ग्रीन ग्रिड इनिशिएटिव: वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड नॉर्थवेस्ट यूरोप कोऑपरेटिव इवेंट

केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री (एमएनआरई), भारत सरकार श्री आर के सिंह ने ग्रीन ग्रिड इनिशिएटिव- वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड नॉर्थवेस्ट यूरोप कोऑपरेटिव इवेंट के मंत्रिस्तरीय सत्र को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में ब्रिटेन के व्यापार, ऊर्जा एवं औद्योगिक रणनीति के सेक्रे‍टरी ऑफ स्‍टेट श्री क्वासी क्वार्टेंग और बेल्जियम की ऊर्जा मंत्री सुश्री टिन्ने वान डेर स्ट्रेटन ने भी भाग लिया। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के महानिदेशक डॉ. अजय माथुर और विश्व बैंक इंडिया के कंट्री डायरेक्टर डॉ. जुनैद अहमद ने इस पहल के तहत किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी।

श्री सिंह ने पर्यावरण और स्वच्छ ऊर्जा एवं ऊर्जा संक्रमण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की और 2030 तक 450 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता हासिल करने के भारत के लक्ष्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने रेखांकित किया कि भारत स्वच्छ ऊर्जा और उत्सर्जन में कमी से संबंधित अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) को हासिल करने की राह पर अग्रसर है और लक्षित तिथि से काफी पहले है। सौर एवं पवन ऊर्जा स्रोतों की रुक-रुक कर चलने प्रकृति और ऊर्जा भंडारण की उच्च लागत संबंधी चुनौतियों को स्वीकार करते हुए श्री सिंह ने भंडारण की आवश्यकता को कम करने और लागत को कम करने के लिए संभावित समाधान के रूप में जीजीआई- ओएसओडब्‍ल्‍यूओजी पहल प्रस्तुत की।

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सचिव कावसी क्वार्टेंग ने कहा कि वैश्विक स्‍तर पर ऊर्जा संक्रमण में तेजी लाना ब्रिटेन की पहली प्राथमिकता है क्योंकि यह संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी26) की मुख्‍य बातों में शामिल है। इसके अध्‍यक्ष श्री क्वार्टेंग ने ओएसओडब्‍ल्‍यूओजी को विकसित करने की दिशा में आईएसए और भारत द्वारा किए गए अभिनव कार्यों की सराहना की। जीजीआई- ओएसओडब्‍ल्‍यूओजी पहल के लिए ब्रिटेन के समर्थन के बारे में बताते हुए उन्होंने सीओपी26 से इतर अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने के इरादों पर जोर दिया।

ब्रिटेन के फॉरेन, कॉमनवेल्थ एंड डेवलपमेंट ऑफिस (एफसीडीओ) की कार्यकारी एजेंसी विल्टन पार्क ने ग्रीन ग्रिड इनिशिएटिव- वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड (जीजीआई-ओएसओडब्‍ल्‍यूओजी) पर रणनीतिक चर्चा के लिए दो दिवसीय कार्यक्रम की मेजबानी की। नॉर्थवेस्ट यूरोप कोऑपरेटिव इवेंट नामक इस कार्यक्रम में नवीकरणीय बिजली के सीमा पार व्यापार के विकास के लिए वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड (ओएसओडब्‍ल्‍यूओजी) पहल और नॉर्थवेस्ट यूरोप में परियोजना पर एक बहुस्तरीय बातचीत हुई।

बेल्जियम की मंत्री वान डेर स्ट्रेटन ने भविष्‍य की ऊर्जा में निवेश के लिए बड़े और छोटे सभी देशों के राजनीतिक नेताओं के बीच तालमेल और पहल करने की आवश्यकता पर जोर दिया। सुश्री वान डेर स्ट्रेटन ने कहा कि जीजीआई-ओएसओडब्‍ल्‍यूओजी पहल के साथ कम लागत पर सौर ऊर्जा भारत से बेल्जियम तक पहुंचाई जा सकती है।

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आईएसए के महानिदेशक डॉ. माथुर ने पर्दे के पीछे चल रहे काम के बारे में जानकारी दी क्योंकि जीजीआई-ओएसओडब्‍ल्‍यूओजी को एक पूर्ण परियोजना में परिवर्तित किया जा रहा है। डॉ. माथुर ने कहा कि सतत विकास और जलवायु परिवर्तन की समस्‍या से निपटने के लिए जीजीआई-ओएसओडब्‍ल्‍यूओजी पहल के केंद्र में हैं। उन्‍होंने कहा कि इस परियोजना का व्‍यापक तौर पर विस्‍तार होने से आधुनिक इंजीनियरिंग जबरदस्‍त चमत्कार दिखेगा।

वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड (ओएसओडब्‍ल्‍यूओजी) पहल का विचार भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा अक्टूबर 2018 में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की पहली सभा में रखा गया था। उन्होंने इसके लिए सीमाओं के पार सौर ऊर्जा आपूर्ति को जोड़ने का आह्वान किया था। मई 2021 में ब्रिटेन और भारत ने ग्रीन ग्रिड इनिशिएटिव और वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड पहल के लिए हाथ मिलाने और नवंबर 2021 में ब्रिटेन द्वारा ग्लासगो में आयोजित होने वाले सीओपी26 शिखर सम्मेलन में जीजीआई-ओएसओडब्‍ल्‍यूओजी को संयुक्त रूप से लॉन्च करने पर सहमति जताई थी।

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