वित्त अधिनियम, 2021 ने आयकर अधिनियम, 1961 (अधिनियम) की धारा 72ए में संशोधन किया है, ताकि अन्य बातों के अतिरिक्त,रणनीतिक विनिवेश के हिस्से के रूप में, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी (पीएसयू) के एक कंपनियां एक से अधिक कंपनियों के साथ या उल्लिखित शर्तों के अधीन,विलय के मामले में, जोपीएसयू(पूर्ववर्ती सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी) नहीं रह जाती है,कुल हानि और विलय होने वाली कंपनी के अनवशोषित मूल्यह्रास को नुकसान माना जाएगा या मामले में जैसा कहा गया हो, पिछले वर्ष जिसमें विलय हुआ था, के लिए विलय हो चुकी कंपनी के अनवशोषित मूल्यह्रास के लिए भत्ता माना जाएगा।
रणनीतिक विनिवेश की सुविधा के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 79, एक पूर्ववर्ती सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी पर लागू नहीं होगी, जो रणनीतिक विनिवेश के परिणामस्वरूप पूर्ववर्ती पीएसयू हो गई है। तदनुसार, रणनीतिक विनिवेश के पिछले वर्ष से पहले और इसमें शामिल किसी भी पिछले वर्ष में हुई हानि को पूर्ववर्ती सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी द्वारा आगे बढ़ाया और समायोजित किया जाएगा। उपरोक्त छूट पिछले वर्ष से लागू नहीं होगी जिसमें कंपनी, जो कि ऐसी पूर्ववर्ती सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी की अंतिम होल्डिंग कंपनी थी, के पास रणनीतिक विनिवेश के पूरा होने के तुरंत बाद, सीधे या अपनी सहायक या सहायक कंपनियों के माध्यम से, पूर्ववर्ती सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी की मतदान शक्ति का इक्यावन प्रतिशत नहीं रह गया हो।
शब्द “पूर्ववर्ती सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी” और “रणनीतिक विनिवेश” का अर्थ आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 72ए की उप-धारा (1) के खंड (डी) के स्पष्टीकरण में दिए गए अर्थ के अनुरूप होगा।
उपरोक्त निर्णय के लिए आवश्यक विधायी संशोधन नियत समय में प्रस्तावित किए जाएंगे।
एमजी/एएम/जेके