असंगठित श्रमिकों पर आधारित भारत के पहले राष्ट्रीय डेटाबेस ई-श्रम पोर्टल पर 4 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिक पंजीकृत हुए

दो महीने से भी कम समय में 4 करोड़ (40 मिलियन से अधिक) से अधिक श्रमिकों ने ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने एक ट्वीट संदेश में यह जानकारी साझा करते हुए कहा कि पंजीकरण कराने से असंगठित कामगारों को सरकारी योजनाओं का लाभ सरलता से मिल सकेगा।

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा शुरू ई-श्रम पोर्टल पर असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का लगातार पंजीकरण हो रहा है। दो माह से भी कम समय में 4 करोड़ से अधिक असंगठित कामगार पंजीकरण कर चुके हैं। इस पोर्टल पर पंजीकरण कराने से असंगठित श्रमिकों को सरकार की योजनाओं का लाभ सरलता से मिल सकेगा। pic.twitter.com/Vmq70cs8Rj

निर्माण, परिधान निर्माण, मछली पकड़ने, गिग और प्लेटफॉर्म वर्क, स्ट्रीट वेंडिंग, घरेलू कार्य, कृषि और संबद्ध कार्यों, परिवहन क्षेत्र जैसे विविध व्यवसायों से जुड़े श्रमिकों ने पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। इनमें से कुछ क्षेत्रों में प्रवासी श्रमिकों की एक बहुत बड़ी संख्‍या भी जुड़ी हुई है। प्रवासी श्रमिकों सहित सभी असंगठित श्रमिक अब ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण के माध्यम से विभिन्न सामाजिक सुरक्षा और रोजगार आधारित योजनाओं का लाभ ले सकते हैं।

नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, पोर्टल पर 4.09 करोड़ श्रमिकों ने पंजीकरण कराया है। इनमें से लगभग 50.02 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं और 49.98 प्रतिशत पुरुष हैं। यह उत्साहजनक है कि पुरुषों और महिलाओं का समान अनुपात इस अभियान का हिस्सा रहा है। लिंग के आधार पर पंजीकरण में साप्ताहिक सुधार होता रहा है, पुरुष और महिला श्रमिकों ने तुलनात्मक अनुपात में पंजीकरण किया है, जैसा कि नीचे दिए गए ग्राफ द्वारा दर्शाया गया है।

नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश राज्य सबसे अधिक पंजीकरण के साथ इस पहल में सबसे आगे हैं, जैसा कि नीचे दिए गए ग्राफ में दर्शाया गया है। हालाँकि, इस संख्या को सावधानी के साथ परिप्रेक्ष्य में रखा जाना चाहिए। जैसा कि समझा जा सकता है, छोटे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पंजीकृत कर्मचारियों की संख्या कम है। साथ ही, इस अभियान को मेघालय, मणिपुर, गोवा और चंडीगढ़ जैसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में गति प्राप्त करने की आवश्यकता है।

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भारत में रोजगार सृजन में इन दो क्षेत्रों की विशाल मात्रा को देखते हुए, पंजीकृत श्रमिकों की सबसे बड़ी संख्या कृषि और निर्माण से है। इसके अतिरिक्‍त, घरेलू और गृह कार्य से जुड़े श्रमिकों, परिधान क्षेत्र के श्रमिकों, ऑटोमोबाइल और परिवहन क्षेत्र के श्रमिकों, इलेक्ट्रॉनिक्स और हार्ड वेयर श्रमिकों, पूंजीगत वस्‍तु श्रमिकों, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, खुदरा, पर्यटन और आतिथ्य, खाद्य उद्योग तथा अन्‍य कई जैसे विविध और विभिन्न व्यवसायों के श्रमिकों ने इस पोर्टल पर पंजीकरण कराया है।

इन पंजीकृत श्रमिकों में से लगभग 65.68 प्रतिशत 16-40 वर्ष के आयु वर्ग के हैं और 34.32 प्रतिशत 40 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के हैं। इन श्रमिकों की सामाजिक संरचना में इन श्रेणियों से क्रमशः लगभग 43 प्रतिशत और 27 प्रतिशत के साथ अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और सामान्य जातियां शामिल हैं तथा अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के 23 प्रतिशत और 7 प्रतिशत श्रमिक शामिल हैं।

पंजीकरण के एक बड़े अनुपात को सीएससी द्वारा सुगम बनाया गया है, जैसा कि ऊपर दिए गए ग्राफ में दर्शाया गया है। दिलचस्प बात यह है कि केरल और गोवा जैसे कुछ राज्यों में और पूर्वोत्तर भारत, मेघालय और मणिपुर में बड़ी संख्या में लोगों ने पोर्टल पर स्व-पंजीकरण कराया है। दादरा और नगर हवेली, अंडमान और निकोबार और लद्दाख जैसे अधिकांश केंद्र शासित प्रदेशों के साथ भी ऐसी ही स्थिति है।

हालांकि, नवीनतम अपडेट के अनुसार, श्रमिकों के एक बड़े अनुपात (77 प्रतिशत) ने सीएससी के माध्यम से अपना पंजीकरण कराया है। सीएससी की पहुंच में सप्ताह दर सप्ताह सुधार हुआ है, जैसा कि ऊपर दिए गए आंकड़े में दर्शाया गया है। इसलिए, कम सुविधा वाले क्षेत्रों में सीएससी की पहुंच एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में उभर कर सामने आई है। श्रमिकों को पोर्टल पर खुद को पंजीकृत कराने के लिए अपने निकटतम सीएससी में जाने और इस प्रक्रिया का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है जिससे विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रमों के लाभों का व्‍यापक वितरण सुनिश्चित हो सकेगा।

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श्री भूपेंद्र यादव, श्रम और रोजगार सचिव श्री रामेश्वर तेली, श्री सुनील बर्थवाल (सचिव, एल एंड ई) और मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्रीय) तथा सीएलसी के अन्य क्षेत्रीय अधिकारी असंगठित श्रमिकों और ट्रेड यूनियन के नेताओं और मीडिया के साथ ई-श्रम पोर्टल की विशेषताओं और लाभों के बारे में जागरूक बनाने के लिए कई दौर की बातचीत कर रहे हैं, ताकि श्रमिकों को उपलब्ध तरीकों के द्वारा खुद को पंजीकृत कराने और कई सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

यह पंजीकरण महत्वपूर्ण कल्याणकारी कार्यक्रमों और असंगठित क्षेत्र और रोजगार में श्रमिकों के लिए लक्षित विभिन्न अधिकारों के वितरण और पहुंच की सुविधा प्रदान करेगा।

ऑनलाइन पंजीकरण के लिए, व्यक्तिगत श्रमिक ई-श्रम के मोबाइल एप्लिकेशन या वेबसाइट का उपयोग कर सकते हैं। वे इस पोर्टल में अपना पंजीकरण कराने के लिए सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी), राज्य सेवा केंद्र, श्रम सुविधा केंद्रों, डाक विभाग के डिजिटल सेवा केंद्रों के चुने हुए डाकघरों में भी जा सकते हैं।

ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण के बाद असंगठित श्रमिकों को एक डिजिटल ई-श्रम कार्ड प्राप्त होगा और वे पोर्टल या मोबाइल ऐप के माध्यम से अपने प्रोफाइल/विवरण को अपडेट कर सकते हैं। उनके पास एक सार्वभौमिक खाता संख्या (ई-श्रम कार्ड पर) होगी जो पूरे देश में स्वीकार्य होगी और अब उन्हें सामाजिक सुरक्षा लाभ प्राप्त करने के लिए विभिन्न स्थानों पर पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं होगी। यदि कोई कर्मचारी ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत है और किसी दुर्घटना का शिकार हो जाता है, तो वह मृत्यु या स्थायी विकलांगता पर 2.0 लाख रुपये और आंशिक विकलांगता पर 1.0 लाख रुपये प्राप्‍त करने का पात्र होगा।

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