कश्मीर के श्रीनगर में महिला प्रिंसिपल और टीचर की हत्या। आतंकियों ने दो दिन में पांच बेकसूरों को मौत के घाट उतारा।

कश्मीर के श्रीनगर में महिला प्रिंसिपल और टीचर की हत्या। आतंकियों ने दो दिन में पांच बेकसूरों को मौत के घाट उतारा।
कांग्रेस और विपक्षी दलों के नेताओं का उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में मेला।
राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष डोटासरा मंत्रियों के साथ तो, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सिद्धू एक हजार वाहनों के साथ पहुंच रहे हैं।
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अफगानिस्तान पर आतंकी संगठन तालिबान और हक्कानी के कब्जे के बाद जिस बात की आशंका जताई जा रही थी, वही अब हमारे कश्मीर में हो रही है। पिछले चार पांच दिनों में कश्मीर घाटी खासकर श्रीनगर में आतंकी वारदातें बढ़ गई है। 7 अक्टूबर को भी श्रीनगर के एक स्कूल में घुसकर आतंकियों ने प्रिंसिपल सतिंदर कौर और टीचर दीपक को गोली मार दी। दोनों की ही मौके पर मौत हो गई। आतंकी जब स्कूल में घुसे तब मुस्लिम टीचर भी मौजूद थे, लेकिन आतंकियों ने चुनकर सतिंदर कौर और दीपक चांद को ही गोली मारी। इससे प्रतीत होता है कि आतंकी जम्मू कश्मीर ही नहीं बल्कि पूरे देश का माहौल खराब करना चाहते हैं। सबसे गंभीर बात तो यह है कि वारदात करने के बाद आतंकी आसानी से मौके से फरार हो रहे हैं। जाहिर है कि आतंकियों को स्थानीय लोगों का भी संरक्षण है। 5 अक्टूबर को ही आतंकियों ने श्रीनगर में ही दवा विक्रेता मक्खन लाल बिदरू, स्ट्रीट वेंडर वीरेंद्र पासवान की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि आतंकी एक समुदाय के लोगों को निशाना बनाकर कश्मीर का माहौल खराब करना चाहते हैं। दहशत का माहौल बनाने के लिए लगातार हत्या की जा रही है। एक और कश्मीर में आतंकी वारदातें हो रही हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस और विपक्षी दलों के नेताओं का उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में पहुंचने का सिलसिला जारी है। विगत दिनों लखीमपुर में चार किसानों और चार अन्य व्यक्तियों की मौत हो गई थी। इनमें से दो मृतकों के परिवार लखीमपुर खीरी में रहते हैं। 6 अक्टूबर को कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने दोनों मृतकों के परिजन से मुलाकात की थी। 7 अक्टूबर को कांग्रेस शासित राजस्थान और पंजाब के प्रदेश अध्यक्षों के नेतृत्व में भी बड़ी संख्या में कार्यकर्ता लखीमपुर पहुंच रहे हैं। राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सीमा के ऊंचा नगला में एक सभा भी की। इसमें सरकार के मंत्री भी शामिल हुए। डोटासरा के नेतृत्व में ही मंत्रियों और नेताओं का दल लखीमपुर जाएगा। इसी प्रकार पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने एक हजार वाहनों के साथ लखीमपुर जाने की घोषणा की है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीशचंद मिश्र आदि भी लखीमपुर में मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर रहे हैं। चूंकि उत्तर प्रदेश में पांच माह बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं, इसलिए लखीमपुर की घटना के बाद सियासी माहौल गर्म हो गया है। राजनीतिक दलों का अपना नजरिया होता है, लेकिन राजनेताओं को कश्मीर में हो रही आतंकी वारदातों को भी गंभीरता से लेना चाहिए। लखीमपुर खीरी की घटना पर स्थानीय प्रशासन किसान नेता राकेश टिकैत के साथ लगातार वार्ता कर रहा है, लेकिन कश्मीर में हो रही आतंकी वारदातों का असर पूरे देश पर पड़ेगा। यदि आतंकी अपने इरादों में सफल होते हैं तो फिर पूरे देश में गंभीर स्थिति उत्पन्न होगी। सवाल एक राजनीतिक दल का नहीं है। आतंकियों से मुकाबला करने के लिए सभी दलों को एकजुटता दिखानी होगी। राजनीतिक दलों को आतंकियों के खिलाफ भी मोर्चा खोलना होगा।