केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री, श्री अमित शाह आज पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो BPR&D के 51वें स्थापना दिवस के मौक़े पर नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए

लोकतंत्र हमारे देश का और प्रजामन का स्वभाव है

लोकतंत्र में सबसे बड़ी है व्यक्ति की स्वतंत्रता, जो सीधे क़ानून और व्यवस्था के साथ जुड़ी होती है, बिना कानून व्यवस्था के लोकतंत्र सफल नहीं हो सकता

130 करोड़ लोगों को अपनी-अपनी क्षमता और बुद्धि के अनुसार ख़ुद को विकसित करने का अवसर मिले और 130 करोड़ नागरिकों के विकास का फ़ायदा देश को मिले और देश का विकास हो, यही लोकतंत्र है

जब पूरा देश अलग अलग त्यौहार माना रहा होता है तब हमारे पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी कर रहे होते हैं

गत 75 सालों में पुलिसबल के 35,000 से अधिक जवानों ने विभिन्न कामों में अपने प्राणों का बलिदान दिया है

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पुलिसबल के इस समर्पण का सम्मान करने के लिए दिल्ली में पुलिस स्मारक बनाया, जो ये बताता है कि किस तरह हमारा पुलिस बल 35,000 बलिदानों के साथ पूरे गौरव से देश की सेवा में खड़ा है

कोरोना कालखंड में देशभर में, कश्मीर से कन्याकुमारी और द्वारका से असम तक, पुलिसकर्मियों ने बहुत अच्छा काम किया और इसे डॉक्यूमेंटेड किया जाना चाहिए और डॉक्यूमेन्टरी भी बननी चाहिए

पुलिस की इमेज बिल्डिंग के लिए BPR&D को विशेष काम करने की ज़रूरत है

BPR&D सभी राज्य सरकारों से संकलन करके पुलिस की इमेज बिल्डिंग के लिए अच्छा मैटीरियल तैयार करे

BPR&D एक ऐसा संस्थान है जिसे चुनौतियाँ के हिसाब से अपने काम को बदलना चाहिए, BRP&D का मुख्य कार्य बदलती चुनौतियों का आँकलन कर विश्वभर में बेस्ट प्रेक्टीस का अध्ययन कर हमारे पुलिस बलों को तैयार करना है

CAPFs का आधुनिकीकरण, ट्रेनिंग, संचालन और ऑपरेशन स्किल बढ़ाने के लिए भी BPR&D को काम करना चाहिए, यदि ज़रूरी हुआ तो गृह मंत्रालय आपके चार्टर में सुधार भी करेगा

बीट सिस्टम में सुधार किए बिना बेसिक पुलिसिंग अच्छी नहीं हो सकती, बीट सिस्टम को रिवाइव, अपडेट और इसका टेक्नोलॉजिकल अपग्रेडेशन करने के लिए और अधिक काम करने की आवश्यकता

नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार का गृह मंत्रालय CrPC, IPC और Evidence Act में आमूलचूल परिवर्तन करने के लिए ढेर सारे काम कर रहा है

मोदी सरकार ने देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए ढेर सारे काम किए हैं

 जम्मू और कश्मीर में धारा 370 और 35A को निरस्त करना, CrPC, IPC में परिवर्तन, साइबर सुरक्षा और मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सीमम गवर्नेंस के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मूल मंत्र को चरितार्थ करने का काम पूरी भावना के साथ किया है

NIA Act में संशोधन किया, सशस्त्र अधिनियम में बदलाव, UAPA क़ानून में बदलाव, नार्को के माध्यम से चार स्तरीय संरचना कर नारकोटिक्स पर बहुत बड़ी नकेल कसने के लिए एक अभियान की शुरुआत की है

सरकार ने पूर्वोत्तर में बहुत सारे समझौते किए हैं। NLFT का समझौता, ब्रू शरणार्थियों का पुनर्वसन, बोडो शांति समझौता किया और आज शाम को कार्बी आंगलोंग के साथ समझौता होगा

अगला एक दशक आंतरिक सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि मोदी जी के नेतृत्व में जिस प्रकार से देश आगे बढ़ रहा है, पाँच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का जो लक्ष्य हमने रखा है और जो ढेर सारे सुधार हो रहे हैं, वो निर्बाध रूप से चलते रहें हमें इस दिशा में कार्य करना है

