श्री जी. किशन रेड्डी कल दो प्रदर्शनियों– ‘कथा क्रांति वीरों की’तथा‘विजय और वीरता की निशानियां’- का उद्घाटन करेंगे

मुख्य बातें:
 
 
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रमोदी ने भारत की आजादीकी 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में इस वर्ष12 मार्च को 75 सप्ताह तक चलने वालेआजादी का अमृत महोत्सवका शुभारंभ किया। यहपहलउत्सव मनाने की एक अनूठी विधा की शुरुआत थी, जिसमें प्रत्येक भारतीय को सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर मिला। प्रधानमंत्री ने यह भी कामना की कि आजादी का अमृत महोत्सव से जुड़ेसमारोहन सिर्फआजादी के पिछले 75 वर्षों के बारे में हों, बल्कि वे अगले 25 वर्षों के लिए एक साझा दृष्टिकोण विकसित करने का एक क्षणभीहों। उन्होंने पिछले 750 वर्षों में भारत की सभ्यतागत विरासत की रक्षा करने वाले हमारे अपेक्षाकृत कम ख्यातिप्राप्तनायकों की वीरता की कहानियों को साझा करने और उन्हें सम्मानितकरने कोभी प्रोत्साहित किया।
इन समारोहों के एक हिस्सेके रूप में, केन्द्रीय पर्यटन, संस्कृति और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री (डोनर) कल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दो प्रदर्शनियों का उद्घाटन करेंगे।श्री जी.किशन रेड्डी ललित कला अकादमी मेंअल्लूरी सीतारामराजू कोसमर्पित क्रांतिकारियों से जुड़ीएक प्रदर्शनी कथा क्रांति वीरों कीऔर शहीदी दिवस, चंपारण सत्याग्रह और जलियांवाला बाग से जुड़े  चित्रोंकी प्रदर्शनीका उद्घाटन करेंगे। यह प्रदर्शनी आजादी का अमृत महोत्सव के विषय के अनुरूप है,जिसका उद्देश्य ब्रिटिश उपनिवेशवाद के खिलाफ हमारे संघर्ष में गुमनाम और अपेक्षाकृत कम ख्यातिप्राप्तनायकों के योगदानों को याद करना है। इसमें आजादी का अमृत महोत्सव विषय परआयोजितराष्ट्रीय कला प्रदर्शनी के पुरस्कार विजेताओं के साथ एक शिविरका भी आयोजन होगा।
इसके बाद राष्ट्रीय स्‍मारक प्राधिकरण (एनएमए) द्वारा आयोजित विजय और वीरताकीनिशानियांनामकी एक फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने अक्सर इस बात पर जोर दिया है कि आजादी का अमृत महोत्सव सिर्फआजादी के 75 वर्षों के बारे मेंनहीं है, बल्कि यह उनलोगों के बारे में है जिन्होंने हजारों सालोंसे हमारी सभ्यता के लोकाचारोंको गढ़ा और पिछले 750 वर्षों के आक्रमणों और उपनिवेशीकरण के दौरान हमारी सभ्यतागतविरासत की रक्षा करने का संकल्प लिया। इसी भावना के अनुरूप, इस प्रदर्शनी में हजार सालोंकेप्रतिरोध और वीरता से जुड़ी तस्वीरें होंगी। इसमें वारंगल कीकाकतीयकला थोरनम, 1857 केस्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों के खिलाफ रानी लक्ष्मी बाईकी वीरता का प्रतीक झांसी स्थित लक्ष्मी बाईका किलाऔर महमूद खिलजी के नेतृत्व वाली सल्तनत पर जीत की याद दिलाने वालेचित्तौड़गढ़ केविजय स्तंभ से संबंधित तस्वीरेंभीशामिलहोंगी।
समारोह का विवरण
समारोह
स्थल / स्थान
समय
शहीद दिवस, चंपारण सत्याग्रह और जलियांवाला बाग से संबंधितचित्रों के प्रदर्शन के साथ-साथ अल्लूरी सीतारामराजू कोसमर्पित क्रांतिकारियों से जुड़ी एक प्रदर्शनी
रवीन्द्र भवन,35 फिरोजशाह रोड, नई दिल्ली
15 अगस्त 2021, सुबह 11 बजे
विजय और वीरता की निशानियों से जुड़ीफोटो प्रदर्शनी और प्रदर्शित तस्वीरों का अवलोकन
राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (एनएमए), 24, तिलक मार्ग, भगवान दास लेन, नई दिल्ली
15 अगस्त 2021, सुबह 11:45 बजे

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