सीबीडीटी ने फेसलेस असेसमेंट प्रक्रिया के तहत जमा किए गए इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड के प्रमाणीकरण को आसान बनाने के लिए आयकर नियम, 1962 में संशोधन किया

फेसलेस असेसमेंट प्रक्रिया के तहत इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड के प्रमाणीकरण की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए, सरकार ने आयकर नियम, 1962 (‘नियम’) में अधिसूचना संख्या जी.एस.आर. 616 (ई) दिनांक 6 सितंबर, 2021 में संशोधन किया है। संशोधित नियमों के अनुसार आयकर विभाग के पोर्टल में करदाताओं के पंजीकृत खाते के माध्यम से जमा किए गए इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड (ईवीसी) को करदाता खुद प्रमाणित कर सकेगें। इसलिए, जब कोई व्यक्ति आयकर विभाग के पोर्टल में अपने पंजीकृत खाते में लॉग इन करके एक इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड जमा करेगा तो यह माना जाएगा कि इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड आयकर अधिनियम, 1961 (‘अधिनियम’) की धारा 144बी (7) (आई) (बी) के प्रयोजनों के तहत ईवीसी द्वारा प्रमाणित किया गया है।

यह भी पढ़ें :   केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया, महामारी से निपटने के लिए रेलवे कोचों, एसी बसों, बंद जगहों आदि में सीएसआईआर की नई विकसित कीटाणुशोधन प्रौद्योगिकी स्थापित की जा रही है

हालांकि, अधिनियम की धारा 144बी(7)(आई)(बी) के मौजूदा प्रावधानों के तहत, ईवीसी द्वारा प्रमाणीकरण की यह आसान प्रक्रिया कुछ व्यक्तियों (जैसे कंपनियों, टैक्स ऑडिट मामलों, आदि) के लिए उपलब्ध नहीं है। उनके लिए डिजिटल हस्ताक्षर द्वारा इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को प्रमाणित कराना अनिवार्य है। इन व्यक्तियों को ईवीसी द्वारा प्रमाणीकरण की आसान प्रक्रिया का लाभ देने के लिए, इन व्यक्तियों के लिए भी ईवीसी द्वारा प्रमाणीकरण की आसान प्रक्रिया का विस्तार करने का निर्णय लिया गया है। इसलिए, जिन व्यक्तियों को अनिवार्य रूप से डिजिटल हस्ताक्षर द्वारा इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को प्रमाणित करने की आवश्यकता होती है, उनके भी इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को प्रमाणित माना जाएगा। जब वे आयकर विभाग के पोर्टल में अपने पंजीकृत खाते के माध्यम से रिकॉर्ड जमा करेंगे तो उसे प्रमाणित माना जाएगा। इस संबंध में जरूरी संशोधन तय समय में प्रस्तावित किए जाएंगे।

यह भी पढ़ें :   भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) का अनावरण

****

एमजी/एएम/पीएस/डीवी