एनएफआरए ने हितधारकों के साथ जुड़ाव बढ़ाने से संबंधित परामर्श – पत्र में प्राप्त टिप्पणियों के आधार पर अपना निष्कर्ष निकाला

सार्वजनिक हित की संस्थाओं (पीआईई) से संबंधित भारतीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्रणाली में प्रणालीगत बदलाव लाने के बुनियादी उद्देश्य से केन्द्र सरकार द्वारा अक्टूबर 2018 में राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) की स्थापना की गई थी।

एनएफआरए ने विभिन्न श्रेणी के हितधारकों के साथ जुड़ाव को जनहित से जुड़े अपने दायित्वों को पूरा करने की अपनी रणनीति के मुख्य बिंदु के तौर पर पहचाना है। उसी के अनुरूप, एनएफआरए ने अपनी तकनीकी सलाहकार समिति (टीएसी) को इससे संबद्ध मुद्दों को समझने और इस दिशा में उठाए जाने वाले कदमों की सिफारिश करने के लिए कहा था। टीएसी ने मार्च 2021 के अंत में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। एनएफआरए ने टीएसी की रिपोर्ट और उसके द्वारा की गई सिफारिशों का विश्लेषण किया और जून 2021 में इससे संबंधित एक परामर्श – पत्र पेश करके इस संबंध में एनएफआरए द्वारा प्रस्तावित किए गए कदमों के बारे में जनता के विचार/सुझाव मांगे। टिप्पणियां जमा करने की अंतिम तिथि 30 जुलाई 2021 थी।

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एनएफआरए को विभिन्न हितधारकों, जिनमें महत्वपूर्ण उद्योग निकाय, बड़े लेखा फर्म और अनुसंधान/अकादमी शामिल हैं, की ओर से 17 टिप्पणी – पत्र प्राप्त हुए हैं। कुल मिलाकर, सभी हितधारकों ने एनएफआरए द्वारा हितधारकों की भागीदारी को सक्रिय रूप से बढ़ावा देने के प्रस्तावों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है। एनएफआरए ने सभी सार्वजनिक टिप्पणियों का विश्लेषण किया है और परामर्श – पत्र में स्पष्ट किए गए मुद्दों के संबंध में आगे की राह के बारे में अपना निष्कर्ष निकाला है। प्राप्त टिप्पणियों के साथ – साथ एनएफआरए के निष्कर्ष उसकी वेबसाइट पर निम्नलिखित पोस्ट किए गए हैं:  

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https://nfra.gov.in/consultation_papers

एनएफआरए ने अपने सभी प्रमुख हितधारकों के बहुमूल्य सुझावों/विचारों के लिए उनका आभार जताया है।

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