गर्त में पहुंचा कोटा रेल मंडल, जीती सिर्फ 6 शिल्डें, पिछली बार से भी तीन कम, वाणिज्य विभाग फिर फिसड्डी

गर्त में पहुंचा कोटा रेल मंडल, जीती सिर्फ 6 शिल्डें, पिछली बार से भी तीन कम, वाणिज्य विभाग फिर फिसड्डी
कोटा। न्यूज. कोटा रेल मंडल का काम पिछले एक साल में गर्त में पहुंच गया है। यह साबित हुआ है पश्चिम-मध्य रेलवे द्वारा उत्कृष्ट कार्यो के लिए दी जाने वाली शिल्ड की घोषणा से। बुधवार को की गई इस घोषणा के अनुसार कोटा रेल मंडल ने 2020-21 में 25 में से मात्र 6 शिल्डें जीतने में कामयाब हो सका है। जबकि 2019-20 में कोटा रेल मंडल ने 9 शिल्डों पर कब्जा जमाया था। पिछली बार की तरह वाणिज्य विभाग इस बार भी फिसड्डी साबित हुआ। वाणिज्य विभाग को कोई शिल्ड नहीं मिली। कोटा रेल मंडल का अब तक यह सबसे घटिया प्रदर्शन माना जा रहा है। शिल्डों का वितरण शुक्रवार को जबलपुर में किया जाएगा।
इन विभागों को मिली शिल्डें
कोटा मंडल ने इस बार सुरक्षा, संरक्षा, मेडिकल, स्टोर (डब्ल्यूआरएस) और राजभाषा में शील्डें जीती हैं, जबकि कार्मिक विभाग को शील्ड जबलपुर मंडल के साथ मिली है।
इसके अलावा एनएसजी 2, 3, 4 श्रेणी में बेस्ट कैप्ट स्टेशन की शिल्ड गंगापुर को मिली है। जबकि पिछली बार कोटा मंडल ने सुरक्षा, सिग्नल एंड टेलीकॉम कार्मिक, स्टोर (डब्ल्यूआरएस), स्क्रैप मैनेजमेंट, ब्रिज, अंडर ब्रिज, एसीएस एंड वर्क्स तथा ऊर्जा बचत सहित नौ शिल्डों पर कब्जा जमाया था। पिछली बार भवानीमंडी और सवाईमाधोपुर को बेस्ट केप्ट स्टेशन का खिताब मिला था।
सबसे घटिया प्रदर्शन
उल्लेखनीय है कि कोटा रेल मंडल का यह अब तक सबसे घटिया प्रदर्शन माना जा रहा है। करोना काल में भी अधिकारियों के काम आय बढ़ाने की जगह रेलवे को डुबोने वाले रहे। नए टेंडर करना तो दूर जो टेंडर चल रहे थे उनको भी बंद करके बैठ गए। व्यवस्था में सुधार की जगह अधिकारियों का सारा ध्यान अपनी पत्नी के लिए ऑफिस में चैंबर खोलने, कर्मचारियों का स्थानांतरण करने, चार्ज शीट देने और निलंबन आदि कामों में रहा। पिछले जट साल में अधिकारियों ने कोटा मंडल का डब्बा बिठा कर रख दिया।
सबसे बेहतर प्रदर्शन 2016-17 में रहा था। जब कोटा मंडल ने संपूर्ण दक्षता सहित 15 शिल्डों पर कब्जा जमाया था।