· स्पाइनल-मस्कुलर एट्रोफी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली जीवन रक्षक दवाएं जोलगेन्स्मा और विल्टेप्सो को निजी इस्तेमाल के लिए आयात किए जाने पर जीएसटी से छूट दी गई है।
· कोविड-19 के उपचार में इस्तेमाल होने वाली कुछ दवाओं पर जीएसटी की मौजूदा रियायती दरों को 31 दिसंबर 2021 तक विस्तार दिया गया है।
· फार्मास्युटिकल विभाग द्वारा अनुशंसित 7 अन्य दवाओं पर जीएसटी की दर 31 दिसंबर 2021 तक 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है।
· कैंसर के इलाज के लिए कीट्रूडा दवा पर जीएसटी दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है।
· दिव्यांग व्यक्तियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले वाहनों के लिए रेट्रो फिटमेंट किट पर जीएसटी दर को घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
· आईसीडीएस जैसी योजनाओं के लिए फोर्टिफाइड राइस कर्नेल्स पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत की गई है।
जीएसटी परिषद ने जीएसटी दरों और सेवाओं पर छूट के दायरे में बड़े बदलाव की भी सिफारिश की है।
वस्तु एवं सेवाओं पर जीएसटी दर के संबंध में कई स्पष्टीकरण की सिफारिश की गई है।
परिषद ने जीएसटी कानून एवं प्रक्रिया से संबंधित कई उपायों की सिफारिश की है।
परिषद ने प्रमुख क्षेत्रों के लिए उल्टे शुल्क ढांचे में सुधार की जांच करने और निगरानी सहित अनुपालन में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए 2 मंत्री समूह (जीओएम) स्थापित करने का निर्णय लिया है।
जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक आज लखनऊ में केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित की गई। जीएसटी परिषद ने अन्य बातों के साथ-साथ वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर जीएसटी दरों में बदलाव और जीएसटी कानून एवं प्रक्रिया से संबंधित निम्नलिखित बदलावों की सिफारिश की है:
I. वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों से संबंधित सिफारिशें
क. जीएसटी दर रियायत के रूप में कोविड-19 राहत उपाय
1. कोविड-19 उपचार की निम्नलिखित दवाओं पर मौजूदा रियायती जीएसटी दरों का विस्तार (वर्तमान में 30 सितंबर, 2021 तक वैध) 31 दिसंबर 2021 तक किया गया है:
i. एम्फोटेरिसिन बी- शून्य
ii. रेमडेसिविर- 5 प्रतिशत
iii. टोसीलिजुमैब- शून्य
iv. हेपरिन जैसे एंटी-कोआगुलंट्स- 5 प्रतिशत
2. कोविड-19 के उपचार वाली अन्य दवाओं पर जीएसटी दर को 31 दिसंबर 2021 तक घटाकर 5 प्रतिशत किया गया है। इनमें निम्नलिखित दवाएं शामिल हैं:
i. इटोलिजुमैब
ii. पॉसकोनाजोल
iii. इनफि़्लक्सिमैब
iv. फेविपिराविर
v. कैसिरिविमैब व इम्डेमिबैब
vi. 2-डिओक्सी-डी-ग्लूकोज
vii. बामलानिविमैब व इटेसेविमैब
ख. वस्तुओं से संबंधित जीएसटी दर में बदलाव पर प्रमुख सिफारिशें [1.10.2021 से कोई अन्य निर्देश्जारी न होने तक प्रभावी]
क्रम संख्या
विवरण
मौजूदा
संशोधित
जीएसटी दर में बदलाव
1.
दिव्यांगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले वाहनों के लिए रेट्रो फिटमेंट किट
लागू दर
5%
2.
आईसीडीएस आदि योजनाओं के लिए फोर्टिफाइड राइस कर्नेल्स
18%
5%
3.
कैंसर के उपचार में इस्तेमाल की जाने वाली दवा कीट्रूडा
12%
5%
4.
डीजल के ब्लेंडिंग के लिए ओएमसी को आपूर्ति की जाने वाला बायोडीजल
12%
5%
5.
लौह, तांबा एल्युमीनियम, जस्ता आदि धातुओं के अयस्क एवं कंसेंट्रेट
5%
18%
6.
निर्दिष्ट नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण एवं कलपुर्जे
5%
12%
7.
कार्टन, बक्से, बैग, कागज के पैकिंग कंटेनर आदि
12% / 18%
18%
8.
पॉलीयुरेथेन एवं अन्य प्लास्टिक के अपशिष्ट व स्क्रैप
5%
18%
9.
सभी प्रकार के पेन
12% / 18%
18%
10.
रेलवे के कलपुर्जे, लोकोमोटिव एवं चैप्टर 86 की अन्य वस्तुएं
12%
18%
11.
