श्री भूपेंद्र यादव ने देश भर के चिड़ियाघरों से स्थानीय पक्षियों और जानवरों के संरक्षण के लिए प्राथमिकता वाली प्रजातियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा

केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण द्वारा आयोजित और सरदार पटेल प्राणी उद्यान,केवडिया,गुजरात की मेजबानी में आज चिड़ियाघर निदेशकों और पशु चिकित्सकों का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न हुआ।

 

केंद्रीय पर्यावरण,वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने समापन समारोह में अपने विशेष संबोधन में जीव जंतुओं की प्रजातियों के संरक्षण के लिए किए गए प्रयासों के लिए सबको बधाई दी और वन्यजीवों,जंगली आवासों और प्राकृतिक संसाधनों के सर्वांगीण संरक्षण के महत्व को दोहराया।

Hon’ble Union Minister for MoEF&CC, Shri @byadavbjp delivering a keynote address during the Valedictory Session of National Conference for Zoos Directors & Veterinarians at Kevadia, #Gujarat #AzadiKaAmritMahotsavWatch the program LIVE: https://t.co/0cEf0G0YYA pic.twitter.com/jBIm1hxoKo

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने यह आश्वासन दिया कि राज्यों के वन मंत्रियों के साथ संवाद के दौरान चिड़ियाघर चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण विषय होगा। उन्होंने चिड़ियाघरों को अब आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने, सीएसआर तथा सार्वजनिक निजी भागीदारी पर विचार करने और स्थानीय पक्षियों और जानवरों को संरक्षण के लिए प्राथमिकता वाली प्रजातियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित किया।

 

श्री यादव ने टकराव रोकने की रणनीतियों में संरक्षण जागरूकता और इसके महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने चिड़ियाघर के अधिकारियों के सुझावों को शामिल करते हुए और उन सुझावों के आधार पर अल्पकालिक और दीर्घकालिक कार्य योजना तैयार करनेके साथ चिड़ियाघरों और नगर वनों के लिए एक समावेशी रास्ता प्रस्तावित किया।

इस राष्ट्रीय सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य देश में चिड़ियाघर प्रबंधन और जीवों के संरक्षण को लेकर उभरी नई बातों पर चर्चा और विचार-विमर्श करना था। आज की स्थिति में देश भर में 150 से अधिक मान्यता प्राप्त चिड़ियाघर और बचाव केंद्र हैं जो वन्यजीव कल्याण के दिशा-निर्देशों और उच्च मानकों का पालन करते हैं।

 

सम्मेलन के दूसरे दिन,देश में चिड़ियाघरों के वैज्ञानिक प्रबंधन से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर विचार करने के लिए 3 तकनीकी सत्र आयोजित किए गए,जिसमें वन्यजीव व्यापार की चुनौतियों से निपटने और संरक्षण के विज्ञान में नागरिकों को शामिल करने और इस प्रकार भारत के सभी चिड़ियाघरों के लिए सर्वोच्च महत्व वाले ‘पीपल्स कनेक्ट’ अवधारणा को सुरक्षित किया गया। इस सत्र की अध्यक्षता चिड़ियाघर और वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र की प्रतिष्ठित हस्तियों ने की जिसमें कई तरह के विचार-विमर्श और चर्चाएं शामिल थीं।

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श्री यादव ने इन सत्रों में सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्होंने सत्र में शामिल वक्ताओं और चिड़ियाघर समुदाय को अपने निस्वार्थ कार्य और वन्यजीवों तथा जंगली आवासों के संरक्षण के लिए नवाचारों और प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।

गुजरात सरकार के वन और पर्यावरण मंत्री श्री किरीट सिंह राणा के साथ केंद्रीय पर्यावरण मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के तीन महत्वपूर्ण प्रकाशनों का भी विमोचन किया।

• विज़न प्लान (2021-2031)- भारतीय चिड़ियाघरों को वैश्विक मानकों के अनुरूप तैयार करने और केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को मजबूत करने के लिए विज़न प्लान (2021-2031) जारी किया गया। यह विज़न दस्तावेज अद्वितीय पशु देखभाल, अत्याधुनिक अनुसंधान और सभी उम्र के लोगों के साथ तालमेल बिठाते हुए आकर्षक आगंतुक अनुभव प्रदान करके केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) और भारतीय चिड़ियाघरों को संरक्षण के लिए एक बड़ी ताकत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। पूरे 10 साल का यह विज़न प्लान (दृष्टि योजना) आंकड़ों के गहन अध्ययन और हितधारक परामर्श प्रक्रिया के बाद तैयार किया गया और इससे भारत में संरक्षण दृष्टिकोण पर एक नई दिशा मिलने की उम्मीद है।

