केंद्रीय ऊर्जा सचिव ने कोर प्रबंधन दल की रिपोर्ट की समीक्षा की; ताप ऊर्जा संयन्त्रों में कोयले की स्थिति की निगरानी की

केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव श्री आलोक कुमार ने ताप विद्युत संयन्त्रों (टीपीपी) में कोयला भंडार की स्थिति की दैनिक करीबी निगरानी सुनिश्चित करने के क्रम में आज (29 अगस्त, 2021) कोर मैनेजमेंट टीम (सीएमटी) की रिपोर्ट की समीक्षा की जिसमें ऊर्जा मंत्रालय (एमओपी), केंद्रीय ऊर्जा प्राधिकरण (सीईए) और कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और रेलवे के प्रतिनिधि शामिल हैं।

बैठक के दौरान निम्नलिखित निष्कर्ष सामने आए जिनसे कोयले के भंडार की स्थिति में सुधार और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी:

• ऊर्जा उत्पादन संयंत्रों के पास उपलब्ध कोयले के भंडार से जुड़े विनियमन से 26 ऊर्जा संयंत्रों से लगभग 1.77 लाख टन कोयला मुक्त होगा। यह नियमन 15 दिनों से अधिक के भंडार वाले संयंत्रों के लिए लागू किया गया है। इस कोयले को बिजली संयंत्रों में सुपर क्रिटिकल और क्रिटिकल कोयला भंडार वाले संयंत्रों को उपलब्ध कराया जा रहा है।

• एनटीपीसी दरालीपाली (2×800 मेगावाट) के लिए ओडिशा कोल एंड पावर लिमिटेड (ओसीपीएल) की आबद्ध कोयला खदान से कोयले की सोर्सिंग। एनटीपीसी दारालीपाली की दूसरी इकाई में 1 सितंबर, 2021 के मध्य रात्रि 12:00 बजे से वाणिज्यिक संचालन शुरू होगा जिससे कुल उत्पादन क्षमता में 800 मेगावाट का अतिरिक्त उत्पादन जुड़ जाएगा।

• दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) एक सप्ताह के भीतर सीआईएल की विभिन्न सहायक कंपनियों को 1200 करोड़ रुपये की बकाया राशि का भुगतान करेगा, जिससे डीवीसी के विभिन्न संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति में वृद्धि होगी। इसके चलते डीवीसी संयंत्रों से बिजली उत्पादन में वर्तमान में 61% के स्तर की तुलना में 90% तक की वृद्धि हो जाएगी

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• 1000 मेगावाट की क्षमता का कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र 02 सितंबर, 2021 से पहले दोबारा चालू हो जाएगा जिससे कोयले पर निर्भर ऊर्जा उत्पादन में कुछ हद तक कमी आएगी और कोयले की मांग संबंधी दबाव कम हो जाएगा।

• आयातित कोयले से संचालन हेतु डिजाइन किए गए पश्चिमी तट पर स्थित मुंद्रा ऊर्जा संयंत्र की उत्पादन क्षमता लगभग 6000 मेगावाट है। इस थर्मल पावर प्लांट में लगभग 30 दिनों का कोयला भंडार है लेकिन पीपीए से संबंधित मुद्दों के कारण बिजली की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इन मुद्दों को हल करने के लिए बिजली मंत्रालय द्वारा कल एक बैठक की जा रही है, ताकि इन इकाइयों से बिजली की आपूर्ति शुरू हो और कोयले पर घरेलू मांग का दबाव कम किया जा सके।

• नेवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन (एनएलसी) इंडिया ने पुष्टि की है कि नेवेली में उसकी खदानों से लिग्नाइट का उत्पादन बहुत अच्छा चल रहा है और नेवेली की 500 मेगावाट की एक इकाई जो अब तक बंद थी, 1 सितंबर, 2021 से वापस सेवा में आ जाएगी और एनएलसीआईएल अपनी क्षमता का 90% से अधिक उत्पादन करने के लिए तैयार होगा। एक अन्य 250 मेगावाट की इकाई में वार्षिक ओवरहालिंग का काम चल रहा है, 10 सितंबर 2021 तक उत्पादन करने की स्थिति में आ जाएगी, जिसके बाद पीएलएफ का लगभग 92% उत्पादन का लक्ष्य प्राप्त कर लिया जाएगा। एनएलसी खानों से प्रति दिन लिग्नाइट का वर्तमान उत्पादन 85000 टन प्रति दिन है और आवश्यकता के अनुसार यह अपने उत्पादन को और बढ़ा सकता है।

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• एनएलसी ओडिसा स्थित अपनी तालाबीरा कोयला खानों से कोयले के उत्पादन में वृद्धि करेगा, जिसे इच्छुक जेनकोस को आपूर्ति की जा सकती है। इसी तरह राज्य और केंद्रीय जेनकोस की सभी आबद्ध कोयला खानों को सुझाव दिया गया है कि वे संयंत्रों में कोयला भंडार बढ़ाने के लिए अपने उत्पादन में तेजी लाएं।

सीएमटी दैनिक आधार पर कोयला भंडार की बारीकी से निगरानी कर रहा है और बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति में सुधार के लिए सीआईएल, रेलवे के साथ आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित कर रहा है।

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