सीएसआईआर ने सीवरेज रखरखाव के लिए स्वदेशी मशीनीकृत सफाई प्रणाली का विकास किया

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने सीएसआईआर-केन्द्रीय मेक्नाशियल इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (सीएमईआरआई), दुर्गापुर द्वारा विकसित स्वदेशी मशीनीकृत सफाई प्रणाली (मैकेनाइज्ड स्कैवेंजिंग सिस्टम) का सीएसआईआर-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला के परिसर में सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया।

इस अवसर पर सीएसआईआर के महानिदेशक और डीएसआईआर के सचिव डॉक्‍टर शकर सी.मांडे, सीएसआईआर-सीएमईआरआई दुर्गापुर, के निदेशक प्रो. (डॉ.) हरीश हिरानी, राष्‍ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला (एनपीएल), दिल्‍ली के निदेशक ​​प्रो. वेणुगोपाल अचंता, एनपीएल, दिल्ली, मंत्रालय में संयुक्‍त सचिव सुश्री रूपा मिश्रा आईएएस, जेएस, दिल्ली के तीन नगर निगमों के आवास और शहरी मामलों के प्रतिनिधि, सरकारी अधिकारी, इंजीनियर और उद्योगपति उपस्थित थे।

डॉक्‍टर शेखर सी मांडे ने इस अवसर पर कहा कि वैज्ञानिक और औद्योगिकी अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) सोसाइटी की पिछली बैठक में दिए गए प्रधानमंत्री के निर्देश पर इस उपकरण का विकास किया गया है और यह उपकरण दिल्ली जैसे मेट्रो शहरों के लिए आदर्श रूप से अनुकूल है। टियर-2 और टियर-3 शहरों के लिए मशीन के दो और संस्करण विकसित किए गए हैं। उन्होंने दिल्ली के तीन नगर निगमों, दिल्ली जल बोर्ड और सुलभ इंटरनेशनल के प्रतिनिधियों से इस उपकरण को उपयोग में लाने का अनुरोध किया ताकि इससे समाज लाभान्वित हो सके।

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केन्द्रीय मेक्नाशियल इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (सीएमईआरआई), दुर्गापुर के निदेशक प्रो. (डॉ.) हरीश हिरानी, ​​ने प्लास्टिक और अन्य नष्‍ट न हो सकने वाले जैव अपशिष्‍टों (नौन-बायोडिग्रेडेबल), घरेलू फेंकने वाली वस्तुओं, मलबे, पेड़ की जड़ों की घुसपैठ आदि के कारण होने वाली रुकावट से निपटने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित मशीनीकृत मैला ढोने की प्रणाली की प्रभावशीलता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इस प्रणाली की नवीनताओं जैसे: “जेटिंग ऑपरेशन के लिए घोल के पानी का उपयोग”, “स्व-चालित पोस्ट सफाई पश्‍चात निरीक्षण प्रणाली”, “जेटिंग पाइप का कीटाणुशोधन”, “अंतर्निहित सुरक्षा सुविधाएँ”, आदि का वर्णन किया।

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विकसित प्रणाली को भारत में बाजार में उपलब्ध प्रणाली के साथ बेंचमार्क किया गया है और इसमें कई ऐसी विशेषताएं जोड़ी गई हैं जो इसे भारत में अपनी तरह का पहला बनाती हैं। विकसित प्रणाली “बहुत ही किफायती” है और स्वच्छ भारत मिशन का एक महत्वपूर्ण वाहक है। विकसित प्रणाली “मानव सफाई कर्मचारियों” को सीवरेज रख-रखाव प्रणालियों में नवीनतम तकनीकी प्रगति की जानकारी देने के साथ-साथ उनकी दक्षता, प्रदर्शन को बढ़ाने और शरीर में प्रवेश करने वाले रोगजनकों के खिलाफ उनकी रक्षा करने में मदद करेगी, साथ ही यह मैला ढोने के पेशे से अपमान को भी दूर करेगा। सीएसआईआर-सीएमईआरआई विकसित मशीन को 5000 लोगों की जनसंख्‍या घनत्व के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो कि 300 मिमी व्यास तक और सीवर प्रणाली की 100 मीटर लंबाई के लिए सबसे उपयुक्त है।

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