केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि कारीगरों और शिल्पकारों के बहुमूल्य पारंपरिक कौशल को बढ़ावा देने और संरक्षित करने के लिए “हुनर हाट”में “विश्वकर्मा वाटिका”की स्थापना की जाएगी।

कारीगरों और शिल्पकारों के बहुमूल्य पारंपरिक कौशल को बढ़ावा देने और संरक्षित करने के लिए “हुनर हाट”में “विश्वकर्मा वाटिका”की स्थापना की जाएगी। इन वाटिकाओं में वे यह भी प्रदर्शित करेंगे कि भारत के पारंपरिक, उत्तम और सुरुचिपूर्ण स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्पाद कैसे बनाए जाते हैं।

 

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज नई दिल्ली में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि भारत की सदियों पुरानी गौरवशाली विरासत की सुरक्षा, संरक्षण और प्रचार-प्रसार के लिए उत्तर प्रदेश के रामपुर में “हुनर हाट” में इस तरह की पहली “विश्वकर्मा वाटिका” स्थापित की गई है। इसका उद्घाटन केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा 16 अक्टूबर, 2021 को केंद्रीय संसदीय कार्य और संस्कृति राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल की गरिमामयी उपस्थिति में किया जाएगा।

देश भर के कुशल शिल्पकार, मूर्तिकार, राजमिस्त्री, लोहार, बढ़ई, कुम्हार और अन्य कारीगर इन “विश्वकर्मा वाटिका”में एक ही स्थान पर भारत की सैकड़ों पारंपरिक कलाओं और शिल्पों का सजीव प्रदर्शन करेंगे।

“मन की बात”कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने “विश्वकर्मा जयंती”के बारे मेंकहा था कि, “जो निर्माण करने और बनाने की प्रक्रिया में सभी प्रयास करता है वह “विश्वकर्मा”है। हमारे शास्त्रों की दृष्टि में, हमारे आसपास के सभी कुशल, प्रतिभाशाली लोग, जो निर्माण और बनाने की प्रक्रिया में लगे हुए हैं, “भगवान विश्वकर्मा”की विरासत हैं। ऐसे व्यक्तियों के बिना हमारा जीवन विशाल होगा।”

श्री मोदी ने कहा था, ”अपने चारों ओर देखो; चाहे वह लोहार हो, कुम्हार हो, बढ़ई हो, इलेक्ट्रीशियन हो, हाउस पेंटर हो, सफाई कर्मचारी हो या मोबाइल-लैपटॉप की मरम्मत करने वाला कोई व्यक्ति हो। ये सभी अपने हुनर​के कारण ही जाने जाते हैं। आधुनिक रूप में ये सभी विश्वकर्मा भी हैं।”

 

श्री मोदी ने कहा था, “लेकिन गुलामी और अधीनता की लंबी अवधि के दौरान, कौशल को ऐसा सम्मान देने वाली भावना धीरे-धीरे गुमनामी में बदल गई। सोच ऐसी हो गई कि कौशल आधारित कार्यों को हीन मान लिया गया और अब देखिए, आज पूरी दुनिया कौशल पर सबसे अधिक जोर दे रही है। हमें प्रतिभा का सम्मान करना होगा, कुशल बनने के लिए हमें कड़ी मेहनत करनी होगी। हमें कौशल में प्रवीण होने पर गर्व होना चाहिए।”

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मीडियाकर्मियों से बात करते हुए श्री नकवी ने कहा कि केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में “आजादी का अमृत महोत्सव”के तहत देश भर में 75 “हुनर हाट”को आयोजित करने की श्रृंखला के एक भाग के रूप में उत्तर प्रदेश के रामपुर में 16 से 25 अक्टूबर, 2021 तक “हुनर हाट”का आयोजन किया जा रहा है।

श्री नकवी ने कहा कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, नगालैंड, मध्य प्रदेश, मणिपुर, बिहार, आंध्र प्रदेश, झारखंड, गोवा, पंजाब, उत्तराखंड, लद्दाख, कर्नाटक, गुजरात, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु और केरल सहित 30 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 700 कारीगर और शिल्पकार रामपुर में पनवरिया के प्रदर्शनी मैदान में आयोजित होने वाले “हुनर हाट” में लकड़ी, पीतल, बांस, कांच, कपड़ा, कागज, मिट्टी आदि से बने अपने स्वदेशी उत्पादों को प्रदर्शित कर रहे हैं।