 

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री, श्री अमित शाह आज पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (BPR&D) के 51वें स्थापना दिवस के मौक़े पर नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम में केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय, केन्द्रीय गृह सचिव, आई बी के निदेशक, BPR&D के महानिदेशक सहित गृह मंत्रालय, पुलिस और केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों से पुलिस और CAPFs के अधिकारी भी वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए। केन्द्रीय गृह मंत्री ने इस अवसर पर सर्वश्रेष्ठ पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों को ट्रॉफ़ियों और पुरस्कारों से अलंकृत किया और पुलिस प्रशिक्षण में उत्कृष्टता के लिए पदक भी प्रदान किए। श्री अमित शाह ने BPR&D के प्रकाशनों का विमोचन भी किया और हिन्दी लेखन में पंडित गोविन्द बल्लभ पंत पुरस्कार भी प्रदान किए। कार्यक्रम के दौरान केन्द्रीय गृह मंत्री ने टोक्यो ओलिंपक 2020 की रजत पदक विजेता सुश्री एस. मीराबाई चानू को सम्मानित भी किया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि किसी भी संस्थान के लिए 51 वर्षों तक अपनी प्रासंगिकता बनाए रखना बहुत बड़ी बात है और BPR&D ने अपनी प्रासंगिकता बनाए रखी है और अपने काम का दम भी दिखाया है। उन्होंने कहा कि अपनी प्रासंगिकता बनाए रखना एक बहुत बड़ी चुनौती होती है क्योंकि समय बदलता रहता है और समय के अनुरूप संस्थाओं को भी बदलना पड़ता है। उन्होंने कहा कि BPR&D का काम बहुत महत्वपूर्ण काम है और जब वो पहले यहां आए थे तो उन्होंने आगंतुक पुस्तिका में लिखा था कि BPR&D के बिना अच्छी पुलिसिंग की कल्पना नहीं हो सकती। श्री अमित शाह ने कहा कि संघीय ढांचे में क़ानून और व्यवस्था राज्य का विषय होता है और संघीय ढांचे को मज़बूती देने के लिए सभी राज्यों की क्रियान्वयन ऐजेंसी, यानी पुलिस, और उसके अनुसंघिक संगठनों को जोड़ने वाली एक कड़ी बहुत महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि चुनौतियां देश के परिप्रेक्ष्य में आती हैं, अलग-अलग पार्टी और विचारधारा की सरकारें होती हैं, क्षेत्रीय दलों की भी होती हैं, इन सबसे हटकर अगर क़ानून और व्यवस्था को चुनौतियों के लिए तैयार करना है तो उसके लिए उसे जोड़ने वाली एक कड़ी चाहिए नहीं तो देश की क़ानून व्यवस्था बिगड़ जाएगी, और 51 साल में BPR&D ने देश में क़ानून और व्यवस्था की दृष्टि से सभी राज्यों को जोड़ने वाली कड़ी का काम बहुत बख़ूबी किया है। देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नीतियां और चुनौतियां हैं और राज्यों के लिए इन चुनौतियों का सामना करना संभव नहीं था जब तक एक केन्द्रीय व्यवस्था इन सभी चुनौतियों का आंकलन करते हुए, इसके वैश्विक मापदंडों का अभ्यास करते हुए, भारत के पुलिस बल को अपग्रेड करने के लिए दिन-रात काम करे।

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श्री अमित शाह ने कहा कि देश ने आज़ादी के बाद लोकतंत्र और गणतंत्र को अपनाया और लोकतंत्र हमारे देश का और प्रजामन का स्वभाव है। लोकतंत्र में सबसे बड़ी है व्यक्ति की स्वतंत्रता, जो सीधे क़ानून और व्यवस्था के साथ जुड़ी होती है, बिना कानून व्यवस्था के लोकतंत्र सफल नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि 130 करोड़ लोगों को अपनी-अपनी क्षमता और बुद्धि के अनुसार ख़ुद को विकसित करने का अवसर मिले और 130 करोड़ नागरिकों के विकास का फ़ायदा देश को मिले और देश का विकास हो, यही लोकतंत्र है। श्री शाह ने कहा कि अगर क़ानून और व्यवस्था ठीक नहीं है, तो लोकतंत्र कभी सफल नहीं हो सकता। सफल लोकतंत्र के लिए बहुत ज़रूरी है कि व्यक्ति की सुरक्षी सुनिश्चित की जाए, क़ानून के दायरे में उसको जो अधिकार मिले हैं, वो उसे निर्बाध रूप से मिलते रहें और संविधान ने जो कर्तव्य दिये हैं उनका भी वो निर्वहन करता रहे, और इन दोनों के मिलाप से देश का विकास आगे बढ़े। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि क़ानून और व्यवस्था को ठीक रखने का काम देश की पुलिस करती है, देश की सीमा सुरक्षा में जुटे हुए सभी बल करते हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी बलों को, पुलिस संस्थानों को अपग्रेड करना, प्रशिक्षण देना, ख़ामियों को सुधारने का काम BPR&D ने किया है।

