मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने टोक्यो ओलंपिक में आज कांस्य पदक जीता

मुख्य बिंदु:
• राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लवलीना बोरगोहेन को उनके प्रदर्शन के लिए बधाई दी
• लवलीना को बधाई देते हुए खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा, भारत को आप पर गर्व है
 
मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने आज सेमीफाइनल में तुर्की की विश्व चैंपियन बुसेनाज सुरमेनेली से हारने के बाद 69 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता। यह टोक्यो ओलंपिक में देश का तीसरा पदक है। इससे पहले पी वी सिंधु ने बैडमिंटन में कांस्य पदक जीता था जबकि मीरा बाई चानू ने भारोत्तोलन में रजत पदक जीता था। राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर और देश के कोने-कोने से लोगों ने लवलीना बोरगोहेन को उनकी उपलब्धि के लिए बधाई दी।
Congratulations to Lovlina Borgohain! With your hard work and dogged determination, you have done the nation proud. Your Bronze medal in boxing at the Olympics Games will inspire the youth, especially young women, to battle with challenges and turn their dreams into reality.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने पर लवलीना बोरगोहेन को बधाई दी। श्री कोविंद ने ट्वीट कर कहा कि, “लवलीना बोरगोहेन को बधाई! आपने अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय से देश को गौरवान्वित किया है। ओलंपिक खेलों में मुक्केबाजी में आपका कांस्य पदक युवाओं, विशेषकर युवा महिलाओं को चुनौतियों से लड़ने और अपने सपनों को हकीकत में बदलने के लिए प्रेरित करेगा।“
Well fought @LovlinaBorgohai! Her success in the boxing ring inspires several Indians. Her tenacity and determination are admirable. Congratulations to her on winning the Bronze. Best wishes for her future endeavours. #Tokyo2020
Lovlina, you gave your best punch !🥊 India 🇮🇳 is extremely proud of what you have achieved !You’ve achieved a 🥉 medal in your first Olympics; the journey has just begun!Well done @LovlinaBorgohai !#Boxing #Olympics #Tokyo2020 #Cheer4India pic.twitter.com/kIW7qkeze5
युवा मामले और खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने भी मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन को टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने पर बधाई दी। श्री ठाकुर ने ट्वीट कर कहा कि, “लवलीना ने अपना सर्वश्रेष्ठ पंच दिया और उन्होंने जो हासिल किया, भारत को उस पर बहुत गर्व है। उन्होंने अपने पहले ओलंपिक में ही कांस्य पदक हासिल किया है और सफर अभी शुरू ही हुआ है।”
लवलीना का जन्म दो अक्टूबर 1997 को हुआ था और वह असम के गोलाघाट जिले की रहने वाली हैं। उनके पिता टिकेन एक छोटे स्तर के व्यवसायी हैं और अपनी बेटी की महत्वाकांक्षा का समर्थन करने के लिए उन्हें वित्तीय संघर्ष करना पड़ा। अपनी जुड़वां बहनों लीचा और लीमा के पदचिन्हों पर चलते हुए, असमिया ने सबसे पहले किकबॉक्सिंग की। जब वह अपने पहले कोच पदुम बोरो से मिलीं, तब उनके जीवन ने एक अहम मोड़ लिया। भारतीय खेल प्राधिकरण के शिलॉन्ग और दीमापुर केंद्रों में काम करने वाले बोरो ने उनका मुक्केबाजी से परिचय कराया और तब से लवलीना ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। मुक्केबाजी में लगाव के बाद, लवलीना हमेशा एक अवसर की तलाश में रहती थी और यह कुछ ही महीनों में आ गया। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) बारपत्थर गर्ल्स हाई स्कूल में परीक्षण कर रहा था जहाँ लवलीना पढ़ाई कर रही थीं और उन्होंने ट्रायल्स में भाग लेते हुए अपना कौशल दिखाया। इस तरह बोरो ने देखा कि उनकी इस असाधारण प्रतिभा ने 2012 से अपना कौशल दिखाना शुरू कर दिया था। लवलीना ने शिखर तक पहुंचने की अपनी यात्रा में उस समाज से लड़ाई लड़ी, जो एक महिला होने के चलते मुक्केबाजी में उनकी रुचि पर सवाल उठाता था। लेकिन इसने लवलीना की आकांक्षाओं को बिखरने नहीं दिया, जिससे उन्हें पहली बड़ी सफलता 2018 में विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक के जीतने के साथ मिली। टोक्यो ओलंपिक 2020 के लिए क्वालीफाई करने के बाद, वह असम के इतिहास में, ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली महिला बनीं।
 
व्यक्तिगत विवरण
जन्म तिथि: 02 अक्टूबर 1997
गृह स्थान: गोलाघाट, असम
प्रशिक्षण शिविर: असीसी, इटली
निजी कोच: सुश्री संध्या गुरुंग
राष्ट्रीय कोच: मोहम्मद अली कमर
 
उपलब्धियां:-
– कांस्य पदक विजेता 2018 और 2019 विश्व चैंपियनशिप
– कांस्य पदक विजेता 2017 और 2021 एशियाई चैंपियनशिप
 
मुख्य सरकारी सहायता:-
· लवलीना के कोविड-19 से ठीक होने के बाद गुवाहाटी में एक महीने का व्यक्तिगत प्रशिक्षण शिविर
· उपकरणों की खरीद के लिए मदद
· कोविड-19 का संक्रमण होने पर चिकित्सा व्यय और डॉक्टर से परामर्श की सुविधा
· टोक्यो ओलंपिक, 2020 के शुरू होने से पहले असीसी, इटली में एक महीने का प्रशिक्षण शिविर
 
वित्त पोषण:
टॉप्स
एसीटीसी
कुल
11,30,300 रुपये
7,00,215 रुपये
18,30,515 रुपये
 
कोचों का विवरण:
– ग्रासरूट लेवल: पदुम चंद्र बोरो और शिव सिंह
– डेवलपमेंट/इलीट: मोहम्मद अली क़मर और संध्या गुरुंग
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