय करने की नीति तैयार की है और जिसे वह अपने मनचाहे तरीके से इस्तेमाल कर रहा है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का हुआ घटनाक्रम फेक न्यूज को लेकर ट्विटर के इसी मनमानी रवैया का परिचायक है। एक बार नहीं, बल्कि कई बार ट्विटर अपनी भूमिका निभाने में विफल रहा है। भारत में फार्मा आईटी और अन्य क्षेत्रों में भी अमेरिकी और अन्य विदेशी कंपनियां कार्यरत हैं और वह स्थानीय कानूनों का पालन करती हैं। ऐसे में ट्विटर भारतीय कानूनों के अनुपालन से दूरी बना रहा है। भारतीय कानून पीड़ितों को प्रताड़ना के खिलाफ आवाज देता है।
जी-7 शिखर सम्मेलन में भारत की ओर से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक प्रावधान पर जताई प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय समाज कानून पर आधारित व्यवस्था में चलता है। ऐसे में ट्विटर के इनके अनुपालन से कन्नी काटने के प्रयास विफल होंगे।