एलएम (पैकेट में बंद जिंस) नियमों के उल्लंघन पर 202 नोटिस दिए गए, अधिकांश नोटिस इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से संबंधित हैं

उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के उपभोक्ता कार्य विभाग के तहत केन्‍द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने उपभोक्ता के अधिकारों के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की है। त्योहारी मौसम से पहले सीसीपीए ने उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाए हैं।

उपभोक्ता कार्य विभाग में सचिव सुश्री लीना नंदन ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि कैसे सीसीपीए किस प्रकार उल्लंघन करने वालों पर कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से शिकंजा कसता रहा है।

 

उल्लंघनों में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध उत्पादों के विनिर्माण के स्रोत देश के बारे में गलत जानकारी देना और विनिर्माण का स्रोत देश घोषित करने में विफल होना शामिल है। सीसीपीए ने राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पोर्टल पर अनेक उपभोक्ताओं से प्राप्त शिकायतों के आधार पर मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है।

उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 का नियम 6(5)(डी) एक बाजार में व्‍यापार कम्‍पनी के माध्यम से किसी भी विक्रेता के लिए सामान या सेवाओं की पेशकश करना अनिवार्य बनाता है, जिसमें विक्रेता विनिर्माण के स्रोत देश सहित बिक्री के लिए दी जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं के बारे में सभी महत्‍वपूर्ण विवरण प्रदान करता है ताकि खरीद पूर्व चरण में उपभोक्ता सोच-समझकर फैसला करे। नियम 4(3) में आगे कहा गया है कि कोई भी ई-कॉमर्स संस्था किसी भी अनुचित व्यापार कार्य प्रणाली को नहीं अपनाएगी, चाहे वह अपने प्लेटफॉर्म पर कारोबार के दौरान हो या अन्य प्रकार से।

सीसीपीए ने ई-कॉमर्स संस्थाओं को उनके प्लेटफॉर्म पर नियमों के उल्लंघनों के लिए नोटिस भेजा है। सीसीपीए ने ऐसी संस्थाओं को निर्देश दिया है कि वे विस्तृत जवाब देकर बताएं कि इस मामले में उनके द्वारा क्या ठोस कदम उठाए गए हैं।

चूंकि एलएम (पैकेट में बंद जिंसों) नियम भी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर स्रोत देश की घोषणा को अनिवार्य करते हैं, इसलिए सीसीपीए विधिक माप पद्धति कानून के अंतर्गत आवश्‍यक कार्रवाई करने के लिए विधिक माप पद्धति विभाग के साथ मिलकर काम कर रहा है।

इस प्रकार, 16.10.20 से 22.10.21 की अवधि में विनिर्माण के स्रोत देश के उल्लंघन के संबंध में 202 नोटिस दिए गए। इनमें से सबसे अधिक 47 नोटिसों के साथ  इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में उल्लंघन के मामले दर्ज किए गए, इसके बाद परिधानों में 35 नोटिस दिए गए।

75 कंपनियों ने अपने अपराधों को कम किया है, जिनमें से 68 ने विनिर्माण के स्रोत देश से संबंधित उल्लंघनों के लिए अपराधों का शमन किया है। अपराधों के शमन द्वारा एकत्र की गई कुल राशि 41,85,500 रुपये है।

 

उल्‍लंघन की प्रकृति

 

जारी किए गए नोटिसों की संख्‍या ( 16.10.20 से अब तक)

उत्पादन/विनिर्माण का देश

202

उपयोग-समाप्ति की तारीख/से पूर्व उपयोग

7

विनिर्माता / आयातक का पता

6

एमआरपी से ज्यादा वसूलना

3

एमआरपी की घोषणा न करना

1

गैर-मानक इकाइयां

1

निवल मात्रा

1

कुल

217

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम और ई-कॉमर्स नियम, 2020 के तहत उल्लंघनों का तत्काल संज्ञान लेने के लिए सीसीपीए भारत में ई-कॉमर्स परिदृश्य की लगातार निगरानी कर रहा है।

 

गौरतलब है कि सीसीपीए ने सभी बाजारों ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों को सलाह जारी की है।

सीसीपीए के संज्ञान में यह बात आई है कि कुछ बाजार ई-कॉमर्स संस्थाएं ई-कॉमर्स नियम, 2020 के नियम 5(3)(ई) का पालन नहीं कर रही हैं, जो प्रत्येक बाजार ई-कॉमर्स इकाई के लिए यह अनिवार्य करता है कि वे अपने प्लेटफॉर्म पर उचित स्थान पर एक स्पष्ट और सुलभ तरीके से, नियम 6 के उप-नियम (5) के तहत विक्रेताओं द्वारा प्रदान की गई सभी जानकारी जिसमें उपभोक्ता शिकायत निवारण के लिए शिकायत अधिकारी का नाम, संपर्क नंबर और पदनाम शामिल है या किसी की रिपोर्ट करने के लिए अन्य मामला शामिल है, अपने उपयोगकर्ताओं के लिए प्रमुखता से प्रदर्शित करें । अतः उपभोक्ता ऐसे प्लेटफॉर्म पर विक्रेताओं से अपनी शिकायतों का निवारण करने में असमर्थ हैं।