• चिड़ियाघरों के लिए वॉश मैनुअल- सार्वजनिक स्थानों पर जल और स्वच्छता हासिल करना स्थायी वॉश (डब्ल्यूएएसएच) प्रबंधन का एक अनिवार्य तत्व है। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण(सीजेडए) ने चिड़ियाघरों को उनके परिसर में कर्मचारियों और आगंतुकों के लिए वॉश सुविधाएं बनाने और उसे बनाए रखने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए यूनिसेफ के सहयोग से अब एक दिशा-निर्देश विकसित किया है।

• आज़ादी का अमृत महोत्सव – एक संकलन (वॉल्यूम 1) -देश भर के चिड़ियाघरों के समर्थन में सीजेडए स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मनाने के लिए 12 मार्च 2021 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए स्पष्ट आह्वान का पालन करने के लिए तैयार है। महोत्सव का विषय 75 चिड़ियाघरों में 75 प्रजातियों का प्रदर्शन करना है,हालांकि 75 हफ्तों में बड़े पैमाने पर आउटरीच कार्यक्रम हैं। पहल की शुरुआत के बाद से, 1000 घंटे से अधिक की पहुंच हासिल की जा चुकी है। इसे प्रदर्शित करने और संकलित करने के लिए,पहले 25 सप्ताहों के दौरान समारोहों का कॉफी टेबल बुक की तरह का एक संकलन वॉल्यूम 1 भी आज लॉन्च किया गया।

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समापन समारोह में इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन श्रीमती सुधा मूर्ति को सम्मानित किया गया। उन्होंने जानवरों और उनके सकारात्मक प्रभाव के साथ गहरे संबंध पर विस्तृत भाषण दिया। श्रीमती मूर्ति ने करुणा के उस पहलू पर जोर दिया जो बच्चों में जानवरों के साथ खेल के दौरान विकसित होता है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रकृति के साथ इस तरह जुड़ना महामारी वर्ष के दौरान कैसे और भी महत्वपूर्ण हो गया।

इस अवसर पर वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो द्वारा निर्मित एक आउटरीच फिल्म भी जारी की गई जिसका शीर्षक था ‘प्रकृति के साथ सद्भाव में रहना, वन्यजीवों के अवैध व्यापार को रोकना’। इस मौके पर गणमान्य हस्तियों ने सीजेडए द्वारा गठित प्राणि मित्र पुरस्कार भी प्रदान किए जो हर साल 4 श्रेणियों के तहत दिए जाते हैं। ये 4 श्रेणी हैं चिड़ियाघर के निदेशक/क्यूरेटर,जीवविज्ञानी/ शिक्षाविदों,पशु चिकित्सक और पशु रक्षक/चिड़ियाघर की अग्रिम पंक्ति द्वारा उत्कृष्ट योगदान।

इस वर्ष के विजेता हैं:

• उत्कृष्ट पशु रक्षक-श्रीमती लखीदेवी,भगवान बिरसा प्राणी उद्यान,रांची झारखंड।

• उत्कृष्ट शिक्षाविद्/जीवविज्ञानी-श्री हरपाल सिंह,शिक्षाविद्, महेंद्र चौधरी प्राणी उद्यान, चटबीरपंजाब।

• उत्कृष्ट पशु चिकित्सक-डॉ इलियाराजा, आगरा भालू बचाव सुविधा केंद्र,उत्तर प्रदेश

• उत्कृष्ट निदेशक-डॉ विभु प्रकाश माथुर,निदेशक, गिद्ध संरक्षण प्रजनन केंद्र,पिंजौर, हरियाणा।

समापन कार्यक्रम में डॉ. एसपी यादव,सदस्य सचिव, केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण,श्री एस. टिकदार,पीसीसीएफ और सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू गुजरात,डॉ सोनाली घोष,डीआईजी, सीजेडए और डॉ राम रतन नाला,निदेशक, एसवीपीजेडपी,केवदिता सहित केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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