भारत सरकार की गारंटेड पेंशन योजना और पीएफआरडीए द्वारा प्रबंधित अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के अंतर्गत, वर्तमान वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 28 लाख से ज्यादा नए खाते खोले गए हैं। 25 अगस्त, 2021 तक एपीवाई के अंतर्गत पंजीकृत सदस्यों की संख्या 3.30 करोड़ से ज्यादा हो गई है।
साल दर साल बैंक श्रेणी वार एपीवाई नामांकनों की संख्या इस प्रकार है :
बैंकों की श्रेणी
31 मार्च, 2016 तक
31 मार्च, 2017 तक
31 मार्च, 2018 तक
31 मार्च, 2019 तक
31 मार्च, 2020 तक
31 मार्च, 2021 तक
1 अप्रैल, 2021 से 25 अगस्त, 2021 तक बढ़ोतरी
25 अगस्त, 2021 तक
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक
1,693,190
3,047,273
6,553,397
10,719,758
1,56,75,442
2,12,52,435
20,74,420
2,33,26,855
निजी बैंक
218,086
497,323
873,901
1,145,289
15,62,997
19,86,467
77,875
20,64,342
स्माल फाइनेंस बैंक और पेमेंट बैंक
57372
359761
853914
224705
1078619
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
476,373
1,115,257
1,987,176
3,171,152
43,30,190
57,10,770
4,21,104
61,31,874
सहकारी बैंक
21,903
33,978
45,621
54,385
70,556
80,073
4,554
84,627
डीओपी
75,343
189,998
245,366
270,329
3,02,712
3,32,141
7,774
3,39,915
कुल
24,84,895
48,83,829
97,05,461
1,54,18,285
2,23,01,658
3,02,15,800
28,10,432
3,30,26,232
वर्तमान वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 1 लाख से ज्यादा एपीवाई नामांकनों वाले शीर्ष बैंक:
क्र. सं.
बैंक का नाम
1 अप्रैल, 2021 से 24 अगस्त, 2021 के बीच पंजीकृत एपीवाई खातों की संख्या
1
भारतीय स्टेट बैंक
7,99,428
2
कैनरा बैंक
2,65,826
3
एयरटेल पेमेंट बैंक लिमिटेड
2,06,643
4
बैंक ऑफ बड़ौदा
2,01,009
5
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया
1,74,291
6
बैंक ऑफ इंडिया
1,30,362
7
इंडियन बैंक
1,13,739
8
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
1,04,905
9
पंजाब नेशनल बैंक
1,01,459
25 अगस्त, 2021 तक एपीवाई के अंतर्गत 10 लाख से ज्यादा नामांकन वाले शीर्ष राज्य हैं :
क्र. सं.
राज्य का नाम
एपीवाई नामांकनों की संख्या
1
उत्तर प्रदेश
49,65,922
2
बिहार
31,31,675
3
पश्चिम बंगाल
26,18,656
4
महाराष्ट्र
25,51,028
5
तमिलनाडु
24,55,438
6
आंध्र प्रदेश
19,80,374
7
कर्नाटक
19,74,610
8
मध्य प्रदेश
19,19,795
9
राजस्थान
16,16,050
10
गुजरात
13,50,864
11
ओडिशा
12,45,837
25 अगस्त, 2021 तक एपीवाई के अंतर्गत कुल नामांकनों में से, लगभग 78 प्रतिशत सदस्यों ने 1,000 रुपये की पेंशन योजना ली है, वहीं लगभग 14 प्रतिशत ने 5,000 रुपये की पेंशन योजना ली है। इसके अलावा, लगभग 44 प्रतिशत महिला सदस्य हैं और नामांकन करा रहे लगभग 44 प्रतिशत सदस्य काफी युवा हैं तथा18-25 वर्ष आयु-समूह से संबंधित हैं।
हाल ही में, पीएफआरडीए ने एपीवाई मोबाइल ऐप और उमंग प्लेटफॉर्म पर इसकी उपलब्धता में नई खूबियां जोड़ने जैसी पहल की हैं, एपीवाई एफएक्यू में सुधार, एपीवाई योजना की पहुंच बढ़ाने और एपीवाई के मौजूदा व संभावित सदस्यों के साथ ही एपीवाई सेवा प्रदाताओं के लाभ के लिए 13 क्षेत्रीय भाषाओं में एपीवाई सब्सक्राइबर इन्फोर्मेशन ब्राउशर और एपीवाई सिटीजन चार्टर जारी करने जैसी नई पहल की गई हैं।
शुरुआत के बाद से योजना के अंतर्गत नामांकनों की संख्या में बढ़ोतरी से उत्साहित, पीएफआरडीए एपीवाई कुल नामांकनों को 2021-22 में नई ऊंचाई पर ले जाने और भारत को एक पेंशनभोगी समाज बनाने की दिशा में अंशदान करने के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर विभिन्न एपीवाई अभियानों के आयोजन, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के साथ समन्वय, प्रिंट, सोशल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया आदि में विज्ञापनों के माध्यम से योजना को लोकप्रिय बनाने के प्रयास जारी रखेगा।
एपीवाई के बारे में
भारत के 18-40 वर्ष के बीच के आयु वर्ग के किसी भी नागरिक को बैंक या डाक घर शाखा के माध्यम से एपीवाई से जुड़ने का मौका मिलता है, जहां पर उस व्यक्ति का बैंक खाता होना चाहिए। योजना के अंतर्गत, एक सदस्य को 60 वर्ष की उम्र से 1,000 रुपये से 5,000 रुपये तक न्यूनतम गारंटेड पेंशन मिलेगी, जो उसके अंशदान पर निर्भर करती है। यही पेंशन सदस्य के जीवन साथी को मिलेगी और सदस्य व जीवनसाथी दोनों की मृत्यु पर 60 वर्ष की उम्र तक जमा कुल संचित पेंशन की धनराशि का भुगतान नामांकित व्यक्ति को कर दिया जाएगा।
यह योजना 266 पंजीकृत एपीवाई सेवा प्रदाताओं के माध्यम से वितरित की जाती है, जिनमें बैंक और डाक विभाग की विभिन्न श्रेणियां शामिल हैं। यह योजना सिर्फ बचत बैंक खाता रखने वाले आवेदक को उपलब्ध है, इसलिए पीएफआरडीए नियमित रूप से सभी बैंकों को अपने वर्तमान और संभावित ग्राहकों तक पहुंच के लिए योजना के प्रचार की सलाह देता है।
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