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आवश्यक जानकारी की कमी के कारण, उपभोक्ता को उत्पाद या सेवा के बारे में गलत जानकारी दी जाती है। प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित विक्रेता के शिकायत अधिकारी के नाम, संपर्क नंबर और पदनाम की किसी भी जानकारी के बिना, उपभोक्ता के पास किसी भी शिकायत के मामले में मार्केटप्लेस ई-कॉमर्स संस्था से संपर्क करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता है।

अपनी समीक्षा में, सीसीपीए ने पाया है कि मार्केटप्लेस ई-कॉमर्स संस्थाएं उपभोक्ताओं को यह कहते हुए गोल-मोल उत्तर दे रही हैं कि वे केवल मध्यस्थ हैं और उत्पाद के संबंध में किसी भी शिकायत के लिए उत्तरदायी नहीं हैं और इस प्लेटफॉर्म पर की गई खरीदारी से उत्पन्न होने वाली किसी भी देयता के लिए विक्रेता ही जिम्मेदार है।

अतः, सीसीपीए ने ई-कॉमर्स नियम, 2020 के अनुसार विक्रेताओं द्वारा प्रदान की गई जानकारी को अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करने के लिए सभी मार्केटप्लेस ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को दिनांक 01.10.2021 को एक सलाह जारी की है।

 

अनिवार्य बीआईएस मानकों के उल्लंघन में बेचे जाने वाले नकली सामानों के विरूद्ध कार्रवाई

आजादी के 75 वर्ष के जश्न – ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाने के भाग के रूप में, सीसीपीए ने केंद्र सरकार द्वारा प्रकाशित गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों का उल्लंघन करने वाले नकली सामानों की बिक्री को रोकने के लिए देशव्यापी अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। इस उद्देश्य के लिए अभिचिह्नित दैनिक उपयोग के उत्पाद – हेलमेट, प्रेशर कुकर और रसोई गैस सिलेंडर हैं। अनिवार्य मानकों के उल्लंघन को बीआईएस अधिनियम की धारा 29 (4) के तहत संज्ञेय अपराध के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इस तरह के सामान हानिकारक, खतरनाक और उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाने वाले हो सकते हैं।

कानून की धारा 2(47) के तहत, अनुचित व्यापार व्यवहार में भ्रामक रूप से यह प्रदर्शित करते हुए कि सामान किसी विशिष्ट मानक, गुणवत्ता, मात्रा, श्रेणी, संरचना, शैली या मॉडल की है, किसी भी सामान, जिसमें किसी भी अनुचित तरीके या धोखाधड़ीपूर्ण या भ्रामक व्यवहार को अपनाया जाता है, की बिक्री, उपयोग या आपूर्ति को बढ़ावा देना शामिल है।

सीसीपीए ने उपभोक्ताओं को ऐसे सामानों की बिक्री से जुड़े अनुचित व्यापार व्यवहार का स्वत: संज्ञान लिया है। सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के जिला कलेक्टरों को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 16 के तहत उपभोक्ताओं को ऐसे सामान की बिक्री संबंधी अनुचित व्यापार प्रथाओं की जांच करने का निर्देश दिया गया है। सीसीपीए ने महानिदेशक, बीआईएस को इस मुद्दे को प्राथमिकता के आधार पर उठाने और सभी क्षेत्रीय शाखाओं को बाजार निगरानी करने और तत्काल कार्रवाई करने के लिए सूचित करने हेतु भी पत्र लिखा है।

सचिव, उपभोक्ता मामले विभाग ने सभी राज्यों और संघ ऱाज्य क्षेत्रों के मुख्य सचिवों को अनिवार्य मानकों का उल्लंघन करने वाले सामानों की बिक्री और विनिर्माण को रोकने के लिए जिला कलेक्टरों और पुलिस आयुक्तों के समन्वय में प्रवर्तन अभियान चलाने के लिए पत्र लिखा है। उल्लेखनीय प्रवर्तन गतिविधियां करने वाले राज्यों को आजादी का अमृत महोत्सव के प्रतिष्ठित सप्ताह के दौरान मान्यता प्रदान की जाएगी।

उपभोक्ताओं को साइबर धोखाधड़ी से बचाने के लिए हितधारकों के साथ समन्वय की नई पहल

राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता हेल्‍पलाइन (एनसीएच) पर भी साइबर धोखाधड़ी से संबंधित शिकायतें मिलीं। उपभोक्ता कार्य विभाग ने एनसीएच पर साइबर धोखाधड़ी से संबंधित शिकायतों के निवारण की प्रक्रिया को सुदृढ़ करने के लिए गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र  (आई4सी) के साथ समन्वय किया है।

साइबर धोखाधड़ी की सूचना देने के लिए हेल्पलाइन नंबर 155260 को एनसीएच पोर्टल पर मुख्य रूप से प्रदर्शित किया गया है। साइबर क्राइम पोर्टल पर सीधे शिकायत दर्ज करने के लिए एक बैनर लिंक भी प्लेटफॉर्म पर दिया गया है।

