अब तालिबान की मदद कर रहा है अमरीका। भारत को सतर्क रहने की जरूरत क्योंकि अफगानिस्तान के हालातों का सीधा असर।

अमरीका का ड्रोन हमला अफगानिस्तान के हालात और बिगाड़ेगा।
अब तालिबान की मदद कर रहा है अमरीका। भारत को सतर्क रहने की जरूरत क्योंकि अफगानिस्तान के हालातों का सीधा असर।
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तालिबान के प्रतिद्वंदी आतंकी संगठन आईएसआईएस-के को नुकसान पहुंचाने के लिए अब अमरीका ने अफगानिस्तान में ड्रोन हमले शुरू कर दिए हैं। अमरीका का दावा है कि 25 अगस्त को जिन आतंकियों ने काबुल एयरपोर्ट पर सीरियल धमाके कर 100 अफगानी और 10 अमरीकी सैनिकों को मारा, उन्हें 27 अगस्त के ड्रोन हमले में मौत के घाट उतार दिया है। ऐसे आतंकियों को तब निशाना बनाया गया,जब वे अफगानिस्तान के नांगरहार शहर में एक ऑटो में सफर कर रहे थे। अमरीका ने हमले में क्षतिग्रस्त ऑटो का फोटो भी जारी किया है। अमरीका ने यह ड्रोन हमला तब किया,जब अमरीका के सैनिक अभी भी काबुल एयरपोर्ट की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। बदली हुई परिस्थितियों में तालिबान लड़ाके अमरीका के साथ हैं। असल में अफगानिस्तान में अमरीका और तालिबान में जो गठजोड़ हुआ है, उस आईएसआईएस-के जैसे आतंकी संगठन नाराज है। यही वजह है कि अमरीकी सैनिकों को निशाना बना कर सीरियल ब्लास्ट किए जा रहे हैं। यह गंभीर बात है कि आतंकियों की ओर से ऐसे ब्लास्ट तब किए जा रहे हैं, जब अमरीकी सैनिक अफगानिस्तान में मौजूद हैं। सवाल उठता है कि जब अमरीकी सैनिक पूरी तरह चले जाएंगे, तब अफगानिस्तान का क्या होगा? मुस्लिम आतंकी संगठनों ने आपस में ही युद्ध होने की आशंका है। ऐसे में आम अफगानी नागरिकों का बुरा हाल होगा और इसका सीधा असर भारत पर पड़ेगा। मीडिया खबरों में कहा जा रहा है कि हमारे कश्मीर के कट्टरपंथियों के तार अफगानिस्तान के आतंकी संगठनों से जुड़े हुए हैं। अब जब अफगानिस्तान में ही खून खराब हो रहा है तो कश्मीर में भी हालात बिगड़ सकते हैं। पाकिस्तान तो हमारे कश्मीर के हालात बिगाड़ने के लिए तैयार बैठा है। हमारे कश्मीर के जो जिले पाकिस्तान के कब्जे में हैं उनकी सीमा अफगानिस्तान से लगी हुई है। यानी अफगानिस्तान के आतंकी पाक अधिकृत कश्मीर में तो आसानी से प्रवेश कर सकते हैं। ऐसे में हमारे कश्मीर में घुसपैठ आसान होगी। हालांकि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद कश्मीर में सुरक्षाबलों की स्थिति मजबूत हुई है। यही वजह है कि अब कश्मीर में शांति कायम हो रही है। अफगानिस्तान के बिगड़ते हालातों का भारत पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। सबने देखा कि जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया था, तब न्यूज चैनलों पर तालिबान के समर्थन में अनेक प्रतिनिधि बयानबाजी कर रहे थे। हो सकता है कि आईएसआईएस-के जैसे खूंखार आतंकी संगठनों के समर्थन में भी सामने आ जाएं। अभी तक भारत सरकार ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर बेहद सतर्कता और गंभीरता से कार्य किया है। फंसे हुए भारतीयों को सुरक्षित लाया गया है।
बाइडेन की धमकी:
अफगानिस्तान में ड्रोन हमले के बाद अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमरीका के दुश्मनों को छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि तालिबान ने आतंकियों को खुला छोड़ दिया इसलिए काबुल एयरपोर्ट पर सीरियल ब्लास्ट हुए। हम हमारे शहीद हुए 13 सैनिकों का बदला लेकर रहेंगे। बाइडेन ने कहा कि अमरीका अपने नागरिकों के साथ साथ सहयोगियों को भी अफगानिस्तान से निकालेगा। इस बीच अमरीका के सैन्य अधिकारियों ने अमरीकी नागरिकों से कहा है कि काबुल एयरपोर्ट के आसपास नहीं रहा जाए। सभी अमरीकी और उनके सहयोगी अपने सुरक्षित स्थानों पर ही रहे। सैन्य अधिकारियों के इस बयान से प्रतीत होता है कि आईएसआईएस-के आतंकी अभी एयरपोर्ट पर और हमला करेंगे।