मंत्री महोदय ने कहा कि “वोकल फॉर लोकल”के अलावा, आगामी “हुनर हाट”भी “बेस्ट फ्रॉम वेस्ट”की थीम पर आधारित होगा। प्लास्टिक, कागज, प्लाई, लकड़ी, कांच, चीनी मिट्टी, जूट, कपास, ऊन के साथ-साथ केले के तने, गन्ने का गूदा, धान और गेहूं के भूसे-तने, भूसी, अरहर, रबर, लोहा और पीतल आदि जैसे घरों में इस्तेमाल के बाद छोड़े गए सामानों से बने उत्तम उत्पाद “हुनर हाट”में बिक्री और प्रदर्शन के लिए उपलब्ध होंगे।

उन्होंने कहा कि लोग हुनर हाट के बावर्चीखाना खंड में एक छत के नीचे देश के लगभग हर कोने से पारंपरिक भोजन का भी आनंद लेंगे। लोग अवध, रामपुर, हैदराबाद, महाराष्ट्र, गोवा, बिहार, राजस्थान, पूर्वोत्‍तर, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, नई दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, मैसूर आदि क्षेत्रों और राज्यों के पारंपरिक खाद्य पदार्थों का आनंद ले सकेंगे।

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श्री नकवी ने यह भी कहा कि पंकज उधास, अनु कपूर, सुदेश भोंसले, कुमार शानू, विनोद राठौर, अल्ताफ राजा, निजामी ब्रदर्स, विवेक मिश्रा, नीलम चौहान, रेखा राज, प्रेम भाटिया, भूपेंद्र सिंह भूप्पी, नूरान सिस्टर्स, जूनियर महमूद जैसे प्रसिद्ध कलाकार प्रतिदिन शाम को रामपुर के “हुनर हाट”में अपने संगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रमों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देंगे।

 

उन्होंने कहा कि “हुनर हाट”प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के “स्वदेशी-स्वावलंबन”और “स्थानीय के लिए मुखर”के आह्वान को मजबूत करने और पारंपरिक कारीगरों तथा शिल्पकारों के स्वदेशी उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए एक “विश्वसनीय मंच”बन गया है।

 

श्री नकवी ने कहा कि पिछले लगभग 6 वर्षों में “हुनर हाट” के माध्यम से 5 लाख 50 हजार से अधिक कारीगरों, शिल्पकारों और उनसे जुड़े लोगों को रोजगार और रोजगार के अवसर प्रदान किए गए हैं। “आजादी का अमृत महोत्सव”के तहत 75 “हुनर हाट”के आयोजन के माध्यम से लाखों और कारीगरों, शिल्पकारों को रोजगार और रोजगार के अवसर प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है।

श्री नकवी ने कहा कि “हुनर हाट”उस क्षेत्र विशेष के महान स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा निभाई गई भूमिका को कलात्मक तरीके से भी चित्रित करेगा, जहां “हुनर हाट”का आयोजन किया जाएगा।

श्री नकवी ने बताया कि रामपुर के बाद देहरादून (29 अक्टूबर से 7 नवंबर), लखनऊ (12 से 21 नवंबर), हैदराबाद (26 नवंबर से 5 दिसंबर), सूरत (10 से 19 दिसंबर), नई दिल्ली (22 दिसंबर 2021 से 02 जनवरी 2022) तक “हुनर हाट”का आयोजन किया जाएगा। मैसूर, गुवाहाटी, पुणे, अहमदाबाद, भोपाल, पटना, पुडुचेरी, मुंबई, जम्मू, चेन्नई, चंडीगढ़, आगरा, प्रयागराज, गोवा, जयपुर, बेंगलुरु, कोटा, सिक्किम, श्रीनगर, लेह, शिलांग, रांची, अगरतला और अन्य जगहों पर भी आने वाले दिनों में “हुनर हाट”का आयोजन किया जाएगा।

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