भारत में एक दिन में एक करोड़ से अधिक लोगों के टीकाकरण का अहम पड़ाव नर्सिंग कर्मियों के समर्पण और अथक प्रयासों के कारण ही संभव हुआ: राष्ट्रपति कोविंद

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत में एक दिन में एक करोड़ से अधिक लोगों के टीकाकरण का अहम पड़ाव नर्सिंग कर्मियों के समर्पण और अथक प्रयासों के कारण ही संभव हो पाया है। वे आज (15 सितंबर, 2021) एक वर्चुअल समारोह में नर्सिंग कर्मियों को नेशनल फ्लोरेंस नाइटिंगल अवार्ड प्रदान करने के अवसर पर बोल रहे थे।

राष्ट्रपति ने कहा कि यह नर्सों द्वारा निरंतर दी गयी मदद थी, जिसने हमारी कोविड-19 महामारी से लड़ने में सहायता की। उनके निरंतर प्रयासों के कारण ही हमने अपनी आबादी के एक बड़े हिस्से का टीकाकरण करने का गौरव हासिल किया है। भारत में एक दिन में एक करोड़ से अधिक लोगों के टीकाकरण का अहम पड़ाव उनके समर्पण और अथक प्रयासों के कारण ही संभव हो पाया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी कई नर्सों ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में अपनी जान गंवाई है। उन्होंने कहा कि पुरस्कार पाने वालों में से एक ने कोविड-19 रोगियों का इलाज करते हुए अपनी जान गंवा दी। उन्होंने कहा कि इस बलिदान के लिए देश हमेशा उनका ऋणी रहेगा। उन्होंने कहा कि सेवाओं और बलिदानों का मूल्यांकन किसी भी आर्थिक लाभ के लिहाज से नहीं किया जा सकता है। फिर भी, सरकार ने महामारी के दौरान नर्सों के योगदान को स्वीकार किया है और सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को 50 लाख रुपये का एक व्यापक व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा कवरेज देने के उद्देश्य से ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी): कोविड-19 से लड़ने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बीमा योजना’ शुरू की है।

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अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस 2021 की थीम ‘नर्स: ए वॉइस टू लीड – ए विजन फोर फ्यूचर हेल्थकेयर’ का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह दुनिया भर में स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणालियों में नर्सों की केंद्रीय भूमिका को सामने लाता है। नर्सिंग वास्तव में कई स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने और व्यक्तियों, समुदायों तथा समाज की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। नर्स और दाई अक्सर लोगों और स्वास्थ्य प्रणाली के बीच संपर्क का पहला बिंदु होती हैं। नर्स और दाई न केवल स्वास्थ्य संबंधी सतत विकास के लक्ष्यों (एसडीजी) को पूरा करने में योगदान करती हैं, बल्कि शिक्षा, लिंग संवेदीकरण और राष्ट्र के आर्थिक विकास में भी योगदान देती हैं। वे स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और हमारे स्वास्थ्य सेवा वितरण के लिए महत्वपूर्ण हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश में नर्सिंग कर्मी नवोन्मेषी और चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं के लिए खुद को ढाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब, जो लोग नर्सिंग में लगे हैं, वे विशिष्ट कौशल और दक्षता विकसित कर सकते हैं। सरकार ने दाइयों का नया कैडर बनाने के लिए ‘मिडवाइफरी सर्विस इनिशिएटिव’ शुरू किया है। उन्हें नर्स प्रैक्टिशनर मिडवाइफ (एनपीएम) कहा जाएगा जो अपेक्षित ज्ञान और दक्षताओं से लैस होंगे। इस पहल से समाज के सबसे निचले पायदान पर खड़ी महिलाओं तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंच सकेंगी।

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राष्ट्रपति ने कहा कि आज के पुरस्कार विजेताओं ने लोगों की सेवा के अनुकरणीय उदाहरण पेश किए हैं। उन्होंने कई बार बुनियादी परिवहन सुविधाओं के अभाव में भी लोगों को चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की हैं। कुछ लोगों ने कर्तव्य की मांग से भी आगे बढ़कर सामाजिक कल्याण के लिए सेवाएं प्रदान की हैं जैसे बाल विवाह के खिलाफ लोगों को शिक्षित करना, प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सहायता प्रदान करना और आदिवासी समुदाय की मदद करना। उन्होंने सभी पुरस्कार विजेता नर्सिंग कर्मियों को बधाई दी और आशा व्यक्त की कि वे पीड़ित लोगों को ठीक करना जारी रखेंगे और इस महान पेशे की प्रतिष्ठा को बढ़ाएंगे।

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