श्री अमित शाह ने कहा कि लोकतंत्र को सफल बनाने में सबसे बड़ा योगदान बीट कॉंस्टेबल का है जो नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करता है, वरना लोकतंत्र सफल नहीं हो सकता। बीट सिस्टम में सुधार किए बिना बेसिक पुलिसिंग अच्छी नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि बीट सिस्टम को रिवाइव, अपडेट और इसका टेक्नोलॉजिकल अपग्रेडेशन करने के लिए और अधिक काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ना जाने किन कारणों से पुलिस की इमेज को खंडित करने का एक तरह से एक अभियान भी चल रहा है, जैसे कुछ घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना और अच्छी घटनाओं को प्रसिद्धि नहीं देना। श्री शाह ने कहा कि पूरे सरकारी अमले में सबसे कठिन काम पुलिस का है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जब पूरा देश अलग अलग त्यौहार माना रहा होता है तब हमारे पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी कर रहे होते है, सबसे कठिन ड्यूटी शायद ही किसी अन्य सरकारी कर्मी की हो।

श्री अमित शाह ने कहा कि कोरोना कालखंड में देश के प्रधानमंत्री जी से लेकर देश के बच्चों तक ने पुलिसबल की सेवाओं को दिल से सराहा। प्रधानमंत्री मोदी जी ने देश की सेवा करने वाले कोरोना योद्धाओं, विशेषकर पुलिस बलों पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा करने का काम किया, तब लगा कि आज पहली बार पुलिसबलों को उनके कार्यों के लिए प्रशंसा व सही सम्मान मिल रहा है। कोरोना कालखंड में देशभर में, कश्मीर से कन्याकुमारी और द्वारका से असम तक, पुलिसकर्मियों ने बहुत अच्छा काम किया और इसे डॉक्यूमेंटेड किया जाना चाहिए और डॉक्यूमेन्टरी भी बननी चाहिए और ये अच्छा काम कई सालों तक देश और समाज याद रखे, इस प्रकार की व्यवस्था के साथ, सब राज्यों के पुलिसबल और CAPFs को साथ में रखकर होना चाहिए, क्योंकि पुलिस की क़ुरबानी, बलिदान कम चर्चा का विषय होता है। गत 75 सालों में पुलिसबल के 35,000 से अधिक जवानों ने विभिन्न कामों में अपने प्राणों का बलिदान दिया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पुलिसबल के इस समर्पण का सम्मान करने के लिए दिल्ली में पुलिस स्मारक बनाया, जो ये बताता है कि किस तरह हमारा पुलिस बल 35,000 बलिदानों के साथ पूरे गौरव से देश की सेवा में खड़ा है।  उन्होंने कहा कि पिछली बार पुलिस स्मारक पर उन्होंने कहा था कि देशभर के विभिन्न राज्यों से पुलिस बलिदानों की एक डॉक्यूमेन्टरी बने और उसे यहां आने वाले बच्चों को दिखाया जाए। 16 राज्यों ने बच्चों के टूर में पुलिस स्मारक को स्थल के रूप में शामिल किया है। उन्होंने कहा कि BPR&D सभी राज्य सरकारों से संकलन करके इमेज बिल्डिंग के लिए अच्छा मैटीरियल तैयार करे।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने टोक्यो ओलिंपिक 2020 की रजत पदक विजेता एस. मीराबाई चानू को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं और उम्मीद जताई कि अगली बार वो स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम फिर से रौशन करेंगी। उन्होंने कहा कि कि देश में खिलाड़ियों की सुविधा के लिए अभी बहुत कुछ करना बाक़ी है।

