भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर के. विजय राघवन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा, जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) की सचिव डॉ रेणु स्वरूप, वैज्ञानिक और प्रौद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के महानिदेशक वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसन्धान विभाग (डीएसआईआर) के सचिव डॉ शेखर मांडे, डीएसटी में अंतर्राष्ट्रीय प्रभाग (इंटरनेशनल डिविजन) के प्रमुख एस.के .वार्ष्णेय, अंतर्राष्ट्रीय प्रभाग (इंटरनेशनल डिविजन) डीएसटी, से ही डॉ उज्ज्वला तिर्की, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के अंतर्राष्ट्रीय प्रभाग (इंटरनेशनल डिविजन) की प्रमुख डॉ रमा बंसल और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस बैठक में भाग लिया।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि वैज्ञानिक प्रौद्योगिकी भविष्य की वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति और रूपरेखा निर्धारित करेगी और भारत राष्ट्रों के समूह में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, भारत निवेश के विशाल गंतव्य के रूप में उभर रहा हैI उन्होंने निजी क्षेत्र से भी जीवन के सभी क्षेत्रों में संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए इस अवसर का लाभ उठाने का आह्वान किया क्योंकि दोनों देशों के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं।
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