SC का अहम आदेश- बिना HC की इजाजत मंत्रियो के खिलाफ मुकदमे वापस नहीं ले सकेंगी राज्य सरकारें

SC का अहम आदेश- बिना HC की इजाजत मंत्रियो के खिलाफ मुकदमे वापस नहीं ले सकेंगी राज्य सरकारें

सुप्रीम कोर्ट ने संसदों और विधायकों के खिलाफ मुकदमों को लेकर एक अहम आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि हाई कोर्ट की इजाजत के बिना राज्य सरकारें सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस नहीं ले सकेंगी.

दरअसल, उत्तर प्रदेश में बीजेपी नेताओं के खिलाफ दर्ज भड़काऊ भाषण देने के मुकदमे को वापस लिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतराज जताया है. कोर्ट ने आदेश दिया कि बिना हाई कोर्ट की इजाजत के राज्य सरकार मुकदमा वापस नहीं ले सकती. सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज मुकदमे के फैसले में हो रही देरी पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इसमें कोर्ट के सलाहकार वकील विजय हंसारिया ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट को पढ़कर सुनाई. हंसारिया ने कोर्ट को बताया कि उत्तर प्रदेश में 4 बीजेपी नेता संगीत सोम, कपिल देव, सुरेश राणा और साध्वी प्राची के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का मुकदमा राज्य सरकार ने वापस लेने का फैसला किया है. ये सभी मुकदमे मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े हैं. उत्तर प्रदेश ने 76 मामलों और कर्नाटक ने 61 मुकदमों को वापस लेने का आदेश दिया है. इसी तरह कई अन्य राज्यों में भी यही स्थिति है.

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सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें कहा गया था कि मौजूदा सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज मुकदमों का स्पेशल कोर्ट में स्पीडी ट्रायल होना चाहिए. मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी हाई कोर्ट के रजिस्टार जनरल अपने चीफ जस्टिस को सांसद और विधायकों के खिलाफ लंबित, निपटारे की जानकारी दें.

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इसके अलावा सीबीआई कोर्ट और अन्य कोर्ट सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित मामलों की सुनवाई जारी रखें. सांसदों/विधायकों के खिलाफ आपराधिक ट्रायल के जल्द निपटारे की निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने स्पेशल बेंच का गठन करने का फैसला किया है.