श्री अमित शाह ने कहा कि चुनौतियाँ स्थाई नहीं होती, देश के सामने चुनौतियाँ बदलती रहती हैं। उन्होंने कहा कि आज साइबर अटैक, ड्रोन अटैक, नारकोटिक की तस्करी, फेक करेंसी और हवाला रैकेट सबसे बड़ी चुनौती है। BPR&D एक ऐसा संस्थान है जिसे चुनौतियाँ के हिसाब से अपने काम को बदलना चाहिए, BRP&D का मुख्य कार्य बदलती चुनौतियों का आँकलन कर विश्वभर में बेस्ट प्रेक्टीस का अध्ययन कर हमारे पुलिस बलों को तैयार करना है। श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार का गृह मंत्रालय CrPC, IPC और Evidence Act में आमूलचूल परिवर्तन करने के लिए ढेर सारे काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि BPR&D ने इसमें काफ़ी अच्छा योगदान किया है। ब्यूरो ने ढेर सारे लोगों से चर्चा कर, 14 राज्य, 3 केन्द्र शासित प्रदेश, 8 CPOS, 6 CAPFs और 7 ग़ैर सरकारी संस्थानों से विचार विमर्श कर बदलाव के बहुत अच्छे सुझाव भेजे हैं।

श्री अमित शाह ने कहा कि वे BPR&D के चार्टर में कुछ चीज़ें जोड़ना भी चाहते हैं। श्री अमित शाह ने कहा कि जिस प्रकार की सीमा की सुरक्षा की चुनौती आज हमारे सामने आई हैं उसे देखते हुए CAPFs का आधुनिकीकरण, ट्रेनिंग, संचालन और ऑपरेशन स्किल बढ़ाने के लिए भी BPR&D को काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कि यदि ज़रूरी हुआ तो गृह मंत्रालय ब्यूरो के चार्टर में सुधार भी करेगा। श्री शाह ने कहा कि उनका मानना है कि BPR&D सबको साथ लेकर यह कार्य बहुत अच्छी तरह से कर सकती है। उन्होंने कहा कि हमारी भू सीमा और समुद्री सीमा सुरक्षित रहे और इसमें कोई कोताही न हो इसके लिए यह बहुत ही ज़रूरी है।

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केन्द्रीय गृह मंत्री ने यह भी कहा कि ब्यूरो को सुधारों को ज़मीन पर कितना उतारा गया है इसको संस्थागत बनाने का काम करना चाहिए। इस व्यवस्था को संस्थागत बनाए बिना हमारे सुधार प्रेक्टिकल हैं या नहीं और इन सुधारों को लागू करने के लिए हम पुलिस को प्रेरित कर पाए या नहीं यह नहीं जान सकते। इसलिए BPR&D में एक संस्थागत व्यवस्था होनी चाहिए कि देशभर में जो पुलिस सुधार होते हैं वो ज़मीन पर कितने उतरते हैं।

श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में जो सरकार चल रही है उसने देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए ढेर सारे काम किए हैं। उन्होंने कहा कि हमने वैधानिक ढाँचे को सुदृढ़ करने के लिए बहुत बड़ा काम किया है। हमने ढेर सारे क़ानून बदले हैं, समयानुकूल किए हैं और इसमें क़ानून लागू करने वाली एजेंसियों को बल मिले इस प्रकार की व्यवस्थाएँ की हैं। जम्मू और कश्मीर में धारा 370 और 35A को निरस्त करना, CrPC, IPC मे में परिवर्तन, साइबर सुरक्षा और मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सीमम गवर्नेंस के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मूल मंत्र को चरितार्थ करने का काम पूरी भावना के साथ किया है। उन्होंने कहा कि साथ ही हमने NIA Act में संशोधन किया, सशस्त्र अधिनियम में बदलाव, UAPA क़ानून में बदलाव, नार्को के माध्यम से चार स्तरीय संरचना कर नारकोटिक्स पर बहुत बड़ी नकेल कसने के लिए एक अभियान की शुरुआत की है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देशभर की पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने विगत 25 साल में सबसे ज़्यादा नारकोटिक्स पिछले दो साल के अंदर पकड़कर अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा है।