कार्ड, कैटलॉग, प्रिंटेड सामग्री जैसी विभिन्न वस्तुएं (चैप्टर 49 के शुल्क)
12%
18%
12.
व्यक्तिगत उपयोग के लिए निम्नलिखित दवाओं के आयात पर आईजीएसटी
12%
शून्य
13.
भारत-बांग्लादेश बॉर्डर हाटों में आपूर्ति किए जाने वाली वस्तुओं पर आईजीएसटी में छूट
लागू दर
शून्य
14.
मछली के तेल को छोड़कर मछली के भोजन के उत्पादन के दौरान उत्पन्न अनपेक्षित अपशिष्ट
शून्य (1.7.2017 से 30.9.2019 तक)
ग. वस्तुओं पर जीएसटी दरों से संबंधित अन्य बदलाव
घ. फुटवियर एवं कपड़ा क्षेत्र में इनवर्टेड शुल्क ढांचे में सुधार
फुटवियर और कपड़ा क्षेत्र में इनवर्टेड शुल्क ढांचे को ठीक करने के लिए जीएसटी दर में बदलाव किया गया है। इस पर जीएसटी परिषद की पूर्व बैठक में चर्चा हुई थी लेकिन उपयुक्त समय के लिए इसे स्थगित कर दिया गया था। यह बदलाव 01.01.2022 से प्रभावी तौर पर लागू किया जाएगा।
ड. केरल के माननीय उच्च न्यायालय के हालिया निर्देशों के संदर्भ में जीएसटी परिषद के समक्ष विचार के लिए यह मुद्दा लाया गया कि क्या निर्दिष्ट पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए। उचित विचार-विमर्श के बाद परिषद का मानना था कि फिलहाल ऐसा करना उचित नहीं है।
च. दरों और सेवाओं पर छूट के दायरे के संबंध में प्रमुख जीएसटी बदलाव [1.10.2021 से अन्य निर्देश जारी होने तक प्रभावी]
क्रम संख्या
विवरण
मौजूदा
संशोधित
1.
जहाज और विमान के जरिये भारत से वस्तुओं का परिवहन भारत के बाहर किए जाने पर जीएसटी छूट की वैधता 30.09.2022 तक बढ़ा दी गई है।
–
शून्य
2.
शुल्क के भुगतान पर मालवाहकों को राष्ट्रीय परमिट प्रदान करने जैसी सेवाएं
18%
शून्य
3.
कौशल प्रशिक्षण जिसके लिए सरकार 75 प्रतशत या अधिक खर्च का वहन करती है [वर्तमान में छूट केवल तभी लागू होती है जब सरकार 100 प्रतिशत निधि देती है]।
18%
शून्य
4.
एएफसी महिला एशिया कप 2022 से संबंधित सेवाएं।
18%
शून्य
5.
लाइसेंसिंग सेवाएं/ मूल फिल्मों, ध्वनि रिकॉर्डिंग, रेडियो और टेलीविजन कार्यक्रमों को प्रसारित करने एवं दिखाने का अधिकार [वितरण एवं लाइसेंसिंग सेवाओं के बीच समानता लाने के लिए]
12%
18%
6.
रिकॉर्ड किए गए मीडिया की प्रिंटिंग एवं रीप्रोडक्शन सेवाएं जहां प्रकाशक द्वारा सामग्री की आपूर्ति की जाती है (इसे फिल्म या डिजिटल मीडिया से चित्रों की कलर प्रिंटिंग के साथ समानता लाने के लिए)
12%
18%
7.
भारतीय रेलवे को आईआरएफसी द्वारा पट्टे पर रोलिंग स्टॉक देने पर छूट को वापस ले लिया गया है।
8.
ई-कॉमर्स ऑपरेटरों को उनके जरिये प्रदान की जाने वाली निम्नलिखित सेवाओं पर कर भुगतान के लिए जिम्मेदार बनाया जा रहा है:
9.
