नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन और यूएन वुमैन इंडिया ने “महिलाओं एवं लड़कियों के लिए साइबर सुरक्षा” विषय पर आयोजित वेबिनार के साथ अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया

साइबर सुरक्षा की वैश्विक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए और साइबर स्वच्छता के महत्व को स्वीकार करते हुए नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन (एनईजीडी) तथा यूएन वुमैन इंडिया ने आज संयुक्त रूप से अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरूकता माह समारोह के साथ “महिलाओं एवं लड़कियों के लिए साइबर सुरक्षा” विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया।

वेबिनार में महिलाओं और लड़कियों के लिए सुरक्षित एवं समान ऑनलाइन स्पेस उपलब्ध कराने हेतु ‘भारत के डिजिटल दृष्टिकोण तथा साइबर सुरक्षा’ के व्यापक विषय के तहत नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन और यूएन वुमैन इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से शुरू की गई पहल का उल्लेख किया गया। वेबिनार के दौरान समाज में बढ़ते साइबर अपराधों और हिंसा की गंभीरता तथा महिलाओं एवं लड़कियों के लिए सुरक्षित और समान ऑनलाइन स्पेस को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता को स्वीकार किया गया।

अपने मुख्य भाषण में माई गॉव के अध्यक्ष एवं सीईओ, एनईजीडी एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा प्रबंध निदेशक श्री अभिषेक सिंह ने साइबर सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि सभी नागरिकों के लिए डिजिटल रूप से स्मार्ट होना महत्वपूर्ण है ताकि वे साइबर धोखाधड़ी, उत्पीड़न, शोषण, साइबर और लिंग आधारित हिंसा के शिकार न हों। उन्होंने इस संबंध में भारत सरकार द्वारा नियोजित और उठाए जा रहे विभिन्न कदमों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि फरवरी 2021 में अधिसूचित किए गए सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती संस्‍थानों के लिए दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 के माध्यम से भारत सरकार आम तौर पर उपयोग किए जाने वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों में समझदारी ला रही है और यह सुनिश्चित कर रही है कि सभी के अधिकारों विशेषकर महिलाओं एवं लड़कियों के अधिकारों की रक्षा की जाए।

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भारत में यूएन वुमैन इंडिया की प्रतिनिधि सुश्री सुसान फर्ग्यूसन ने जागरूकता और दृष्टिकोण में बदलाव लाने के प्रति आशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि श्री शक्ति चैलेंज 2021 संस्करण जैसी विभिन्न पहलों के माध्यम से महिलाओं के अधिकारों को आगे बढ़ाने के लिए एमईआईटीवाई के साथ यूएन वुमैन इंडिया की दीर्घकालिक साझेदारी है और यूएन वुमैन इंडिया, भारत में महिलाओं एवं लड़कियों के लिए सुरक्षित तथा समान साइबर स्पेस बनाकर बेहतर वातावरण बनाने हेतु एनईजीडी के साथ काम करने के लिये प्रतिबद्ध है।

वेबिनार के दौरान सभी पैनलिस्टों ने महिलाओं एवं लड़कियों के साथ साइबर अपराध की घटनाओं के गंभीर प्रभावों पर जोर दिया और बताया कि पीड़ितों की सहायता कैसे की जा सकती है। संयुक्त राष्ट्र महिला भारत में कंसल्टेंट सुश्री वृंदा भंडारी ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ ऑनलाइन हिंसा पांच व्यापक कारकों के कारण चिंता का एक गंभीर विषय है – गुमनामी, पहुंच, शाश्वतता, दूरी पर कार्रवाई, और स्वचालन। साइबर हिंसा के शिकार व्यक्ति की सहायता के लिए, चार चरणों की आवश्यकता होती है जैसे पीड़ित की सहायता करना, घटना को रिकॉर्ड करना, अपराधी को ब्लॉक करना और जुर्म तथा अपराधी की रिपोर्ट करना।

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इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में साइबर कानून व ई-सुरक्षा वरिष्ठ निदेशक तथा समूह समन्वयक श्री राकेश माहेश्वरी ने विशेष रूप से महिलाओं और लड़कियों के लिए साइबर सुरक्षा के कानूनी एवं तकनीकी पहलुओं पर प्रकाश डाला। सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती संस्‍थानों के लिए दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 के बारे में उन्होंने कहा कि 25 नवंबर 2021 के बाद सरकार आईटी नियम 2021 में उपलब्ध सुरक्षा, संरक्षा और जवाबदेही जैसी सुविधाओं को बड़े पैमाने पर प्रचारित करने जा रही है। उन्होंने कहा कि हम इस विशेष दस्तावेज़ पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के एक सेट के साथ यह सुनिश्चित करेंगे कि लोग इसे सरल भाषा में समझ सकें।

दुनिया भर में, अक्टूबर का महीना साइबर सुरक्षा को समर्पित है और इसे “राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरूकता माह (एनसीएसएएम)” के रूप में मनाया जाता है। एनसीएसएएम 2021 की थीम “डू योर पार्ट” है। #BeCyberSmart” (#बीसाइबरस्मार्ट)। इस विषय की परिकल्पना है कि साइबर स्पेस में गतिविधियों के अपने हिस्से की रक्षा करने में व्यक्तियों और संगठनों की अपनी भूमिका होती है।

वेबिनार साइबर सुरक्षा प्रोटोकॉल और नागरिकों के लिए साइबर धोखाधड़ी तथा लिंग आधारित साइबर हिंसा की रिपोर्ट करने के लिए उपलब्ध सरल एवं आसान शिकायत प्रक्रिया पर जानकारी प्रदान करने में सफल रहा।

 

 

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