श्री अमित शाह ने कहा कि सरकार ने पूर्वोत्तर में बहुत सारे समझौते किए हैं। NLFT का समझौता, ब्रू शरणार्थियों का पुनर्वसन, बोडो शांति समझौता किया और आज शाम को कार्बी आंगलोंग के साथ समझौता होगा। उन्होंने कहा कि लगभग 3700 हथियारबंद काडरों ने आत्मसमर्पण करके मुख्यधारा में आने का काम किया है। ये लोग हथियारों के साथ जंगल में रहते थे और पिछले दो साल में ये आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटे हैं। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि जो हथियार डालेगा उससे संवाद कर हम उसे मुख्यधारा में लाने का पूरी निष्ठा से प्रयास करेंगे और जिनके हाथ में हथियार हैं पुलिस उनसे निपट सकती है। मगर जो संवाद करना चाहता है उसके लिए रास्ते खुले हैं। उन्होंने कहा कि सारे उग्रवादी संगठनों के साथ अलग अलग स्तर पर बात चल रही है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर मे लोकतंत्र को निचले स्तर तक पहुँचाने और डेमोक्रेसी को जम्मू कश्मीर की जनता तक पहुँचाने के लिए त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव करवा गए। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र के मायने कुछ सांसदों और विधायकों तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि हर गाँव के पंच सरपंच भी इसमें शामिल हैं। उन्होंने कि 22000 लोग इस व्यवस्था में अपना योगदान दे रहे हैं । श्री अमित शाह ने कहा कि यह मोदी सरकार की बहुत बड़ी उपलब्धि है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी की स्थापना, FSL यूनिवर्सिटी की स्थापना, अपराधिक न्याय प्रणाली का CCTN के साथ समन्वय का काम हुआ है। साथ ही ई अभियोजन और ई फ़ोरेंसिक की दिशा में भी हम बहुत तेज़ी से काम कर रहे हैं। गुजरात में नेशनल एकेडमी फ़ॉर  कोस्टल पुलिसिंग की भी स्थापना हुई, नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल देश को समर्पित किया जा चुका है, इसे और अधिक लोकप्रिय बनाने की ज़रूरत है। श्री शाह ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री जल्दी ही NATGRID राष्ट्र को समर्पित करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने राष्ट्रीय स्तर पर निजी सुरक्षा एजेंसी लाइसेंसिंग पोर्टल का एक बहुत अच्छा प्रयोग किया है। FCRA में भी आमूलचूल परिवर्तन किया है। गृह मंत्री ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा हमारा पुलिस बल सँभाल रह है, देश की सीमाएं हमारे केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल(CAPFs) संभाल रहे हैं और जिस मुस्तैदी के साथ हमारे CAPFs बॉर्डर को सँभाल रहे हैं और हमारा पुलिस बल आंतरिक सुरक्षा को सँभाल रहा है हम बिल्कुल सलामत हाथों में हैं। उन्होने कहा लेकिन चुनौतियाँ बढ़ती हैं, चुनौतियाँ बदलती हैं और इन्हें पार कर अस्थिरता फैलाने वालों से आगे रहना हमारा लक्ष्य होना चाहिए और इसमें BPR&D का बहुत बड़ा योगदान हो सकता है।

श्री अमित शाह ने कहा कि अगला एक दशक आंतरिक सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि मोदी जी के नेतृत्व में जिस प्रकार से देश आगे बढ़ रहा है, पाँच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का जो लक्ष्य हमने रखा है और जो ढेर सारे सुधार हो रहे हैं, वो निर्बाध रूप से चलते रहें हमें इस दिशा में कार्य करना है। श्री अमित शाह ने कहा कि  सभी चुनौतियों का आँकलन कर देशभर के पुलिस बल और CAPFs को तैयार रहना चाहिए। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने स्मार्ट पुलिसिंग का जो विचार रखा है उसे धरातल पर उतारना हम सब का काम है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि BPR&D अपने सौ साल पूरे करने के समय और अधिक प्रासंगिक होगी और ब्यूरो के महानिदेशक के नेतृत्व में यह और आगे बढ़ेगी।

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एनडब्‍ल्‍यू/आरके//एवाई/आरआर