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साइबर धोखाधड़ी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए रक्षा संसाधनों (एडवोकेसी रिसॉर्सेज) को भी एनसीएच प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित किया गया है। इनमें वित्तीय धोखाधड़ी, नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी और मेट्रीमोनियल धोखाधड़ी जैसी आम साइबर धोखाधड़ी से बचाव के लिए निवारक उपाय शामिल हैं।

नेशनल पेमेंट कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने भीम, भारत क्यूआर, आईएमपीएस, डेबिट कार्ड आदि जैसे डिजिटल भुगतान के विभिन्न तरीकों के लिए अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न उपलब्ध कराने के लिए ‘डिजिटल भुगतान के संबंध में ज्ञान का आधार (नोलेज बेस ऑन डिजिटल पेमेंट्स’ प्रदान किया है जिसे एनसीएच प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित किया गया है। एनपीसीआई ने यूपीआई संबंधी शिकायतों के लिए एक ऑनलाइन विवाद समाधान प्रणाली भी शुरू की है।

आई4सी साइबर अपराध से संबंधित शिकायतों से प्रभावी ढंग से निपटने में परामर्शदाताओं और पर्यवेक्षकों को सक्षम बनाने के लिए एनसीएच/जेडसीएच में एक प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित करेगा।

अतः, विभाग उपभोक्ताओं को साइबर धोखाधड़ी से बचाने और उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा के लिए टीआरएआई, एनपीसीआई और आई4सी सहित हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहा है।

उपभोक्ता जागरूकता के प्रसार के लिए किए गए प्रचार उपाय

उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों, उपभोक्ता संरक्षण कानून के बारे में जागरूक करने और अनुचित व्यापार प्रथाओं से सावधान रहने के लिए बहुत-सी पहुंच वाली और प्रचार गतिविधियां शुरू की गई हैं। राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन का प्रचार करना और उपभोक्ताओं को उपभोक्ता शिकायतें दायर करने की प्रक्रिया के बारे में शिक्षित करने पर विभाग मुख्य रूप से ध्‍यान देता रहा है। विभाग की टैग लाइन जागो ग्राहक जागो को देश में व्यापक पहचान मिली हुई है।

विभाग के सोशल मीडिया चैनलों, विभाग की वेबसाइट, राज्य सरकार के तंत्र और पंचायती राज संस्थानों के माध्यम से हिंदी और अंग्रेजी के अलावा विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में श्रव्य / दृश्य / स्टिल क्रिएटिव का प्रसार, पहुंच का विस्तार और सर्वेक्षण के लिए माईगॉव (MyGov) के साथ साझेदारी, प्रतियोगिताएं और उपभोक्ता जागरूकता सामग्री का व्यापक प्रसार, विशेष रूप से ग्रामीण और दूर-दराज के जनजातीय और पूर्वोत्‍तर क्षेत्रों में, व्यापक पैमाने पर किया गया है।

विभाग ने प्रसार के लिए उपभोक्ता कल्याण कोष में पंजीकृत स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठनों के साथ उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019, राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन, हॉलमार्किंग और पैकबंद वस्तु नियमों पर वीडियो साझा किए हैं। जागरूकता के प्रसार के लिए एनसीएच द्वारा हल किए गए मामलों (सक्सेज स्टोरी) को सोशल मीडिया और विभाग की वेबसाइट पर साझा किया गया है। जनजातीय क्षेत्रों और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में 1500 सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से उपभोक्ता जागरूकता पर संदेश प्रदर्शित करने का कार्य शुरू किया गया है।

विभाग ने रेल मंत्रालय, आईआरसीटीसी के साथ एक जागरूकता अभियान चलाया है जिसके अंतर्गत राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन, आभूषणों की हॉलमार्किंग, जागरूकता के संबंध में संदेशों को आईआरसीटीसी द्वारा जारी किए गए इलेक्ट्रॉनिक टिकटों और टिकट की पुष्टि/निरस्तीकरण संबंधी ई-मेल पर प्रिंट किया जाता है।

एनसीएच के लिए वीडियो प्रमाण पत्र के लिए एक प्रतियोगिता माईगोव पोर्टल पर लाइव है ताकि लोग अपनी समस्या के समाधान को साझा कर सकें। डीडी न्यूज और डीडी किसान पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, बीआईएस, स्वर्ण हॉलमार्किंग के संबंध में स्क्रॉल प्रदर्शित किए गए।

विभाग, विशेष रूप से निकट भविष्‍य में डिजिटल भुगतान तंत्र के सुरक्षित उपयोग और इलेक्ट्रॉनिक साइबर धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग के संबंध में अन्य विभागों के साथ संयुक्त अभियानों के जरिए उपभोक्ता जागरूकता अभियान को सुदृढ़ करना चाहता है। देश की अर्थव्यवस्था और देश में बेचे जा रहे गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के लिए एक जागरूक उपभोक्ता फायदेमंद है।

सम्‍मेलन में उपभोक्‍ता कार्य मंत्रालय में अपर सचिव सुश्री निधि खरे, संयुक्‍त सचिव श्री विनीत माथुर और श्री अनुपम मिश्र भी मौजूद थे।

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एमजी/एएम/केपी