पट्टे पर माल के आयात से संबंधित आईजीएसटी छूट से संबंधित शर्तों में कुछ छूट दी गई है, जहां पट्टे की रकम पर जीएसटी का भुगतान किया जाता है ताकि इस छूट की अनुमति दी जा सके, भले ही (i) पट्टे की समाप्ति या रद्द होने पर इस तरह के सामान को भारत में किसी एक नए पट्टेदार को हस्तांतरित किया गया हो और (ii) एसईजेड में स्थित पट्टादाता फॉरवर्ड चार्ज के तहत जीएसटी का भुगतान करता है।
छ. वस्तुओं पर जीएसटी दर से संबंधित स्पष्टीकरण
ज. सेवाओं पर जीएसटी दर से संबंधित स्पष्टीकरण
II. मुआवजा परिदृश्य के मुद्दे पर परिषद के सामने एक प्रस्तुति दी गई थी जिसमें बताया गया था कि जून 2022 से अप्रैल 2026 तक की अवधि में मुआवजा उपकर से राजस्व संग्रह 2020-21 और 2021-22 में उधार के पुनर्भुगतान और ऋण अदायगी में अंतर को पाटने में खत्म हो जाएगा। इस संदर्भ में विभिन्न समितियों/ मंचों द्वारा अनुशंसित विभिन्न विकल्प प्रस्तुत किए गए। परिषद ने इस मुद्दे पर विस्तार से विचार-विमर्श किया। परिषद ने प्रमुख क्षेत्रों के लिए इन्वर्टेड शुल्क ढांचे में सुधार के मुद्दे की जांच करने, दरों को युक्तिसंगत बनाने और जीएसटी से राजस्व वृद्धि के लिए छूट की समीक्षा करने के लिए एक मंत्रिसमूह स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा यह भी निर्णय लिया गया है कि बेहतर अनुपालन के लिए तकनीक के उपयोग की संभावनाएं तलाशने के लिए एक मंत्रिसमूह का गठन किया जाएगा। अनुपालन में ई-वे बिल सिस्टम, ई-चालान, फास्टैग डेटा में सुधार लाने के अलावा केंद्र एवं राज्यों द्वारा साझा एवं समन्वित तरीके से खुफिया एवं प्रवर्तन कार्रवाई के लिए संस्थागत ढांचे को मजबूत करना शामिल हैं।
III. जीएसटी कानून एवं प्रक्रिया से संबंधित सिफारिशें
I. व्यापार सुविधा के उपाय:
सीजीएसटी नियमों के नियम 45 (3) के तहत फॉर्म जीएसटी आईटीसी-04 दाखिल करने की आवश्यकता में इस प्रकार छूट दी गई है:
क. पिछले वित्त वर्ष में 5 करोड़ रुपये से अधिक के कुल वार्षिक कारोबार वाले करदाताओं को छह महीने में एक बार आईटीसी-04 दाखिल करने होंगे।
ख. पिछले वित्त वर्ष में 5 करोड़ रुपये से कम कुल वार्षिक कारोबार वाले करदाताओं को सालाना आईटीसी-04 दाखिल करने होंगे।
क. ‘मध्यस्थ सेवाओं’ के दायरे पर स्पष्टीकरण।
ख. सेवाओं के निर्यात के लिए आईजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 2 (6) की शर्त (v) में उल्लखित ‘मेयरली इस्टैबलिशमेंट ऑफ डिस्टिंक्ट पर्सन’ शब्द की व्याख्या से संबंधित स्पष्टीकरण। कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत भारत में निगमित व्यक्ति और किसी अन्य देश के कानूनों के तहत निगमित व्यक्ति को अलग कानूनी संस्थाओं के रूप में माना जाना चाहिए और उन्हें आईजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 2 की उप-धारा (6) की शर्त (v) से अलग नहीं किया जाएगा। उन्हें सेवाओं की आपूर्ति के लिए सेवाओं के निर्यात के दायरे में रखा जाएगा।
ग. जीएसटी से संबंधित कुछ मुद्दों के बारे में स्पष्टीकरण:
i. डेट नोट जारी करने की तिथि (और अंतर्निहित चालान की तिथि नहीं) सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 16 (4) के लिए उपयुक्त वित्त वर्ष का निर्धारण करेगी। इसे 01.01.2021 से प्रभावी माना जाएगा।
ii. उन मामलों में कर चालान की भौतिक प्रति ले जाने की कोई आवश्यकता नहीं है जहां आपूर्तिकर्ता द्वारा सीजीएसटी नियम, 2017 के नियम 48 (4) के तहत निर्धारित तरीके से चालान तैयार किया गया है।
iii. वास्तव में केवल ऐसी वस्तुओं जो निर्यात शुल्क के अधीन हैं अर्थात जिन पर निर्यात के समय कुछ निर्यात शुल्क का भुगतान किया जाता है, सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 54 (3) के तहत लगाए गए प्रतिबंध के तहत संचित आईटीसी से रिफंड का लाभ उठाने के दायरे में होंगी।
झ. जीएसटी में अनुपालन को व्यवस्थित करने के लिए उपाय
जीएसटी परिषद ने अधिनियम और नियमों के कुछ प्रावधानों में संशोधन की भी सिफारिश की है।
नोट: इस विज्ञप्ति में जीएसटी परिषद की सिफारिशों को सभी हितधारकों की जानकारी के लिए सरल भाषा में प्रसतुत किया गया है। इसे संबंधित परिपत्रों/ अधिसूचनाओं/ कानून में संशोधनों के जरिये प्रभावी किया जाएगा।
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एमजी/एएम/एसकेसी/सीएस