केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत सरकार में लंबित मामलों के निस्तारण के लिए 2 अक्टूबर को शुरू किए गए विशेष अभियान की प्रगति की समीक्षा की

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान; प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 2 अक्टूबर को अपने प्रभार के तहत 9 विभागों / मंत्रालयों में लंबित मामलों के निपटान के लिए शुरू किए गए विशेष अभियान की प्रगति की आज समीक्षा की।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, अंतरिक्ष विभाग तथा परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव एवं प्रमुख तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने इस समीक्षा बैठक में भाग लिया।

 

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बैठक के दौरान डॉ. जितेंद्र सिंह को यह जानकारी दी गई कि विशेष अभियान के अंतर्गत 20 दिनों से भी कम समय में भारत सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों में प्रयोग में लाई जा सकने वाली एक लाख वर्ग फुट से अधिक जगह निकाली गई है। उन्हें बताया गया कि इसी दौरान बेहद कम समय में लगभग 4 लाख बेकार फाइलों को निपटाया गया है, जिस पर केंद्रीय मंत्री संतोष प्रकट किया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर सरकार में लंबित मामलों के निस्तारण के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है और इस अभियान की समाप्ति पर उन्हें इसके बारे में पूरी जानकारी दी जायेगी। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री ने 2 अक्टूबर से लेकर 31 अक्टूबर 2021 की अवधि के दौरान लंबित मामलों के निपटान के लिए पहली अक्टूबर 2021 को एक विशेष अभियान शुरू किया था।

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग- डीएआरपीजी को विभिन्न श्रेणियों के लंबित मामलों में कमी पर भारत सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों का तुलनात्मक विश्लेषण करने तथा सभी के साथ साझा करने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को तैयार करने के निर्देश दिए हैं। श्री सिंह ने डीएआरपीजी को इस अभियान को गति देने के लिए मंत्रालयों के साथ समन्वय करने को कहा क्योंकि 10 दिनों के बाद इसकी समय सीमा समाप्त होने जा रही है। केंद्रीय मंत्री ने दोहराया कि इस अभियान के समाप्त होने के बाद भी इसके प्रारम्भ होने की प्रेरणा बनी रहनी चाहिए क्योंकि लंबित मामलों में कमी लाना एक अनवरत प्रक्रिया है।

 

 

डॉ. जितेंद्र सिंह 15 अगस्त 2014 को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पहले भाषण का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने 2 अक्टूबर 2014 से स्वच्छ भारत मिशन शुरू करने की घोषणा की थी। श्री सिंह ने कहा कि स्वच्छता के लिए चलाया गया मिशन एक जन आंदोलन बन गया और लोगों ने इसे एक सामाजिक सुधार आंदोलन के रूप में आत्मसात किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसी भावना को ध्यान में रखते हुए 2 अक्टूबर 2021 से सभी लंबित फाइलों को निपटाने और कार्यालय परिसर तथा उसके पीछे के हिस्से में अनावश्यक कबाड़ व प्रयोग में ना आने वाली वस्तुओं को हटाने के लिए एक नया स्वच्छता अभियान शुरू किया गया।

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसी महीने प्रधानमंत्री ने भारत के सभी शहरों को कचरा मुक्त बनाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के दूसरे चरण की शुरुआत की है, इसलिए यह और भी आवश्यक हो जाता है कि इस विशेष अभियान के दौरान अस्थायी प्रकृति की फाइलों की पहचान की जाए और मौजूदा निर्देशों के अनुसार उन्हें निपटा दिया जाए तथा कार्यस्थलों पर सफाई व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए अनावश्यक कबाड़ सामग्री एवं प्रयोग में ना आने वाली वस्तुओं को त्याग दिया जाए।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विशेष अभियान का उद्देश्य निश्चित अवधि के दौरान प्रत्येक मंत्रालय/विभाग और उसके संबद्ध/अधीनस्थ कार्यालयों द्वारा जन शिकायतों, संसद सदस्यों, राज्य सरकारों के संदर्भ में, अंतर-मंत्रालयी परामर्श और संसदीय आश्वासनों का समय पर तथा प्रभावी निपटान होना सुनिश्चित करना है। विशेष अभियान का प्रारंभिक चरण 13 सितंबर, 2021 से 30 सितंबर, 2021 तक आयोजित किया गया था। प्रारंभिक चरण में मंत्रालयों और विभागों ने लंबित मामलों की स्थिति की पहचान की थी।

 

 

एमजी/एएम/एनके/वाईबी