पराली जलाने की समस्या से निजात दिलाने के लिए पंजाब को केंद्र दे चुका है 76,626 मशीनें
केंद्र सरकार ने पराली जलाने की बढ़ती समस्या को रोकने के लिए पिछले 3 वर्षों में पंजाब को 76,626 मशीनें दी हैं. पंजाब में जहां 50,847 मशीनें कस्टम हायरिंग सेंटरों को दी गई, वहीं 25,779 मशीनें व्यक्तिगत तौर पर किसानों को वायु प्रदूषण को रोकने के उद्देश्य से फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए दी गई हैं. उधर पंजाब सरकार ने भी जानकारी दी है कि पराली जलाने से मुक्त राज्य बनाने के लिए मौजूदा साल के दौरान 250 करोड़ रुपए की सब्सिडी पर किसानों को 25000 खेती मशीनें और खेती यंत्र मुहैया कराने के लिए व्यापक मुहिम शुरु कर दी गई है.
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा के एक सवाल के जवाब में यह जानकारी कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर दी है. उन्होंने बताया कि 2018-19 और 2020-21 के बीच पंजाब को फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए कृषि मशीनीकरण को बढ़ावा देने पर केंद्रीय क्षेत्र की योजना के तहत 76,626 मशीनें दी गईं. फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए 100% केंद्र द्वारा वित्त पोषित योजना पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कृषि सहकारिता और किसान कल्याण विभाग द्वारा 2018 और 2021 के बीच की अवधि के लिए चलाई जा रही है.
कृषि विभाग के डायरेक्टर सुखदेव सिंह सिद्धू ने बताया कि सहकारी सभाओं और पंचायतों को बेलर और अन्य खेती मशीनें पहल के आधार पर देने के लिए इनके 430 आवेदन स्वीकृत किए जा चुके हैं. पहले चरण में 246 पंचायतों और 185 प्राइमरी कृषि सहकारी सभाओं को खेती मशीनों के लिए मंजूरी दे दी गई है, जिससे खेती मशीनरी बैंक स्थापित किये जाएंगे, जिनको कस्टम हायर सेंटरों के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा.