केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज गोवा के धारबांदोडा में राष्ट्रीय फ़ॉरेन्सिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) के तीसरे कैंपस की आधारशिला रखी

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज गोवा के धारबांदोडा में राष्ट्रीय फ़ॉरेन्सिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) के तीसरे कैंपस की आधारशिला रखी। इस अवसर पर गोवा के मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत, केन्द्रीय मंत्री श्रीपद नाइक और केन्द्रीय गृह सचिव सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने अपने संबोधन में गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और भारत के पूर्व रक्षा मंत्री स्वर्गीय श्री मनोहर पर्रिकर जी को याद करते हुए कहा कि पर्रिकर जी गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश को बदलने की शुरूआत की। श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में तत्कालीन रक्षा मंत्री के तौर पर श्री मनोहर पर्रिकर ने दो बड़े काम किए जिनके लिए देश उन्हें हमेशा याद रखेगा। पहला, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में श्री मनोहर पर्रिकर जी ने देश की तीनों सेनाओं को वन रैंक, वन पेंशन देने का काम किया। सेनाओं के जवान अपने जीवनकाल का एक बड़ा हिस्सा दुष्कर परिस्थितियों में देश की रक्षा में गुज़ार देते हैं, उनके त्याग, तपस्या और बलिदान को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और श्री मनोहर पर्रिकर ने पहचाना। उन्होंने कहा कि कि आज देश की सीमाओं के रखवाले पूरी तरह आश्वस्त हैं कि उनके परिवार की चिंता भारत सरकार कर रही है और वन रैंक, वन पेंशन के लिए मोदी जी और पर्रिकर जी को भारत युगों तक याद करेगा। दूसरे काम के बारे में श्री अमित शाह ने कहा कि वर्षों से देश की सीमाओं को लांघकर आक्रांता आते थे और उग्रवाद फैलाते थे और नई दिल्ली से निवेदन के अलावा कुछ नहीं होता था। लेकिन जब कश्मीर के पुंछ में हमला हुआ और हमारे जवान शहीद हुए, तो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और रश्रा मंत्री श्री मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक करके भारत ने दुनिया को बता दिया कि भारत की सीमाओं से छेड़खानी करना इतना सरल नहीं है। उन्होंने कहा कि मोदी जी और पर्रिकर जी के नेतृत्व में पहली बार भारत ने अपनी सीमाओं की सुरक्षा, सम्मान अपने सार्वभौमत्व का गौरव प्रस्थापित करने का काम करके एक युगांतकारी शुरूआत की। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि एक वो युग था जब बातों से बात होती थी और फिर एक युग आया कि जैसा सामने से सवाल आएगा, वैसा ही जवाब दिया जाएगा।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय फ़ॉरेन्सिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) की कल्पना सबसे पहले देश के प्रधानमंत्री और गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने की थी। श्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे विश्व में पहली फ़ॉरेंसिक क्षेत्र की यूनिवर्सिटी शुरू करने का काम किया और जब वे प्रधानमंत्री बने तब उन्होंने राष्ट्रीय फ़ॉरेन्सिक साइंस यूनिवर्सिटी की स्थापना की। श्री शाह ने कहा कि इसके पीछे मक़सद दुर्दांत, आदतन और नए अपराधियों को वापस लाना है। श्री अमित शाह ने कहा कि दुर्दांत अपराधियों को सजा देने का काम तभी हो सकता है जब उनके खिलाफ जो केस है उसका अनवेषण रेशों बढ़ा दिया जाए। यह तभी संभव है जब कोर्ट में पैरवी करने वाले प्रॉसीक्यूशन के वकील के हाथ में साइंटिफिक एविडेंस होंगे। केन्द्रीय गृह ने कहा कि हमारे देश में  फॉरेंसिक साइंस कांसेप्ट तो आया और यूनिवर्सिटी भी बनी मगर  मानव संसाधन की इतनी कमी थी कि केसों की लंबी कतार लग गई, निपटारा ही नहीं हुआ जिससे कोर्ट में केस लंबित हुए। उन्होने कहा कि जब तक हम मानव संसाधन और फॉरेंसिक साइंस के क्षेत्र में एक्सपर्ट तैयार नहीं करेंगे इसको उत्थान तक ले जाना असंभव है।

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श्री अमित शाह ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि 6 साल से ज्यादा सजा वाले सभी गुनाहों के अंदर फॉरेंसिक साइंस की विजिट कंपलसरी कर दी जाए । इसके लिये देश के 600 से ज्यादा जिलों के अंदर एक अच्छी टीम और जिला स्तर की एक फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री बनानी होगी। उन्होने कहा कि इसके लिये कम 30,000 से 40,000 फॉरेंसिक साइंटिस्ट चाहिए और शिक्षा ही इसका रास्ता है इसलिए फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की स्थापना का काम किया है। उन्होने मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत से गोवा के बच्चों में इस यूनिवर्सिटी को पॉपुलर करने का अनुरोघ करते हुए कहा कि इसके अंतर्गत इतने कॉलेज खुलेंगे कि सबको नौकरी मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि 200 छात्रों और 5 विषयों के साथ आज यह कॉलेज शुरू हो रहा है और मैं सभी गोवा वासियों को कहना चाहता हूं कि उनके बच्चे फॉरेंसिक साइंस शिक्षा स्वीकार करें, पढ़ें और अपनी जॉब सुनिश्चित करें। श्री शाह ने कहा कि फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी में न केवल बच्चों को फॉरेंसिक साइंस पढ़ाया जाएगा बल्कि पुलिस ऑफिसर, जुडिशल ऑफिसर, साइबर सिक्योरिटी से जुड़े लोग और प्राइवेट कंपनियों के सिक्योरिटी से जुड़े लोगों के लिये डिप्लोमा कोर्स की व्यवस्था भी की गई है। श्री अमित शाह ने नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के उपकुलपति से कहा कि गोवा में पर्यटन स्थल और पर्यटक सुरक्षा से जुड़े विषय पर भी कुछ डिप्लोमा कोर्सेज तैयार करना चाहिए, साथ ही ड्रग्स और नारकोटिक्स के लिए एक बहुत अच्छा सेटअप और तटीय पुलिस के लिए व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि यहां स्थापित हो रहा कॉलेज न केवल गोवा बल्कि पूरे पश्चिम भारत और कर्नाटक तक अपनी महक और सुगंध को आगे बढ़ाएगा और कानून व्यवस्था की परिस्थिति को कंट्रोल करने में मदद करेगा।

श्री अमित शाह ने गोवा मुक्ति संग्राम में अपने प्राणों का बलिदान देने वाले सिपाहियों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि गोवा के लोगों ने स्वतंत्रता के लिए कड़ा संघर्ष किया है। अनेक लोगों ने गोवा मुक्ति संग्राम के लिए बलिदान दिया है और तभी आज गोवा भारत का पूर्ण अंग है। श्री अमित शाह ने कहा कि गोवा अलग-अलग संस्कृतियों के समन्वय का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने निर्णय किया है कि 15 अक्टूबर से विश्व भर की चार्टर फ्लाइट के टूरिस्ट गोवा आ सकते हैं। उनको टूरिस्ट वीजा प्रदान कर दिया जाएगा इससे गोवा के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। श्री अमित शाह ने कहा कि गोवा आने वाले पर्यटकों को अच्छा माहौल मिलेगा क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान में मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत ने पहली डोज का शत प्रतिशत टीकाकरण कर गोवा को भारत में नंबर वन बना दिया है। उन्होने कहा कि जब यह घोषणा हुई तो मैं भी अचंभित हुआ,दूसरी डोज के लिए भी थके बगैर मुख्यमंत्री जी आगे बढ़ रहे हैं। मेरी उन्हे बहुत-बहुत शुभकामनाएं है कि दूसरे डोज में भी वे शत प्रतिशत सफल हो और गोवा को कोरोना मुक्त बनाए। श्री शाह ने कहा कि कोरोना के बाद टूरिज्म सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए देने के लिए मोदी जी ने ढेर सारे फैसले लिए हैं । मोदी जी ने पांच लाख पर्यटकों को मुफ्त वीजा देने का निर्णय किया है, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वीजा फीस नहीं ली जाएगी, इसका सबसे बड़ा फायदा गोवा को मिलने वाला है। साथ ही सरकारी के गारंटी के साथ टूरिज्म के साथ जुड़े हुए लोगों को दस लाख रूपये का लोन और टूरिस्ट गाइडों को एक लाख तक का लोन देने का फैसला भी भारत सरकार ने किया है। साथ ही होटल इंडस्ट्री के लोग,टैक्सी ड्राइवर,फेरी वाले,दुकान वाले सभी को प्राथमिकता के साथ वैक्सीन लगाने का काम भी मोदी सरकार ने किया है।

