आयकर विभाग ने नागपुर में तलाशी अभियान चलाया

आयकर विभाग ने नागपुर में समाज के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति और उनके परिवार के सदस्यों से जुड़े मामले में 17.09.2021 को एक खोज और जब्ती अभियान चलाया। समूह का नागपुर और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में शिक्षा, वेयरहाउसिंग और कृषि-कारोबार के क्षेत्रों में व्यापक व्यावसायिक कारोबार है। नागपुर, मुंबई, नई दिल्ली और कोलकाता में फैली खोज और सर्वेक्षण कार्यवाही में 30 से अधिक परिसरों को शामिल किया गया था।

तलाशी और जब्ती अभियान के दौरान, गड़बड़ियों की जानकारी देने वाले कई दस्तावेज, अघोषित जानकारियां और अन्य डिजिटल सबूत मिले और जब्त किये गये। ये साक्ष्य स्पष्ट रूप से नियमित बहीखातों के बाहर किये गये अघोषित वित्तीय लेनदेन में समूह की संलिप्तता का संकेत देते हैं, जिसमें खर्चों को बढ़ाचढ़ा कर दिखाने, मनी लॉन्ड्रिंग, फर्जी दान रसीदें, अघोषित नकद खर्च आदि शामिल हैं। दिल्ली स्थित कंपनी से मनी लॉन्ड्रिंग के जरिये समूह के द्वारा चलाये जा रहे ट्रस्ट को 4 करोड़ रुपये तक फर्जी दान पाने के साक्ष्य मिले हैं। यह स्पष्ट रूप से ट्रस्ट को दान देने के रूप में  जांच किये जा रहे व्यक्ति की अघोषित आय के धन शोधन की पुष्टि करता है। इसके अलावा, विशेष रूप से ऐसे सबूत मिले हैं जो बताते हैं कि ट्रस्ट के तीन शैक्षणिक संस्थान खर्चों को बढ़ा चढ़ा कर दिखाने में शामिल है, जिसमें कर्मचारियों को भुगतान किये गये वेतन को आंशिक रूप से नकद रूप में वापस लिया गया था। इस तरह के सबूत कई वित्तीय वर्षों के लिये मिले हैं जिनकी राशि 12 करोड़ रुपये से अधिक पायी गयी है। तलाशी के दौरान यह भी पता चला कि ट्रस्ट ने रसीदों को छिपाने के अलावा प्रवेश कराने के लिए ब्रोकरों को पर्याप्त राशि का भुगतान किया है। इस तरह  लगभग 87 लाख रुपये के भुगतान नकद में किये गये हैं और जो पूरी तरह से अघोषित हैं। 

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तलाशी अभियान के दौरान मिले साक्ष्य साफ तौर पर 17 करोड़ रुपये की आय को छिपाने का संकेत देते हैं। तलाशी अभियान के दौरान मिले कई बैंक लॉकरों को निषेधाज्ञा के तहत रखा गया है। तलाशी के दौरान जुटाये गये सबूतों का निरीक्षण किया जा रहा है और आगे की जांच जारी है।

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एमजी/एएम/एसएस