महाराष्ट्र में जल जीवन मिशन की प्रगति की समीक्षा की गई

अक्टूबर, 2021 में राष्ट्रीय जल जीवन मिशन की टीमों के महाराष्ट्र दौरे के बाद नई दिल्ली में जल शक्ति मंत्रालय में प्रधान सचिव,जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग और उनकी टीम के साथ एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक की अध्यक्षता अतिरिक्त सचिव एवं राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के मिशन निदेशकनेकी। बैठक का उद्देश्य जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन में राज्य द्वारा की गई प्रगति पर चर्चा करना और मौजूदा वित्तीय वर्ष के शेष 5 महीनों के लिए प्रस्तावित योजना और गतिविधियों के साथ-साथ समयबद्ध तरीके से100% कवरेज यानी इसे पूरी तरह लागू करने के लिए अपनाई जाने वाली रणनीतियों के बारे में ताजा जानकारी हासिल करना था। टीम ने जमीनी स्तर पर सामने आई चुनौतियों के बारे में बताया और यह भी कहा कि महाराष्ट्र के 145 ब्लॉक पानी की कमी से जूझ रहे हैं।

 

महाराष्ट्र में कुल 1.42 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से 95.52 लाख (67.10%)घरों में नल काजल के कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। 15 अगस्त 2019 कोजल जीवन मिशन के शुभारंभ के समय48.43 लाख घरों (34%)में नल का जल के कनेक्शन थे। पिछले 26 महीनों में,47.08 लाख घरों (33%)को कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के बावजूद नल काजल के कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। जबकि, इस दौरान राज्य में निर्माण गतिविधि बुरी तरह प्रभावित हुई थी। राज्य ने यह सुनिश्चित किया कि नल का जल कनेक्शन अधिक से अधिक ग्रामीण घरों तक पहुंचे ताकिपानी ले जाने के लिए सार्वजनिक जगहों पर लोगों के जमावड़े से बचा जा सके। कुछ मामलों में,जन स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने उन घरों में प्राथमिकता के आधार पर नल काजल के कनेक्शन प्रदान किए,जहां कोरोना संक्रमित रोगी थे और उनके परिवार के सदस्यों को क्वारंटाइन पर रखा गया था।

 

केन्द्रीय मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सोच को क्रियान्वित करते हुए राज्य के लिए बजट के केन्द्रीय हिस्से को चार गुना बढ़ा दिया है ताकि कार्यक्रम को लागू करने में धन की कमी न हो। महाराष्ट्र को 2020-21 में 1,829 करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया गया था,जिसे बढ़ाकर 7,064 करोड़ रुपये कर दिया गया है। केंद्रीय मंत्री ने बजट के बढ़े हुए आवंटन को मंजूरी देते हुए महाराष्ट्र में “हर घर जल” सुनिश्चित करने के लिए केंद्र द्वारा राज्य को पूरी सहायता का आश्वासन दिया था।

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महाराष्ट्र कोवित्तीय वर्ष 2021-22 मेंग्रामीण स्थानीय निकायों/पीआरआई को जल और स्वच्छता के लिए 15वें वित्त आयोग के अनुदान के रूप में 2,584 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और अगले पांच वर्षों के लिए यानी 2025-26 तक ग्रामीण स्थानीयनिकायों के लिए 13,628 करोड़ रुपये का सुनिश्चित फंड दिया गया है। महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्रों में इस बड़े निवेश से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। यह ग्राम जल उपयोगिता कार्यों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगा।

 

सभी विद्यालयों और आंगनबाडी केन्द्रों में पीने, मध्याह्न भोजन पकाने,हाथ धोने और शौचालयों में उपयोग के लिए नल काजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। अब तक,महाराष्ट्र में 71,062 स्कूलों (83%) और 71,386(78%)आंगनवाड़ी केंद्रों को नल काजल के कनेक्शन प्रदान किए गए हैं।

 