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श्री अमित शाह ने कहा कि गोवा जब से राज्य बना है तब से यहां अस्थिरता का माहौल था लेकिन उनकी पार्टी ने गोवा को स्थिरता और विकास दोनों देने का काम किया है। श्री शाह ने कहा कि 10 साल से लगातार उनकी पार्टी की सरकार आई है। सबसे पहले शत प्रतिशत टीकाकरण के साथ साथ गोवा में गरीबों को अनाज देने में भी बहुत परफेक्शन आया है। शौचालय और बिजली देने का काम शत-प्रतिशत कर दिया गया है। विकास के इन सारे आयामों के अंदर बहुत सारे काम 10 साल में पहले मनोहर परिकर जी,फिर श्रीकांत जी और अब प्रमोद जी ने किए हैं। हर चुनौती को बहुत अच्छे तरीके से पार कर करने के साथ ही देश में कोरोना का सामना सबसे अच्छे तरीके से करने वाले राज्यों में गोवा प्रथम पंक्ति में है। राज्य में कनेक्टिविटी सुधार के लिए बहुत सारे निर्णय किए,200 वाई फाई टावर स्थापित किए हैं,गोवा स्टार्टअप का सेंटर बना हुआ है और वह ढेर सारे स्टार्टअप के लिए वैश्विक हॉटस्पॉट बनाने की तैयारी भी कर रहा है। श्री शाह ने कहा कि मुझे विश्वास है कि इसमें हमें जरुर सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि 3,500 करोड रुपए की लागत से मोपा हवाई अड्डे का निर्माण हो रहा है। पिछली सरकार सालों से बात करती थी लेकिन हमारी सरकार एक साल बाद इसको पूरा कर कर गोवा को नज़राने के रूप में देने वाली है। इससे औद्योगिक निवेश आएगा,पर्यटन भी बढ़ेगा और हवाई अड्डे की क्षमता भी बढ़ेगी। श्री शाह ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों को चार लेन से छह लेन में परिवर्तित करने और नए राजमार्ग बनाने के लिए लगभग 6,000 करोड रुपए से अधिक हम खर्च कर चुके है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि गोवा के मुख्यमंत्री स्वयं हर महीने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए गांव की योजनाओं की समीक्षा सीधे गांव के सरपंचों के साथ करते हैं। जो योजनाएं शुरू की उसमें कोई गरीब घर रह तो नहीं गया,उनके घर अनाज आता है या नहीं,शौचालय का काम ढंग से हो रहा है या नहीं हो रहा है,किसान को 6000 रुपए मिलता है या नहीं मिलता है, गरीब पेंशन विधवा पेंशन और बुजुर्ग पेंशन मिलता है या नहीं मिलता यह चिंता करने की उनकी पार्टी की सरकार ने बनाई है। श्री अमित शाह ने गोवा के लोगों को नेशनल फ़ोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी कैंपस की शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताई कि देशभर के फॉरेंसिक साइंस में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले साइंटिस्ट गोवा से निकलेंगे।

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