जल जीवन मिशन को ‘बॉटम-अप’ यानी नीचे से ऊपर की ओर वाले दृष्टिकोण के साथ एक विकेन्द्रीकृत तरीके से लागू किया जाता है, जिसमें स्थानीय ग्राम समुदाय योजना से लेकर कार्यान्वयन और प्रबंधन से संचालन और रखरखाव तक की महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके लिए राज्य सरकार पानी समिति को मजबूत करने और ग्राम कार्य योजना को विकसित करने के साथ-साथ ग्राम सभा में उसे मंजूरी देने जैसी गतिविधियों को अंजाम देता हैजिसमें ग्राम समुदाय उनके लिए लागू की जाने वाली जलापूर्ति योजनाओं पर विचार-विमर्श करता है। यह कार्यक्रम इन चर्चाओं में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करता है क्योंकि किसी भी घर में वहीजल की प्राथमिक प्रबंधक होती हैं। मिशन के बारे में जनता में जागरूकता पैदा करने,उन्हें शुद्ध पानी के महत्व के बारे में जागरूक करने,समुदाय के साथ जुड़ने और कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए पंचायती राज संस्थान को मदद देने के लिए विभाग द्वारा कार्यान्वयन सहायता एजेंसियां ​​(आईएसए) लगाई गई हैं। महाराष्ट्र ने 2.74 लाख हितधारकों की क्षमता बनाने की योजना बनाई है जिसमें सरकारी अधिकारी, कार्यान्वयन सहायता एजेंसियां ​​(आईएसए),इंजीनियर,ग्राम जल और स्वच्छता समिति,निगरानी समिति और पंचायत सदस्य शामिल हैं। कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत राज्य में लगभग 4.15 लाख लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

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सार्वजनिक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करते हुएदेश में 2,000 से अधिक जल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाएं आम जनता के लिए खोली गई हैं ताकि वे जब चाहें मामूली लागत पर अपने पानी के नमूनों की जांच करवा सकें। महाराष्ट्र में 177 जल परीक्षण प्रयोगशालाएं हैं।

 

15अगस्त 2019को प्रधानमंत्री द्वारा घोषित जल जीवन मिशन को राज्यों के साथ साझेदारी में लागू किया जा रहा है। 2021-22 में जल जीवन मिशन का बजट 50,011 करोड़ रुपये है। राज्य के बराबर के हिस्से और आरएलबी / पीआरआई को जल और स्वच्छता के लिए15वें वित्त आयोग की ओर से 26,940 करोड़ रुपये के अनुदान के साथइस वर्ष ग्रामीण पेयजल आपूर्ति क्षेत्र में 1लाख करोड़ रुपये से अधिक धन का उपयोग किए जाने की संभावना है। ग्रामीण क्षेत्रों में इतने बड़े निवेश से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी।

 

2019 में मिशन की शुरुआत में,देश के कुल 19.20 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से केवल 3.23 करोड़ (17%) परिवारों के पास नल का पानी था। पिछले 26 महीनों में, कोविड -19 महामारी और लॉकडाउन व्यवधानों के बावजूदजल जीवन मिशन को तेजी से लागू किया गया और 5.23 करोड़ ग्रामीण परिवारों को पाइप से पानी का कनेक्शन प्रदान किया गया है। वर्तमान में, देश भर में 8.48 करोड़ (44.12%)ग्रामीण घरों में पीने योग्य पानी है। गोवा,तेलंगाना,हरियाणा राज्यों और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, पुडुचेरी,दमन और दीव केंद्र शासित प्रदेशों के ग्रामीण क्षेत्रों में 100% घरेलू नल के जल के कनेक्शनसुनिश्चित कर दिए गए हैं।

 

इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के’सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास,सबका प्रयास’के विजन का पालन किया जा रहा है ताकि कोई भी घर छूट न जाए। अभी82 जिलों और 1.22 लाख गांवों के हर घर को सस्ती दरों पर, नियमित आधार पर निर्धारित गुणवत्ता वाला और पर्याप्त मात्रा में नल का पानी मिल रहा है। इसकाउद्देश्य पानी को लेकर महिलाओं और बच्चों को होने वाली कठिनाई को कम करना है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के ‘जीवन की सुगमता’को बढ़ाया जा सके।

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